कीटनाशक दवाओं के नुकसान-जब आप सब्जी मंडी में जाते हैं तो आप साफ-सुथरी और ताजा फल सब्जी खरीदते हैं । क्या आपको पता है इस सब्जी या फल पर किस तरह का कीटनाशक यूज़ किया गया है । फलों को लंबे समय तक ताजा रखने के लिए वेक्स ( एक तरह का केमिकल जो फल फ्रूट पर आवरण चढ़ा हुआ होता है ।)
कई देसी विदेशी कंपनियां एप्पल जैसे फलों पर वैक्स का प्रयोग करती है । अगर आपने किसी फल या सब्जी को बीना सही तरीके से धोये बिना प्रयोग करते हैं । तो निश्चित रूप से आपकी स्वास्थ्य पर इसका बुरा प्रभाव पड़ने वाला है ।
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आखिर क्यों किया जाता है कीटनाशक दवाइयों का प्रयोग?
समय-समय पर तरह-तरह की बीमारियां फसलों में लग जाती है । किसान अपनी फसल बचाने के लिए और नुकसान के डर से कीटनाशक का प्रयोग करता है । अगर उसकी फसल किसी वानस्पतिक बीमारी ने नष्ट कर दी तो वह नुकसान की भरपाई कहां से करेगा ।
कीटनाशक उत्पादन बढ़ावा तो दे देगा । परंतु इन फल सब्जियों को खाने से खाने वाले की स्वास्थ्य पर बुरा असर आएगा । कीटनाशक दवाओं के नुकसान के बारे में
कीटनाशक दवाओं के नुकसान
यकृत से जुड़े रोग
फेफड़ों से जुड़े रोग
कैंसर-
ह्रदय रोग
प्रजनन क्षमता की कमी
गर्भस्थ शिशु पर प्रभाव-
गर्भस्थ शिशु करो उसकी मां के दूध के साथ रसायनिक कीटनाशक का प्रभाव शारीरिक विकास और मानसिक विकास में पड़ता है ।
पशु पक्षियों की प्रजातियां विलुप्त होना-
गौरैया और गिद्ध जैसी प्रजातियां विलुप्त होने की कगार पर है । इसका कारण भी यह एक कीटनाशक भी है ।
जो जीव जंतु कीड़े मकोड़े फसल को फायदा पहुंचाते हैं वह भी कीटनाशक की वजह से मारे जाते हैं ।
भूमि प्रदूषण-
कीटनाशक कब प्रयोग इतना ज्यादा हो जाता है की लक्ष्य किए गए उद्देश्य से कई गुना कीटनाशक जमीन पर अपना बुरा प्रभाव डालता है ।
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कीटनाशक दवाओ के नुकसान से कैसे बचे?
आज के समय में शहर हो या गांव सभी जगह पर फल सब्जी का व्यापार चलता है । फल सब्जियों को अधिक समय तक सुरक्षित रखने, फसलों को बीमारियों से बचाने के लिए, और फलों को पकाने के लिए प्रयोग किया जाता है । हर व्यक्ति अपने घर में अपने परिवार के लिए अपने परिवार के स्वास्थ्य लाभ के लिए फल सब्जियां खरीद के ले जाता है ।
फल सब्जियों में हर प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं । जैसे आयरन विटामिन कैल्शियम इत्यादि । आखिर फल सब्जियों को किस तरह से प्रयोग में लाया जाए की इसका नुकसान शरीर को कम से कम हो । सभी प्रकार की फल सब्जियों को घर पर जाना संभव नहीं है । बाजार की फल सब्जियां कैसे प्रयोग करें? आइए जानते है –
देसी तरीके से उगाई गई सब्जी एवं फलों का प्रयोग करें ।
अंग्रेजी में इसे ऑर्गेनिक खेती के नाम से जाना जाता है । ऑर्गेनिक खेती का मतलब यह है की किसी भी प्रकार की कीटनाशक या रासायनिक खाद कि प्रयोग किए बिना उगाई गई सब्जी एवं फल । व्यावहारिक रूप से सभी के लिए यह संभव नहीं है ।
सोडियम बाई कार्बोनेट( बेकिंग सोडा) कब प्रयोग करके-
सोडियम बाई कार्बोनेट में सफाई के खून के साथ-साथ जीवाणु कीटाणु विषाणु को मारने की क्षमता होती है । बाजार से खरीदी हुई सब्जी को 2 लीटर पानी में एक चम्मच सोडियम बाई कार्बोनेट डालकर 15 मिनट तक सब्जियों को रहने दे ।
२ लीटरमे १ चाय का चम्मच का अनुपात रखे । इसके बाद नल से बहते हुए पानी से सब्जियों को धोले । ऐसा करने से कीटनाशक का अधिकतम प्रभाव सब्जी एवं फलों से निकल जाता है ।
सब्जियों एवं फलों को छीलकर प्रयोग करें ।
पहले अच्छे से गर्म पानी से अथवा सोडियम बाई कार्बोनेट के पानी में फल सब्जियों को अच्छे से धोने के बाद जिनका प्रयोग छिल कर किया जा सके प्रयोग करें । छिलने के बाद सोडियम बाई कार्बोनेट के पानी से ना धोये ।
घर पर बनाएं ऑर्गेनिक वेजिटेबल गार्डन-
आपके पास खेती बाड़ी की जमीन है तो आप अपने घर के लिए ऑर्गेनिक सब्जियों का गार्डन बना सकते हैं । शहर में जगह की किल्लत होती है ।
घर की छत पर अथवा ऐसी खाली जगह जहां पर धूप आती हो गमलों अथवा प्लास्टिक के डिब्बों के अंदर मिट्टी भर के देसी खाद का प्रयोग कर कुछ सब्जियों को उगाया जा सकता है ।
जैविक खेती-
किसानों को कीटनाशक के विकल्प उपलब्ध करवाई जाए । ऑर्गेनिक खेती की जानकारी एवं फायदे के बारे में बताया जाए । कंपोस्ट खाद, हरी खाद, हरित शैवाल और अन्य विधियों द्वारा जमीन की गुणवत्ता एवं उर्वरक क्षमता को बढ़ाया जाए ।
तो कुछ हद तक संभव है आने वाले समय में किसान भी कीटनाशक के होने वाले नुकसान से हमें बचा सके । विकसित देशों में जैविक खेती से तैयार खाद्य पदार्थों की विशेष मांग है ।
वैज्ञानिक रूप से फसल के चक्र में बदलाव करना-
बदलती खेती के कारण एक फसल के फंगस बैक्टीरिया किट दूसरी फसल में नहीं जाते हैं । इसलिए बदलती हुई खेती वैज्ञानिक तरीके से करनी चाहिए ।
कीटनाशक के प्रयोग की सही विधि और अनुपात का ज्ञान- कर सही अनुपात और सही विधि से कीटनाशक का प्रयोग किया जाता है । तो वह नुकसान तो करेगा परंतु कम करेगा ।
कीटनाशकों के छिड़काव की मात्रा एवं अनुपात के ज्ञान की कमी के कारण किसान कई बार अधिक छिड़काव कर देता है । जिससे पर्यावरण और फसल दोनों के स्वास्थ्य पर दूरगामी परिणाम अच्छे नहीं होते हैं ।
कीटनाशक दवाइयों का विकल्प
वैज्ञानिक अनुसंधान की आवश्यकता – कृषि क्षेत्र में वैज्ञानिक अनुसंधान के माध्यम से कीटनाशक के विकल्प पर अरे किया जा रहा है । देसी आयुर्वेदिक दवाइयों का प्रयोग छिड़काव के लिए किया जाए जो सर्व सुलभ और सस्ती हो ।
नीम का प्रयोग कीटनाशक के रूप में एक अच्छा विकल्प है । नीम का प्रयोग भंडारण, दीमक से सुरक्षा के लिए प्रयोग में लाया जाता है ।
वनस्पतियों से तैयार कीटनाशक का प्रयोग करना चाहिए ।
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