अभ्रक भस्म आयुर्वेद की एक महत्वपूर्ण औषधि है। यह बाजार में सादी अभ्रक 50 पुटी 100 पुटी और 1000 पुटी रूप में मिलती है। बस में जितनी ज्यादा पुट वाली होगी उतनी ज्यादा शक्ति और गुणवत्ता वाली होगी।
मात्रा एवं सेवन विधि-
250 मिलीग्राम सुबह शाम शहद के साथ मिलाकर उपयोग करें।
गुण एवं उपयोग-
वैसे तो यह बस में अनेक रोगों को नष्ट करने का गुण रखती है। शरीर को मजबूत बनाती है। बल वीर्य की वृद्धि करती है। युवा अवस्था को बढ़ाती है। चिकित्सकों द्वारा इसका उपयोग कफ रोग बढ़ी हुई खासी दमा मधुमेह धातु क्षीणता बहू मुत्रता नकसीर पुराना बुखार संग्रहणी अरुचि अम्ल पित्त रक्तपित्त अग्निमांद्य कामला बवासीर मिर्गी उन्माद पथरी के आंखों के रोग तथा सोम रोग शरीर का दुबलापन प्रसूति रोग काली खासी सुखी खासी आदि रोगों में औषधियों के साथ में इसका उपयोग किया जाता है।
नोट- औषधि का सेवन प्रशिक्षित आयुर्वेद चिकित्सक की देखरेख में करें ।