कोरोना आयुर्वेदिक दवा भारत सरकार के अनुसार कोरोना के मैनेजमेंट में आयुर्वेद दवाओं को प्रोटोकॉल में जोड़ा।भारत सरकार मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर डायरेक्टरेट जनरल ऑफ हेल्थ सर्विस एमआर डिवीजन का एक लेटर जो कोविड-19 प्रोटोकॉल है ।जिसमें आयुर्वेदिक दवाओं को कोरोना के मैनेजमेंट में उपयोग करने की सलाह आयुर्वेद चिकित्सक की देखरेख में कहा गया है।
आयुर्वेद एवं भारतीय चिकित्सा पद्धति कहीं ना कहीं इस महामारी से बचाव में अपना अतुलनीय योगदान दे रही है।
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सावधानी जो हर व्यक्ति को बरतनी चाहिए-
- मास्क अनिवार्य रूप से पहने।
- हाथ और श्वसन संस्थान की स्वच्छता का ध्यान रखें।
- किसी भी सतह पर सोने के बाद साबुन से हाथ धोए। अथवा सेनीटाइजर का प्रयोग करें।
- बार-बार नाक मुंह या आंखों को छूने से बचें।
कोरोना की गंभीर लक्षण कौन-कौन से हो सकते हैं?
- तेज बुखार
- सांस लेने में तकलीफ
- अचानक सीने में दर्द।
- भ्रम की स्थिति की शुरुआत।
- शरीर में कमजोरी महसूस होना।
अब तक के कोरोना के इतिहास में मरीजों में मिले लक्षण-
- थकान
- बदन दर्द
- खांसी
- गले में खराश
- सांस लेने में कठिनाई
- भ्रम
- स्वाद तथा सूंघने की क्षमता में कमी इत्यादि।
कोरोना में कैसी हो दिनचर्या-
- सुबह जल्दी उठे।
- नित्य कर्म के बाद में घर पर ही योगाभ्यास अथवा व्यायाम करें।
- रोजाना सुबह पर्याप्त मात्रा में गुनगुना पानी पिए।
- नाश्ते में जंक फूड खाने से बचें।
- लंच में संतुलित भोजन पोषक तत्वों का ध्यान रखें। और ठंडे पेय पदार्थों से बचे।
- दही का प्रयोग ना करें।
- छाछ का प्रयोग ना करें।
- पर्याप्त नींद लें।
- तनाव में ना रहे।
- धूम्रपान तथा शराब का सेवन ना करें।
- हल्का शारीरिक व्यायाम आवश्यक है।
जीवन शैली जन्य रोगों में सावधानियां-
- अनावश्यक घर से ना निकले।
- मधुमेह रोगी घर पर ही मधुमेह की जांच कर लेवे।
- हृदय रोग से पीड़ित रोगी घर पर ही मशीन से अपना ब्लड प्रेशर नापे।
कोरोना आयुर्वेदिक दवा से बचाव और मैनेजमेंट के लिए उपयोग
किसी भी आयुर्वेद चिकित्सक के निर्देशन में निम्न आयुर्वेदिक दवा का उपयोग किया जा सकता है।
- आयुष क्वाथ 150 मिलीलीटर एक कप के बराबर प्रतिदिन सेवन करें।
- संशमनी वटी 500 एमजी दिन में दो बार
- अश्वगंधा चूर्ण 1 से 3 ग्राम की मात्रा अथवा अश्वगंधा कैप्सूल 500 एमजी दिन में दो बार प्रतिदिन सेवन करें।
- मुलेठी पाउडर 1 से 3 ग्राम सूखी खांसी में गुनगुने पानी से सेवन करें।
- हल्दी नमक के गरारे दिन में तीन बार करें।
- घरेलू मसाले जैसे दालचीनी लॉन्ग इलायची को पानी में उबालकर गरारे करें।
- चवनप्राश एक चम्मच सुबह शाम गर्म पानी में मिलाकर अथवा चाट ले।
- आंवले का फल प्रतिदिन एक अथवा आंवला पाउडर 1 से 3 ग्राम सुबह शाम भोजन से पहले या बाद में सेवन करें।
सामुदायिक जिम्मेदारियां-
नेता , राजनेता, जनप्रतिनिधि, अभिनेता, सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर जागरूकता अभियान चलाकर आम जनता में फैले मिथकों को दूर करें।
जो लोग ठीक हो चुके हैं । वे सकारात्मक अनुभव आम जनता से शेयर करें।
चेतावनी- इस लेख में दी गई जानकारी चिकित्सा परामर्श नहीं है। किसी भी आयुर्वेदिक औषधि के सेवन से पूर्व रजिस्टर्ड आयुर्वेद चिकित्सक की सलाह आवश्यक है।
संदर्भ- (पोस्ट कोविड-19 प्रोटोकोल भारत सरकार मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर डायरेक्टरेट जनरल आफ हेल्थ सर्विसेज EMR डिवीजन)
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