अग्नितुंडी वटी के फायदे

अग्नितुंडी वटी के फायदे

अग्नितुंडी वटी के फायदे-आपको इस वटी के नाम में ही अग्नि शब्द देखने को मिलता है । पेट की अग्नि को बढ़ाने वाली टेबलेट है । आयुर्वेद चिकित्सा में इसका प्रयोग पेट से संबंधित रोगों में किया जाता है । यह भोजन को तुरंत पचाने वाला, दीपन पाचन करने वाला, तथा भोजन के उपरांत होने वाले दर्द या गैस्ट्रिक होने पर भी प्रयोग कराया जाता है ।

भूख की कमी, भोजन का ना पचना, पेट दर्द जैसी आम शिकायतों में यह उपयुक्त औषधि है । आंतो में आम का पाचन करके आम दोष को ठीक करता है । लिवर से जुड़ी समस्याओं को ठीक करने में भी उपयुक्त माना जाता है ।

इस वटी को तैयार करने में ऐसे घटक द्रव्य का प्रयोग किया जाता है । जो पेट की आंतों की दुर्बलता को कम करती है ।

आइए जानते हैं भारत भैषज्य रत्नाकर के अनुसार अग्नितुंडी वटी के फायदे और घटक द्रव्य-

अग्नितुंडी वटी के घटक द्रव्य-

प्रत्येक टेबलेट में मिलाए जाने वाले घटक द्रव्य-

  1. शुद्ध पारद- एक भाग
  2. चित्रक- एक भाग
  3. सेंधव लवण- एक भाग
  4. शुद्ध गंधक- एक भाग
  5. शुद्ध वत्सनाभ – एक भाग
  6. जीरा -1 भाग
  7. अजमोदा – एक भाग
  8. सौवर्चल लवण- एक भाग
  9. हरीतकी- एक भाग
  10. विडंग – एक भाग
  11. बहेड़ा- एक भाग
  12. समुद्र लवण – एक भाग
  13. आंवला– एक भाग
  14. टंकण – एक भाग
  15. यवक्षार – एक भाग
  16. सज्जिक्षार- एक भाग
  17. शुद्ध विष मुष्टी – 16 भाग

भावना-

नींबू का रस आवश्यकता के अनुसार

अग्नितुंडी वटी के फायदे एवं उपयोग-

  1. पेट की भूख बढ़ाने के लिए ।
  2. आम के पाचन के लिए उपयोग किया जाता है ।
  3. पेट में बनने वाली गैस से राहत दिलाने के लिये उपयोग कराया जाता है ।
  4. ग्रहणी रोग ( कुछ भी खाने के बाद तुरंत मल त्याग को जाना पड़ता है) में भी उपयोगी है ।
  5. भोजन के सही पाचन नहीं होने के कारण उत्पन्न मोटापा इत्यादि में भी इसका प्रयोग कराया जाता है ।
  6. यकृत के संबंधित समस्या जैसे लिवर फैटी हो जाना, लीवर से पाचक रसों का स्त्रावण नियमित करता है ।
  7. आंतों की दुर्बलता को दूर करके संचित मल का निष्कासन करता है ।

सेवन मात्रा-

वयस्कों के लिए -एक से दो गोली दिन में दो बार चिकित्सक के निर्देशानुसार सेवन करें।

अनुपान –

शहद, नींबू के रस ,गुनगुने पानी से चिकित्सक के निर्देशानुसार रोग के अनुरूप अनुपान प्रयोग करें ।

सावधानी-

  • किसी भी आयुर्वेदिक औषधि के सेवन से पूर्व अधिकृत रजिस्टर्ड आयुर्वेद चिकित्सक की सलाह जरूरी है ।
  • निर्धारित मात्रा से अधिक मात्रा में सेवन ना करें ।
  • बच्चों की पहुंच से दूर रखें ।
  • फ्रीज में ना रखें ।

कहां से खरीदें?

हर आयुर्वेदिक मेडिकल स्टोर पर आसानी से उपलब्ध है । आजकल ऑनलाइन स्टोर पर भी डॉक्टर द्वारा लिखित रोगी व्यवस्था पत्र के अनुसार ऑर्डर कर सकते हैं ।

चेतावनी- इस लेख में लिखी गई समस्त जानकारी चिकित्सा परामर्श नहीं है । आयुर्वेदिक औषधि के सेवन से पूर्व आयुर्वेद चिकित्सक की सलाह लेवे ।

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