अमर सुंदरी वटी-यह एक आयुर्वेदिक रस औषधि है । जिसमें खनिज तत्वों की शुद्ध की हुई भस्म का प्रयोग एवं काष्ट औषधियों का प्रयोग किया गया है। विभिन्न रोगों में आयुर्वेद चिकित्सकों द्वारा इस औषधि का प्रयोग करवाया जाता है । मुख्य रूप से अमर सुंदरी वटी औषधि का उपयोग एलर्जी के कारण उत्पन्न मौसम के बदलाव के साथ होने वाला सर्दी जुखाम खांसी, दमा, बुखार एवं संक्रमण से होने वाला बुखार खासीके आलावा भी कई समस्याओ के लिए प्रयोग करवाया जाता है । प्रसव पश्चात महिलाओं में होने वाले उपद्रव में भी इसका प्रयोग आयुर्वेद चिकित्सकों द्वारा करवाया जाता है । आइए जानते हैं इसके बारे में और अधिक ।
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अमर सुंदरी वटी के घटक द्रव्य
- शुद्ध पारद
- शुद्ध गंधक
- लोह भस्म
- शुद्ध बच्छनाभ
- रेणुक बीज( संभालू के बीज)
- सोंठ
- काली मिर्च
- पीपल
- हरड़
- बहेड़ा
- आंवला
- चित्रक मूल
- पीपला मूल
- दालचीनी
- तेजपत्ता
- इलायची
- नागकेसर
- अकर करा
- बाय विडंग
- नागर मोथा
इस रस औषधि को विजय भैरव रस भी कहा जाता है।
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अमर सुंदरी वटी के उपयोग
- अपस्मार (मिर्गी )रोग में इसका प्रयोग कराया जाता है।
- कई प्रकार के वात रोगों को दूर करने में इस औषधि का प्रयोग किया जाता है।
- पुराना बुखार कफ युक्त एक दिन छोड़कर आने वाला बुखार 2 दिन छोड़कर आने वाला बुखार के लिए प्रयोग की जाती है।
- नया नजला जुकाम खासी में इस औषधि का प्रयोग विख्यात है।
- प्रसव पश्चात महिला को अमर सुंदरी वटी का प्रयोग वात रोग, दांत चबाना, दांत भिचना, व्याकुलता जैसे उपद्रव में निर्भयता पूर्वक डॉक्टर उपयोग करते हैं।
- खांसी या सांस लेने में दिक्कत एलर्जी के कारण श्वास रोग के लिए भी यह प्रयोग में लाई जाती है।
- अर्श रोग में फायदेमंद होने के कारण । मस्सा बवासीर में भी इसका प्रयोग करवाया जाता है।
- अमर सुंदरी वटी में कई आयुर्वेदिक औषधियां ऐसी है जिसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं। फ्री रेडिकल्स की सक्रियता को काम करते हैं।
- नागकेसर सोंठ दालचीनी पिपली आयुर्वेदिक औषधि है जो इसका एक घटक द्रव्य है। सूजन कम करने वाली प्रॉपर्टीज पाई जाती है। एंटी ऑक्सीडेंट होने के साथ-साथ यह स्वसन तंत्र को मजबूत करती है। एंटीबैक्टीरियल होने के साथ-साथ कब बलगम को बाहर निकालती है।
- अभ्रक भस्म और ताम्र भस्म से मिश्रित अमर सुंदरी वटी हृदय रोग के लिए यकृत वृद्धि मलेरिया बुखार नया बुखार जो जल्दी से नहीं जाता है। दस्त भोजन ना भाना पीलिया बुखार के कारण होने वाला प्रलाप ।प्रसव पश्चात महिलाओं का आने वाला बुखार हाथों पर हाथों पैरों की नसों में खिंचाव चक्कर आना आदि में अत्यंत लाभप्रद है।
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सेवन मात्रा
एक से दो गोली दिन में दो से तीन बार पानी के साथ चिकित्सक के निर्देशानुसार सेवन करें।
अनुपान ( दवाई किसके साथ लेनी है)
खांसी जुकाम के रोगी अदरक के रतिया शहद के साथ लेने। बुखार के रोगी तुलसी के रस या अदरक के रस के साथ लेवे।
कहां से खरीदें?
हर आयुर्वेदिक मेडिकल स्टोर पर आसानी से उपलब्ध। ऑनलाइन खरीदने या मूल्य चेक करने के लिए चित्र पर क्लिक करें।
सावधानी-
औषधि का सेवन डॉक्टर की सलाह पर करें।
साफ स्वच्छ स्थान पर स्टोर करें।
बच्चों की पहुंच से दूर रखें।
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चेतावनी इस लेख में उपलब्ध समस्त जानकारी चिकित्सा परामर्श नहीं है किसी भी आयुर्वेदिक औषधि के सेवन से पूर्व आयुर्वेद चिकित्सक की सलाह लें।