अर्क वटी ark vati use-आयुर्वेद में अर्क वटी एक शास्त्रीय औषधीय योग है । आयुर्वेद चिकित्सक एवं रजिस्टर्ड आयुर्वेद प्रेक्टिसनर इस दवा का प्रयोग विशेष कर पेट से सम्बंधित रोगों के मरीजो की समस्याओ के लिए करते है । आइये जानते है –
Table of Contents
अर्क वटी के घटक द्रव्य –
- सौवर्चल लवण (Unaqua sodium chloride)
- शुद्ध नवसार (Amonium chloride)
- अर्क के फुल Calotropis procera (willd.)
- काली मिर्च Piper nigrum(Linn.)
- गोंद धावड़ा Anagiesus latifolia (आवश्यकता के अनुसार )
- ग्वारगम (ग्वार) Cyamopsis tetragonatoba (आवश्यकता के अनुसार )
सभी औषधीय गटक द्रव्यों की सामान मात्रा में लेकर
अर्क वटी बनाने की विधि
सौवर्चल लवण नवसार अर्क के पुष्प काली मिर्च सभी सामान मात्रा (सूखे हुए हो) लेकर अलग अलग बारीक़ चूर्ण बनाकर धावड़ा गोंद और ग्वारगम व आवश्यकता के अनुसार जल का प्रयोग करके छोटी छोटी टेबलेट बना लेवे ।
सेवन मात्रा –
वयस्क – 250 मिलीग्राम से 500 मिलीग्राम की मात्रा पानी से दिन 2 बार चिकित्सक की देखरेख में प्रयोग करे ।
अर्क वटी के फायदे
- भूख की कमी
- आफरा अरुचि पेट की गेस
- गुल्म
- भोजन का न पचना
स्त्रोत – सिद्ध भैषज्य मणिमाला
अर्क वटी के दुष्प्रभाव –
किसी भी प्रकार के दुष्प्रभाव की पुष्टि नहीं । किसी प्रकार के उपद्रव में चिकित्सक से सलाह लेवे ।
सावधानी
- बच्चो की पहुच से दूर रखे ।
- अधिक मात्रा में सेवन से बचे ।
- धुप और नमी से बचावे ।
- सामान्य तापमान पर स्टोर करे ।
- चिकित्सक की देख रेख में सेवन करे ।
अस्वीकरण – इस लेख में दि गई समस्त जानकारी चिकित्सा परामर्श नहीं है । किसी भी आयुर्वेदिक दवाई के सेवन से पूर्व चिकित्सक की सलाह आवश्यक है ।
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