तेल मालिश की जानकारी

तेल मालिश की जानकारी

तेल मालिश की जानकारी- रोजाना तेल की मालिश हमें करनी चाहिए। जिससे बुढ़ापा शरीर की थकावट वातिक रोगों का नाश होता है।आंखों की रोशनी बढ़ती है । शरीर पुष्ट होता है और आयु बढ़ती है ।
मालिश की वजह से अच्छी नींद आती है।त्वचा सुंदर और सुडौल बनती है । सिर कान और पैरों के तलवों में विशेष रूप से तेल की मालिश करनी चाहिए
हमारे शरीर में अनगिनतके रोम छिद्र पाए जाते हैं ।

हमारे शरीर को किसी ऐसे लेप द्वारा रूम चित्रों को बंद कर दिया जाए तो मनुष्य की मृत्यु भी हो सकती है ।

तेल की उपयोगिता

आयुर्वेद में तेल की उपयोगिता घी से अधिक मानी गई है।जो शक्तिशाली पौष्टिक तत्व घी में पाए जाते हैं । वह पौष्टिक तत्व तेल में भी पाए जाते हैं ।
महर्षि चरक द्वारा कहा गया है कि तेल में घी से 8 गुना ज्यादा शक्ति होती है ।

अंतर सिर्फ इतना है कि घी को खाने से अधिक फायदा होता है । वही तेल की मालिश ज्यादा फायदेमंद होती है ।

आज के समय में शुद्ध घी और दूध जैसी चीजों का अभाव है ऐसे समय में शुद्ध तेल की उपयोगिता अधिक मानी गई है ।
तेल की मालिश से कई प्रकार के रोग जैसे खुजली ,दाद ,फोड़े फुंसी,

एग्जिमा ,घुटनों का दर्द ,कमर दर्द, एग्जिमा और भी कई बीमारियों से निजात मिल सकती है ।

प्रातः काल में नियम पूर्वक तेल की मालिश की जाए तो शरीर को आरोग्य रखा जा सकता है । और मनुष्य की आयु को बढ़ाया जा सकता है ।

मालिश के तेल-

मालिश के लिए विभिन्न तरह के तिलों का उपयोग किया जाता है जो लोग के अनुसार अलग-अलग हो सकता है ।

परंतु सरसों का तेल हर जगह आसानी से उपलब्ध हो जाता है ।

सरसों के तेल की मालिश सभी अंगों पर अच्छे से करनी चाहिए ।

यदि सिर में रोजाना अच्छी तरह से तेल की मालिश की जाए तो

बालों का, सिर दर्द, मस्तिष्क की दुर्बलता इत्यादि रोगों से छुटकारा मिल सकता है ।
तेल की मालिक करते समय प्रत्येक दूसरे एवं तीसरे दिन कानो की कुछ बूंदे टपका लेनी चाहिए ।

जिससे कानों के वातज रोग नहीं होते हैं ।
कानों के निचले हिस्से पर धीरे-धीरे मालिश करनी चाहिए ।

पैरों के तलवों के नीचे हल्की-हल्की मालिश से कई प्रकार की बीमारियों के साथ आंखों से संबंधित रोगों में फायदा होता है।
हम सभी जानते हैं कि गुलाब के फूल ठंडी प्रकृति के होते हैं ।

इसलिए गुलाब के फूलों का प्रयोग ठंडाई में भी किया जाता है ।
गुलाब के फूलों को तेल में डालकर मालिश करने से तेल सुगंधित होने के साथ-साथ उष्ण से शीत गुण में परिवर्तित हो जाता है।

पित्त का शमन करता है ।

छोटे से लेकर हर उम्र के व्यक्ति को तेल की मालिश सुबह व्यायाम से पहले करनी चाहिए ।

मालिश के लिए तेलों के नाम

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