अश्व कंचुकी रस (Ashawkanchauki ras) – यह एक आयुर्वेदिक दवा है । जो शाश्त्रोक्त है । जिसका उपयोग आयुर्वेद चिकित्सक वैद्य अपनी युक्ति से विभिन्न प्रकार के रोगों में उपयोग करते है । मूल रूप से यह बुखार , खांसी , जिकाम , दमा , साँस लेने की तकलीफ एवं वात कफज रोगों में उपयोग किया जाता है ।
Table of Contents
अश्व कंचुकी रस (Ashawkanchauki ras) के घटक द्रव्य –
- जायफल
- सुहागा (बालसुधा ) टंकण
- त्रिफला
- शुद्ध पारद
- शुद्ध गंधक
- वत्सनाभ
- हरताल
- भृंगराज रस अर्क
अश्व कंचुकी रस (Ashawkanchauki ras) के फायदे
- सर्दी जुकाम
- अस्थमा
- साँस लेने में तकलीफ
- बुखार
- खांसी
- सिरदर्द
- बालों के सफेदी रोकने में
- वात रोग का दर्द
- अजीर्ण
- यकृत विकार
- सूतिका रोग
- बाँझपन
सिरदर्द में जायफल के साथ , बालों की सफेदी में भृंगराज के साथ , वात के दर्द में मुली के रस या अदरक के रस के साथ , बुखार में सहजन के वृक्ष की जड़ और गौ घृत में ,अजीर्ण में छाछ के साथ ,
अश्व कंचुकी रस (Ashawkanchauki ras) की सेवन मात्रा –
50 मिलीग्राम से 125 मिलीग्राम दिन में दो बार चिकित्सक की देखरेख में सेवन करें ।
अश्व कंचुकी रस (Ashawkanchauki ras) का अनुपान
शहद के साथ
अश्व कंचुकी रस (Ashawkanchauki ras) दुषप्रभाव –
अज्ञात – कोई जानकारी नहीं ।
विशेष सावधानी – गर्भवती महिला, स्तनपान कराने वाली माताएं , एवं बच्चो को केवल चिकित्सक की सलाह से दिया जावें ।
अस्वीकरण – इस लेख का उद्देश्य आयुर्वेद की दवाओ के लाभों को आमजन तक पहुचना है । यह चिकित्सा परामर्श का विकल्प नहीं है । इसे चिकित्सा परामर्श नहीं समझे । बिना चिकित्सक की सलाह के किसी भी आयुर्वेदिक दवा का सेवन नहीं करें । लाभ हानि की जिम्मेदारी यह ब्लॉग वेब साईट नहीं लेती । अपने विवेक का प्रयोग करें ।