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वृद्धिवाधिका वटी का परिचय (Introduction of Vridhivadhika Vati) –
वृद्धिवाधिका वटी का उपयोग (Uses of Vridhivadhika Vati) वृद्धिवाधिका वटी के फायदे नुकसान
वृद्धिवाधिका वटी का प्रमुख उपयोग अन्डकोषों में होने वाले विभिन्न विकारों के इलाज में होता है। इसे इंगुइनल हर्निया, इंटेस्टाइनल हर्निया, हाइड्रोसील, और अन्य अंडकोष संबंधित रोगों की समस्याओं के लिए सुझाया जाता है। आयुर्वेदिक परंपरा में इसे वात दोष पर कार्य करने के लिए जाना जाता है, जिससे विकारों का समाधान हो सकता है। यह अतिरिक्त कफ को भी कम करने में मदद करता है और शरीर की प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने के लिए जाना जाता है।
वृद्धिवाधिका वटी के फायदे (Benefits of Vridhivadhika Vati)
- अंडकोष विकार में लाभकारी: वृद्धिवाधिका वटी अंडकोषों में होने वाले रोगों में लाभकारी है, विशेषकर हर्निया और हाइड्रोसील में।
- अण्डकोष में वायु भरना: इससे अंडकोष में वायु भरने की स्थिति में सुधार हो सकता है और दर्द को कम करने में मदद कर सकता है।
- रक्त व जल भरना: इसका सेवन अंडकोष में रक्त और जल की अधिशेषता को कम करने में मदद कर सकता है, जिससे विभिन्न रोगों में आराम मिल सकता है।
वृद्धिवाधिका वटी का उपयोग कैसे करें (How to Use Vridhivadhika Vati)
- वृद्धिवाधिका वटी की सुझाई जाती है कि इसे हरीतकी क्वाथ के साथ लगभग 250 मिलीग्राम की खुराक के साथ लें।
- इसे अच्छे परिणामों के लिए विशेषज्ञ की सलाह पर ही लें।
वृद्धिवाधिका वटी का विशेष तत्व (Key Ingredients of Vridhivadhika Vati)
इसमें शुद्ध पारद, शुद्ध गन्धक, लौह भस्म, ताम्र भस्म, कांस्य भस्म, वंग भस्म, शुद्ध हरताल, शुद्ध तूतिया, शंख भस्म, कपर्दक भस्म, और अन्य आयुर्वेदिक द्रव्य हैं जो इसे शक्तिशाली बनाते हैं।
सावधानियाँ और साइड इफेक्ट्स (Precautions and Side Effects)
- इसे सख्त डोज़ में लेना चाहिए और सलाहकार के परामर्श से ही इसका सेवन करना चाहिए।
- गर्भवती महिलाओं और बच्चों को इससे दूर रहना चाहिए।
- यदि किसी को इसके सेवन से कोई अच्छा नहीं लग रहा हो या किसी प्रकार का साइड इफेक्ट हो, तो तुरंत इसका सेवन बंद करना चाहिए और चिकित्सक से सहायता लेनी चाहिए।
नोट: यह सभी जानकारी शिक्षा और जागरूकता के उद्देश्य से है और इसे चिकित्सकीय सलाह के बिना स्वास्थ्य सेवा के रूप में न लें।
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