कनकासव के फायदे

कनकासव के फायदे

कनकासव के फायदे- खांसी दमा की एक अत्यंत प्रभावशाली आयुर्वेदिक आसव है । इस आसव् में कई ऐसी औषधियों का उपयोग किया जाता है । जैसे मधुयष्टी , धतूर,कंटकारी, पिप्पली , भारंगी जो ब्रोंकोडाइलेटर] श्वास नलिकाओं का विस्फारण का काम करते हुए श्वास नालिकाओ में बने कफ को बहार निकलने का काम करता है ।

श्वास नली में अवरोध को हटाकर श्वास लेने की कठिनाई को कम करते हैं ।

कनकासव शरीर में तथा फेफड़ों में सूजन को काम करता है ।

कनकासव के घटक द्रव्य-

  1. धतूर
  2. वासा
  3. यष्टिमधु
  4. पिप्पली
  5. कंटकारी
  6. नागकेसर
  7. सोंठ
  8. भारंगी
  9. तालीसपत्र
  10. धातकी
  11. द्राक्षा
  12. शर्करा
  13. शहद

कनकासव के फायदे उपयोग-

  • कनकासव फेफड़ों में जमे हुए कब को बाहर निकाल कर खांसी को ठीक करता है ।
  • वृद्धजनों में फेफड़ों की कमजोरी की वजह से होने वाला अस्थमा में
  • राजयक्ष्मा ट्यूबरक्लोसिस के रोगी भी इसका उपयोग करके स्वास्थ्य लाभ ले सकते हैं ।
  • पथरी के कारण होने वाले दर्द में भी कनकासव का प्रयोग किया जाता है । क्योंकि इसमें दर्द निवारक एवं सुजन को कम करने वाले गुण पाए जाते हैं ।
  • चिकित्सक अपने युक्ति के अनुसार कई रोगों में इसका प्रयोग करते हैं । जैसे उदरशूल

सेवन मात्रा-

दो से 4 छोटी चम्मच लगभग 10 से 20 मिलीलीटर की मात्रा सामान जल से भोजन के उपरांत उम्र और बल के अनुसार चिकित्सक के आदेशानुसार सेवन करें ।

कहां से खरीदें?

हर आयुर्वेदिक मेडिकल स्टोर पर आसानी से उपलब्ध है । कनकासव नाम से आयुर्वेदिक फार्मेसी इसका निर्माण एवं विक्रय करती है ।

सावधानी-

बच्चों की पहुंच से दूर रखें ।

निर्देशित की गई मात्रा से अधिक मात्रा में सेवन ना करें ।

साफ एवं स्वच्छ स्थान पर रखें ।

चेतावनी- इस लेख में उपलब्ध समस्त जानकारी चिकित्सा परामर्श नहीं है । किसी भी आयुर्वेदिक औषधि के सेवन से पूर्व आयुर्वेद चिकित्सक की सलाह आवश्यक है ।

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