चंद्रप्रभा वटी

चंद्रप्रभा वटी

चंद्रप्रभा वटी आयुर्वेद का एक अनुपम योग है ।जो एक नहीं वरन कई रोगों को दूर करने के लिए आयुर्वेद चिकित्सकों द्वारा प्रयोग कराया जाता है। आज हम जानेंगे इसके घटक द्रव्य गुण उपयोग सेवन मात्रा तथा सावधानियों के बारे में।

क्या कभी आपको पथरी पाइल्स कब्ज, कमजोरी बार बार पेशाब की शिकायत हुई है । अगर हां तो आपको चंद्रप्रभा वटी के बारे में जान लेना चाहिए। ऐसे ही कई रोगों के काम आती है –

चन्द्रप्रभा वटी के घटक द्रव्य

  1. चंद्रप्रभा
  2. वचा
  3. मरिच
  4. मुस्तक
  5. भुनिम्ब
  6. गिलोय
  7. देवदारु
  8. दंती
  9. हरिद्रा
  10. अतिविषा
  11. दरु हल्दी
  12. पीपलामूल
  13. चित्रक
  14. पिप्पली
  15. तेजपत्ता
  16. धान्यक
  17. स्वर्ण माक्षिक भस्म
  18. त्वक
  19. हरड़
  20. यवक्षार
  21. इलायची
  22. वंशलोचन
  23. लौह भस्म
  24. बहेड़ा
  25. गज पीपल
  26. चव्य
  27. विडंग
  28. सिता
  29. सज्जिक्षार
  30. सेंधा नमक
  31. सौवर्चल लवण
  32. विडलवण
  33. शिलाजीत
  34. शुंठी
  35. त्रिवर्तमुल
  36. गुग्गुल

सेवन मात्रा

250 मिलीग्राम से 500 मिलीग्राम की मात्रा। दिन में दो बार चिकित्सक के निर्देशानुसार । पानी अथवा दूध के साथ

चंद्रप्रभा वटी के फायदे एवं उपयोग

  • चंद्रप्रभा वटी का शिलाजीत घटक द्रव्य बार-बार पेशाब आने की समस्या रुक रुक कर पेशाब आने की समस्या। पेशाब में जलन पथरी एवं वीर्य दोष को दूर करता है। शिलाजीत एंटीऑक्सीडेंट है। तथा मधुमेह रोग के लिए अत्यंत लाभकारी है।
  • इलायची तथा वंशलोचन तालीसपत्र जैसे घटक द्रव्य सूजन को कम करने के लिए कार्य करते हैं।
  • दंती गूगल शिलाजीत एवं त्रिवृत जैसे घटक द्रव् पाइल्स के रोग तथा पाइल्स के कारण होने वाली सूजन के लिए लाभकारी है। सूजन को कम करते हैं। तथा पेट साफ करने के लिए सहायक है।
  • मूत्र से संबंधित दोष कमर में दर्द तथा महिलाओं में होने वाले श्वेत प्रदर के लिए भी उपयोग में लाया जाता है।
  • जिन महिलाओं में महामारी से संबंधित है समस्याएं होती है। जैसे अनियमित माहवारी कष्टदायक महावारी अथवा महामारी में अधिक रक्त की समस्या में चंद्रप्रभा वटी का सेवन करवाया जाता है।
  • पुरुषों में प्रोस्टेट की समस्या के कारण रुक रुक कर पेशाब की प्रवृत्ति को भी ठीक करने में सहायक है।
  • शीघ्रस्खलन में तथा प्रजनन अंगों को ताकत देती है।
  • पीलिया रोग के लिए भी लाभकारी दवा है।
  • पेट से संबंधित गैस की समस्या पुरुष एवं महिला के रीप्रोडक्टिव ऑर्गन पर सकारात्मक प्रभाव डालते हुए संबंधित रोगों से छुटकारा पाने में अत्यधिक लाभकारी है।
  • चंद्रप्रभा वटी एक अच्छी एंटीऑक्सीडेंट के रूप में भी कार्य करती है। इसके साथ-साथ सूजन को भी कम करती है।

सावधानी-

  • औषधि का सेवन चिकित्सक की देखरेख में करें।
  • निर्देशित मात्रा से अधिक मात्रा में सेवन हानिकारक है।
  • बच्चों की पहुंच से दूर रखें।
  • कमरे के तापमान पर स्टोर करें।

कहां से खरीदें?

हर आयुर्वेदिक मेडिकल स्टोर पर आसानी से उपलब्ध। कई कंपनियों द्वारा इसका निर्माण किया जाता है। आजकल ऑनलाइन भी उपलब्ध है। आर्डर करने के लिए नीचे दिए गए चित्र पर क्लिक करें।

चेतावनी- इस लेख में उपलब्ध समस्त जानकारी चिकित्सा परामर्श नहीं है। किसी भी आयुर्वेदिक औषधि के सेवन से पूर्व आयुर्वेद विशेषज्ञ की सलाह आवश्यक है।

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