अनार खाने के फायदे-आपने वह कहावत तो सुनी होगी एक अनार सौ बीमार यह कहावत यू ही नहीं बनी है । आज हम जानेंगे अनार के फायदे के बारे में अनार का फल बहुत ही फायदेमंद होता है स्वास्थ्यवर्धक होता है । साथ ही अनार के पत्तो एवं अनार की कलियों के फायदे भी जानेंगे !
इसे टॉनिक के रूप में काम में लिया जाता है । इसके कई औषधीय गुण हैं ।
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अनार के प्रकार
- देसी अनार ( खट्टे मीठे होते हैं ।)
- काबुली अनार ( मीठे होते हैं)
- बादाना अनार ( अधिक रस वाले और मुलायम और मीठे होते हैं ।)
मीठा अनार खाने के फायदे
सबसे उत्तम खून को बढ़ाने वाला।खून की गुणवत्ता को बढ़ाने वाला।
मूत्रल , और कबजी को दूर करने वाला होता है । शारीरिक क्षमता में वृद्धि और शक्ति दायक होता है । इसका रस हृदय के लिए अत्यंत ही गुणकारी होता है ।
खट्टा अनार खाने के फायदे
पेट की गर्मी, यकृत की गर्मी काम करने वाला होता है । अमाशय की एसिडिटी को कम करने वाला होता है । बुखार के कारण होने वाली दस्तों में यह फायदेमंद है । गर्मी के कारण होने वाली उल्टी दस्त , डिहाइड्रेशन और सूखी खुजली में फायदेमंद है । कान के दर्द में थोड़ा सा शहद के साथ मिलाकर डालने से कान का दर्द दूर हो जाता है ।
खट्टा मीठा अनार खाने के फायदे
पेट की पाचन क्रिया को सुधारने वाला । हिक्का रोग में फायदेमंद होता है । आमाशय को शक्ति प्रदान करने वाला होता है । छिलके सहित निकाले गए रस को शक्कर मिलाकर पीने से उल्टी दस्त और खुजली में फायदा होता है । ठंडी प्रकृति वाले लोगों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए ।
अनारदाना-
भूख बढ़ाने वाला होता है । आमाशय और हृदय को बल देता है । पाचक होता है । उल्टी, दस्त, और खुजली में लाभदायक होता है । शीत प्रकृति वाले लोगों के लिए यह हानिकारक होता है ।
अनार का छिलका
अर्क बनाने में इसका प्रयोग किया जाता है । मसूड़े के लिए फायदेमंद होता है । पुरानी दस्त और आम अतिसार फायदेमंद होता है । ठंडी प्रकृति वाले लोगों के लिए फायदेमंद नहीं है ।
अनार का प्रयोग विभिन्न रोगों में
भूख की कमी और अजीर्ण में-
पके हुए अनार के रस को दो चम्मच लेकर भुना हुआ जीरा भारी मात्रा में मिलाकर पुराना गुड मिलाकर सेवन कराने से अजीर्ण रोग दूर होता है ।
छाया में सुखाएं हुए अनार के पत्तों और सेंधा नमक क्रमशः चार भाग और एक भाग के अनुपात में मिलाकर बारीक चूर्ण बनाकर आधा-आधा चम्मच भोजन से पहले सुबह-शाम देने से भुख की कमी और अजीर्ण रोग दूर हो जाता है ।
अतिसार( दस्त रोग)
अनार के छिलके सहित उसका रस निकालकर 50 से 100 एम एल की मात्रा में सेवन करवाने से फायदा होता है । अनार की छाल का पाउडर 500 मिलीग्राम और जायफल और केसर 250 मिलीग्राम की मात्रा में लेकर शहद के साथ पिलाने पर दस्त में फायदा होता है ।
हृदय के लिए-
अनार के ताजा पत्ते 10 पत्ते पीसकर एक कप पानी में मिलाकर सुबह शाम सेवन करने से ।
ह्रदय को मजबूती मिलती है ।
धड़कन सामान्य हो जाती है । शरबत के रूप में इसका प्रयोग करना चाहिए ।
पेट के कीड़ों में-
छाया में सुखाएं गए अनार के पत्तों को अच्छे से बारीक चूर्ण बनाकर ।
आधा चम्मच सुबह गाय की छाछ के साथ और शाम को ताजा पानी में पेट के कीड़े खत्म हो ।
सिर दर्द में-
अनार की कली 20 ग्राम और शक्कर 10 ग्राम का बारीक चूर्ण बनाकर ।
इसका नस्य लेने से सिर दर्द में लाभ होता है ।
नकसीर( नाक से खून बहना)-
खट्टी मीठी अनार दाने का रस 100 ग्राम एक चम्मच मिश्री मिलाकर रोज दोपहर में पीने से ।
गर्मी के दिनों में होने वाली नकसीर बंद हो जाती है । अनार के फूलों का रस सूंघने से भी नकसीर में फायदा होता है ।
गर्भावस्था में-
अनार की ताजा पत्ती 20 ग्राम पानी 100 मिलीलीटर कुट पीस कर पानी में मिलाकर पानी को छानकर पीने से गर्भपात अथवा मिसकैरेज की समस्या नहीं होती है ।
अनार की ताजा कली को पीसकर पिलाने से गर्भ धारण क्षमता में वृद्धि होती है । प्रदर रोगों में फायदा होता है ।
आंखों के लिए-
अनार के ताजा हरे पत्तों को पीसकर निकाला हुआ रस । खरल में डालकर अच्छे से खरल करें
जब सूखा हो जाए तब कपड़े से छान लें । सुबह शाम सलाई की सहायता से आंखों में अंजन करने पर आंखों से संबंधित खुजली, आंखों के गीड की समस्या, आंखों से पानी गिरने की समस्या दूर हो जाती है ।
गले के लिए-
गले का भारीपन खांसी जुकाम नजला जुकाम की समस्या में छुटकारा पाने के लिए । अनार की ताजा पत्तों का रस 500 मिलीलीटर। मिश्री 250 ग्राम मिलाकर
शरबत तैयार करें । 20 मिलीलीटर की मात्रा सुबह-शाम सेवन करने से । इन सभी समस्याओं से छुटकारा मिलेगा ।
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