अश्व कंचुकी रस (Ashawkanchauki ras)

अश्व कंचुकी रस (Ashawkanchauki ras)

अश्व कंचुकी रस (Ashawkanchauki ras) – यह एक आयुर्वेदिक दवा है । जो शाश्त्रोक्त है ।  जिसका उपयोग  आयुर्वेद चिकित्सक  वैद्य अपनी युक्ति से विभिन्न प्रकार के रोगों में उपयोग करते है । मूल रूप से यह बुखार , खांसी , जिकाम , दमा , साँस लेने की तकलीफ एवं वात कफज रोगों में उपयोग किया जाता है ।

अश्व कंचुकी रस (Ashawkanchauki ras) के घटक द्रव्य –

  1. जायफल
  2. सुहागा (बालसुधा ) टंकण
  3. त्रिफला
  4. शुद्ध  पारद
  5. शुद्ध गंधक
  6. वत्सनाभ
  7. हरताल
  8. भृंगराज रस अर्क

अश्व कंचुकी रस (Ashawkanchauki ras) के फायदे

  • सर्दी जुकाम
  • अस्थमा
  • साँस लेने में तकलीफ
  • बुखार
  • खांसी
  • सिरदर्द
  • बालों के सफेदी रोकने में
  • वात रोग का  दर्द
  • अजीर्ण
  • यकृत विकार
  • सूतिका रोग
  • बाँझपन

सिरदर्द में जायफल के साथ , बालों की सफेदी में भृंगराज के साथ , वात के दर्द में मुली के रस या अदरक के रस के साथ , बुखार में सहजन के वृक्ष की जड़ और गौ घृत में ,अजीर्ण में छाछ के साथ ,

अश्व कंचुकी रस (Ashawkanchauki ras) की सेवन मात्रा –

50 मिलीग्राम से 125 मिलीग्राम दिन में दो बार चिकित्सक की देखरेख में सेवन करें ।

अश्व कंचुकी रस (Ashawkanchauki ras) का अनुपान

शहद के साथ

अश्व कंचुकी रस (Ashawkanchauki ras) दुषप्रभाव –

अज्ञात –  कोई  जानकारी नहीं ।

विशेष सावधानी –  गर्भवती महिला, स्तनपान कराने वाली माताएं , एवं बच्चो को केवल चिकित्सक की सलाह से दिया जावें ।

अस्वीकरण – इस लेख का उद्देश्य आयुर्वेद की दवाओ के लाभों को आमजन तक पहुचना है । यह चिकित्सा परामर्श का विकल्प नहीं है । इसे चिकित्सा परामर्श नहीं समझे । बिना चिकित्सक की सलाह के किसी भी आयुर्वेदिक दवा का सेवन नहीं करें । लाभ हानि की जिम्मेदारी यह ब्लॉग वेब साईट नहीं लेती । अपने विवेक का प्रयोग करें ।

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