लघु मालिनी वसंत रस एक आयुर्वेदिक शास्त्रोक्त दवा है ।जिसका प्रयोग आयुर्वेद चिकित्सक विभिन्न रोगों के लिए करते है । बुखार , दस्त , पीलिया , प्रदर , भूख की कमी , प्लीहा वृद्धि इत्यादि कई समस्याओ के लिए आयुर्वेद की अद्भुत दवा ।
Table of Contents
लघु मालिनी वसंत के घटक द्रव्य
- कपर्द भस्म( खपरिया) /यशद भस्म
- सफेद मिर्च
- शुद्ध हिंगुल
- गाय के दूध का मक्खन
- नींबू रस
बनाने की विधि-
खपरिया कपर्द भस्म 80 ग्राम सफेद मिर्च 40 ग्राम शुद्ध हिंगुल 80 ग्राम गाय का मक्खन 20 ग्राम मिलाकर की खरल में 4 से 5 दिनों तक मक्खन का चिकनापन दूर होने तक घोटने के बाद 125 मिलीग्राम की छोटी-छोटी गोलियां बना ले।
सेवन मात्रा
दो गोली ( 125 मिलीग्राम से 250 मिलीग्राम तक) रोग की अवस्था, आयु बल के अनुसार दूध ,पानी या शहद के साथ दिन में दो बार आयुर्वेद चिकित्सक की देखरेख में सेवन करें।
लघु मालिनी वसंत के फायदे
पुराना बुखार – रोग के कारण विकृत रस वाहिनियो एवं लसिका ग्रंथियों को सामान्य करता है । बुखार के कारण बढ़ी हुई प्लीहा को सामान्य करता है ।
धातु गत बुखार– शुक्र धातु को छोड़कर सभी धातुगत (रस , रक्त, मांस , मेद अस्थि , मज्जा )में गए बुखार को दूर करने में उपयोगी ।
मलेरिया या विषम ज्वर- एक दि , दो दिन या तिन दिन छोड़ कर आने वाला बुखार दूर करने में उपयोगी ।
पीलिया – मंडूर भस्म के साथ सेवन करने से पीलिया दूर होता है ।
दस्त- बुकर या संक्रमण के बाद होने वाली दस्त की शिकायत को दूर करता है ।
अर्श भगंदर- पाचन सम्बन्धी गड़बड़ियो को दूर कर अर्श भगंदर की समस्या से छुटकारा दिलाता है ।
भूख की कमी- रोग के कारण आईई आंतो की कमजोरी को दूर करता है और भूख बढाता है ।
शरीर में दर्द- हलके बुखार के साथ बदन टूटने की समस्या व् दर्द को दूर करता है ।
वात रोग- शरीर में दर्द , जोड़ो में दर्द , कमजोरी के कारण दर्द की समस्या में फायदेमंद है ।
महिलाओं के प्रदर रोग- श्वेत प्रदर व रक्त प्रदर दोनों ही समस्याओ के लिए इसका सेवन फायदेमंद है । बार बार गर्भपात की समस्या में भी इसका प्रयोग फायदेमंद होता है ।
नेत्र रोग- अंको की समस्या को दूर करने वाला होता है । पोथकी रोग में इसका प्रयोग करवाया जाता है ।
बाल रोग – बच्चो में होने वाले रोगों में भी इसका प्रयोग चिकित्सको द्वारा करवाया जाता है।
सावधानी –
चिकित्सक की देख रेख में प्रयोग करे ।
बच्चो की पहुच से दूर रखे ।
सामान्य तापमान पर स्टोर करे ।
नमी एवं धुप से बचाए ।
निर्धारित मात्रा से अधि मात्रा में सेवन न करें ।
गर्भवती को सावधानी से चिकित्सक की सलाह पर देवे ।
दुष्प्रभाव –
कोई दुष्प्रभाव नहीं ।