अष्टांग योग क्या है – अष्टांग योग एक प्रकार का योग है जो मानसिक, शारीरिक, और आध्यात्मिक विकास के लिए जाना जाता है। इसका नाम “अष्टांग” है क्योंकि इसमें आठ महत्वपूर्ण चरण (स्टेप्स) होते हैं, जिन्हें अनुसरण किया जाता है। ये आठ चरण हैं:
- यम (विवादरहितता और नैतिकता): यम योग के पहले चरण हैं और इसमें विवादरहितता, सत्य, अस्तेय (चोरी न करना), ब्रह्मचर्य (ब्रह्मचरी जीवन), और अपरिग्रह (मात्रीकातीतता) की प्रैक्टिस की जाती है।
- नियम (सादगी और सामर्थ्य): नियम योग के दूसरे चरण हैं और इसमें शौच (शुद्धि), संतोष (संतोष), तप (आत्मा साक्षर), स्वाध्याय (आत्मा अध्ययन), और ईश्वर प्रणिधान (भगवान के प्रति समर्पण) के मूल नियम होते हैं।
- आसन (शारीरिक पोज़): आसन योग के तीसरे चरण हैं और इसमें शारीरिक पोज़ और आसनों का प्रैक्टिस किया जाता है। यह शारीरिक स्वास्थ्य, लचीलापन, और मानसिक शांति के लिए मददगार होता है।
- प्राणायाम (प्राण नियंत्रण): प्राणायाम योग के चौथे चरण हैं और इसमें श्वास और प्राण की नियंत्रण की प्रैक्टिस की जाती है। यह शारीरिक ऊर्जा को नियंत्रित करने में मदद करता है।
- प्रत्याहार (इंद्रियों का नियंत्रण): प्रत्याहार योग के पांचवे चरण हैं और इसमें इंद्रियों के विषयों की ओर से ध्यान की प्रैक्टिस की जाती है।
- धारणा (मानसिक संकेत): धारणा योग के छठे चरण हैं और इसमें मानसिक संकेत और मन की स्थिरता की प्रैक्टिस की जाती है।
- ध्यान (मनोनिग्रह): ध्यान योग के सातवें चरण हैं और इसमें मन की एकाग्रता और एक समर्पित विषय के प्रति ध्यान की प्रैक्टिस की जाती है।
- समाधि (आत्मा का एकत्रण): समाधि योग के आठवें चरण हैं और इसमें आत्मा का पूर्ण एकत्रण और आध्यात्मिक अनुभव की प्रैक्टिस की जाती है।
अष्टांग योग अध्यात्मिक सफलता और आंतरिक शांति की दिशा में एक प्रणाली है जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देती है। यह योग प्रैक्टिस के द्वारा व्यक्ति अपने आप को सार्थक और खुदरा जीवन का अनुभव करता है।
और जाने ……