अभयादि मोदक abhayadi modak tablet uses in hindi

अभयादि मोदक abhayadi modak tablet uses in hindi

अभयादि मोदक abhayadi modak tablet uses in hindi आज के समय में पेट की समस्याए और कब्ज हो चुकी है । हर कोई कब्ज के लिए कुछ ना कुछ दवाई या चूर्ण ले रहा है । खासकर उम्र दराज लोगो में और 40 से अधिक उम्र के लोगो में  अधिक देखने को मिलती है । हमइसके कारणों की बात करें तो इनकी लिस्ट बहुत बड़ी है लेकिन

मुख्य कारणों की बता करें तो –

  1. खान पान की गलत आदते
  2. रुक्ष आहार
  3. पानी या तरल का कम सेवन
  4. नियमित व्यायाम की कमी
  5. फ़ास्ट फ़ूड एवं मेदे बेसन की तली हुई खाद्य सामग्री का उपयोग
  6. घी का कम प्रयोग
  7. कोल्ड ड्रिंक का अधिक उपयोग
  8. रात में देर तक जागने से
  9. रेशेदार (फाइबर ) युक्त भोजन की कमी

आज हम बात करेंगे अभयादि मोदक वटी के बारे में यह एक आयुर्वेदिक एवं पूर्णतया हर्बल औषधी है ।

अभयादि मोदक वटी के घटक द्रव्य –

  1. हरड  1 भाग
  2. पिपलामुल  1 भाग
  3. पीपल 1 भाग
  4. सोंठ 1 भाग
  5. काली मिर्च 1 भाग
  6. दालचीनी 1 भाग
  7. तेजपत्ता 1 भाग
  8. नागरमोथा 1 भाग
  9. वायविडंग 1 भाग
  10. आंवला 1 भाग
  11. दंती मूल 3 भाग
  12. निशोथ 8 भाग
  13. मिश्री 6 भाग
  14. शहद टेबलेट बनाने के लिए आवश्यकता के अनुसार

अभयादि मोदक के फायदे –abhayadi modak tablet uses in hindi

कब्ज – कब्ज या कोष्ठ  बद्धता के लिए आयुर्वेद चिकित्सको द्वारा इसकी सलाह रोगियों को दिजाती है । पुरानी से पुरानी कब्जी में राहत देने के गुण इस आयुर्वेदिक औषधी में मोजूद है ।

पाचन की समस्या – जिन रोगियों या स्वस्थ व्यक्तियों का पाचन तंत्र कमजोर है और गैस एसिडिटी , भुख की कमी पेट का फूलना , भोजन का नहीं पचना जैसी समस्याओ में रहत प्रदान करता है ।

प्लीहा वृद्धि – जिन  रोगियों की तिल्ली बढ़ी हुई है उनके लिए भी यह  औषधी फायदेमंद है ।

वात रोगी – आयुर्वेद में वात वृद्धि से जिन रोगयो के शारीर में दर्द , अकदन , जोड़ो का दर्द , सिरदर्द , कमर दर्द की शिकायत रहती है । उनके लिए भी यह औषधि फायदेमंद है ।

आफरा – जिन रोगियों को खाने के बाद आफरे की शिकायत रहती है उनको भी इसके सेवन से लाभ होता है ।

पीलिया – रक्त की कमी से होने वाले पीलिये में इसका सेवन लाभकारी रहता है ।

चर्म रोग – चर्म रोगी भी इसके सेवन से त्वक विकारो एवं रक्तविकारो में लाभ ले सकते है ।

डायबिटीज –  सुगर के रोगी भी इसके सेवन से कब्ज के साथ साथ पाचन (मेटाबोलिज्म ) में सुधार कर शुगर पर नियंत्रण कर सकते है ।

ज्वर / बुखार – अनियमित आने वाले बुखार में भी  इसका सेवन लाभप्रद रहता है ।

सेवन मात्रा –

केवल वयस्कों में – 1 से 2 टेबलेट ठन्डे पानी से (कब्ज दूर करने में )  चिकित्सक के परामर्श पर ( गर्भवती माताओं ,स्तनपान कराने वाली माताओं एवं बच्चो को चिकित्सक के परामर्श से ही देवं )

 दस्त रोकने के लिए गर्म जल का सेवन करवाएं ।

दुष्प्रभाव –

कोई दुष्प्रभाव ज्ञात नहीं ।

अधिक मात्रा में सेवन करने से मरोड़ के साथ दस्त हो सकती है ।

अस्वीकरण – इस लेख में दि गई समस्त जानकारी शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है । यह चिकित्सा परामर्श का विकल्प नहीं है  । आयुर्वेदिक औषधी का प्रयोग केवल चिकित्सक के निर्देश पर ही सेवन करें ।

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