आँख की बीमारी का इलाज – आँखें हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग होती हैं जो हमें समान्य रूप से दुनिया को देखने की क्षमता प्रदान करती हैं। हालांकि, आँखों की समस्याएं बहुत आम होती हैं और इन्हें ठीक से न देखना असुविधाजनक हो सकता है। आँखों की समस्याएं अलग-अलग हो सकती हैं जैसे कि धुंधली नजर, सूखी आँखें, आँखों से पानी बहना, आँखों में जलन और खुजली इत्यादि।
धुंधली नजर के मुख्य कारणों में उम्र का बढ़ना, बढ़ती प्रदूषण स्तर और लंबे समय तक कंप्यूटर या मोबाइल फोन का इस्तेमाल शामिल होता है। सूखी आँखों के प्रमुख कारण त्वचा रोग और आँखों के लिए अनुचित चश्मे पहनना होता है। आँखों से पानी बहने का मुख्य कारण ड्राई आई सिंड्रोम होता है जो लंबे समय तक टीवी, मोबाइल फोन, कंप्यूटर या अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का इस्तेमाल करने से हो सकता है।
इन समस्याओं के साथ साथ, खुजली और आँखों में जलन की समस्या भी आम होती आइये जानते है इस बारे में विस्तार से …..
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आँखों की रौशनी कैसे बढ़ाएं ? आँखों की रौशनी बढ़ाने के लिए आयुर्वेद में कुछ उपाय हैं जो निम्नलिखित हैं:
- त्रिफला चूर्ण: त्रिफला एक आयुर्वेदिक दवा है जो आंखों की सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होती है। इसे आँखों के लिए नियमित रूप से लेने से आंखों की रौशनी बढ़ती है।
- आंवला: आंवला एक अच्छी एंटीऑक्सीडेंट होती है जो आंखों को स्वस्थ रखने में मदद करती है। इसे नियमित रूप से खाने से आंखों की रौशनी बढ़ती है।
- बदाम: बदाम आंखों के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। इसमें विटामिन ई और अन्य पोषक तत्व होते हैं जो आंखों की सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। इसे नियमित रूप से खाने से आंखों की रौशनी बढ़ती है।
- अश्वगंधा: अश्वगंधा एक दिन भर के थकावट को दूर करती है और आंखों की रौशनी बढ़ाती है। इसे रोजाना लेने से आंखों की समस्याओं से छुटकारा मिलता है।स्वदेशी घी: स्वदेशी घी एक अन्य उपाय है जो आंखों की सेहत के लिए फायदेमंद होता है। घी में पाये जाने वाले विटामिन ए और डी आंखों के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं।
- नियमित आँखों की व्यायाम: नियमित आंखों की व्यायाम करने से आंखों की मांद्यता दूर होती है और आंखों की रौशनी बढ़ती है। इसके लिए नियमित रूप से आंखों की एक्सरसाइज जैसे कि टीवी देखने से दूर रहना, पलकों का व्यायाम, अंधेरे में आंखें फेरना, आदि कर सकते हैं।
- आरोग्य वर्धक आहार: आंखों की सेहत के लिए आरोग्य वर्धक आहार जैसे कि हरी सब्जियां, फल, अंडे, दूध, आदि खाने से आंखों की रौशनी बढ़ती है।
- इन उपायों को नियमित रूप से अपनाकर आप अपनी आंखों की सेहत को बेहतर बना सकते हैं। लेकिन अगर आपको अपनी आंखों में दर्द, लालिमा या किसी अन्य समस्या का सामना करना पड़ रहा है तो आपको एक डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए
रतोंधी रोग में आयुर्वेद ( आँख की बीमारी का इलाज )
रतोंधी एक आँखों की बीमारी है जिसमें रतोंधी यानि रंगबिरंगी या अशुद्ध दृष्टि और दृश्य की कमी होती है। इसे अधिकतर मामलों में वयस्कों में देखा जाता है। यह रोग लक्षणों के अनुसार और उपचार के अनुसार आयुर्वेद में “तिमिर” या “काच” के रूप में जाना जाता है।
यदि आप रतोंधी से पीड़ित हैं तो निम्नलिखित आयुर्वेदिक उपाय आपकी मदद कर सकते हैं:
आंजन और तेल: नेत्रों के लिए आँजन के रूप में जाने जाने वाले औषधि जैसे त्रिफला, शतावरी, सर्पगंधा, कुंकुमादि आयुर्वेदिक द्रव्यों का उपयोग करें। इसके अलावा, नींबू का रस और अम्ल फलों के जूस आंखों के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं।
आयुर्वेदिक दवाएं: आंखों के रोग के लिए आयुर्वेदिक दवाएं भी उपलब्ध हैं जैसे नेत्रतार, नेत्रबिंदु, जीवनांजलि आदि। इन दवाओं का उपयोग आँखों की सुरक्षा और सेहत को बनाए रखने में मदद करता है।
आँखों के पीलापन में आयुर्वेद ( आँख की बीमारी का इलाज )
आँखों के पीलापन का कारण विभिन्न हो सकता है। कुछ सामान्य कारण निम्नलिखित हैं:
- उम्र बढ़ने के साथ आँखों की लेंस की स्पष्टता में कमी हो जाती है।
- नींद की कमी: नींद की कमी आँखों के लिए नुकसानदायक होती है।
- नियमित चश्मा पहनने से भी आँखों का पीलापन हो सकता है।
- दूर के वस्तुओं को देखने के लिए आंखों को बार-बार मुड़ना भी आँखों के लिए हानिकारक होता है।
आँखों के पीलेपन के लक्षण निम्नलिखित होते हैं:
- दूरी से चीजों को देखने में परेशानी
- नैदानिक दृष्टि में कमी
- आंखों में झिल्ली जैसी परत दिखाई देना
- अन्धेरे कमरे में दिखाई देने वाली वस्तुओं को देखने में परेशानी
आयुर्वेदिक नुस्खे:( आँख की बीमारी का इलाज )
- अंजीर खाएं: अंजीर में विटामिन ए, बी, सी और डी होते हैं जो आँखों के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। आप अंजीर को सुबह खाली पेट या दोपहर को खाने से पहले खा सकते हैं।
- आंजन का उपयोग करें: आंखों का पीलापन कम करने के लिए आंजन का उपयोग किया जा सकता है। आंजन में विभिन्न घटक होते हैं जो आंखों को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। आंजन को रात्रि को सोते समय आंखों में लगाएं।
- त्रिफला पाउडर: त्रिफला पाउडर आँखों के स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसे शाम के समय गरम पानी के साथ लें। त्रिफला पाउडर आपकी आंखों को स्वस्थ बनाने में मदद करेगा।
- सुबह उठकर आंखों को गुलाब जल से धोएं: सुबह उठकर आप अपनी आंखों को गुलाब जल से धो सकते हैं। इससे आंखों का पीलापन कम होता है।
- त्रिफला घृत: त्रिफला घृत आँखों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। आप इसे खाने के साथ ले सकते हैं या फिर आंखों में डाल सकते हैं। त्रिफला घृत आपकी आंखों के प्रश्न को दूर करने में मदद करेगा।
- पानी की अधिक मात्रा में सेवन करें: पानी की अधिक मात्रा में सेवन करना आँखों के लिए बहुत फायदेमंद होता ह
- अलसी के बीज: अलसी के बीज आंखों के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। अलसी के बीज रात्रि को भिगोकर रखें और सुबह उठकर उन्हें खाएं। इससे आंखों का पीलापन कम होता है।
- टीबी फेनी के फूल: टीबी फेनी के फूल आंखों के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। इन्हें रात्रि को भिगोकर रखें और सुबह उठकर उन्हें चाय के साथ ले सकते हैं।
- स्वस्थ आहार: आंखों के स्वस्थ रहने के लिए स्वस्थ आहार खाना बहुत जरूरी है। खाने में विटामिन ए, सी और एफ होना बहुत जरूरी होता है।
- अधिक आराम: आंखों का पीलापन ज्यादातर आराम नहीं लेने से होता है। रात्रि को सही समय पर सोएं और कम से कम 7-8 घंटे की नींद लें।
- नियमित व्यायाम: नियमित व्यायाम करना आंखों के स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी होता है। व्यायाम से शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है और आंखों के स्वास्थ्य को बढ़ाता है।
- नियमित आंखों की देखभाल: आंखों की नियमित देखभाल करना भी बहुत जरूरी होता है। आंखों को नियमित धोएं और फिर सुखाएं। अधिक समय तक टीवी, मोबाइल फोन या कंप्यूटर नहीं देखें। आंखों की समस्याओं के लिए नियमित आंखों की एक्सरसाइज करना भी फायदेमंद होता है।
- दूरबीन नहीं उपयोग करना: आंखों का पीलापन आप दूरबीन या बिना डॉक्टर की सलाह के दवाओं का उपयोग करके ठीक नहीं कर सकते हैं। इसलिए अपनी समस्या के लिए डॉक्टर से सलाह लें और वे आपको आयुर्वेदिक दवाओं का सुझाव देंगे।
- स्वच्छता: अपने आसपास की सफाई बनाए रखना भी आंखों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी होता है। अपने आसपास के मुफ्त रद्दी को हटाएं और धूप में निकलने से पहले अपनी आंखों को संरक्षित रखें।
- ट्रीटमेंट का समय पर करें: आंखों का पीलापन अधिक समय तक बना रहता है तो आपको डॉक्टर से जल्द से जल्द ट्रीटमेंट करवाना चाहिए।
आंखों का पीलापन आम समस्या है जो आंखों के जलन, सूखापन और आंखों से पानी गिरने की समस्या के साथ हो सकता है। इस समस्या के कई कारण हो सकते हैं जैसे ठंडे पानी का सेवन, अनियमित खान-पान, संक्रमण, रोग, आदि। आयुर्वेद में इस समस्या का इलाज करने के लिए कई उपाय हैं जैसे गुलाब जल, त्रिफला चूर्ण, ट्रिफला घृत, शंखपुष्पी चूर्ण, आंवला जूस, अंजीर, सफेद अश्वगंधा, अम्ला जूस, जैतून का तेल आदि। इन उपायों के साथ आपको नियमित आंखों की देखभाल करना चाहिए और डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए।
आंखों की लालिमा में आयुर्वेद ( आँख की बीमारी का इलाज )
आंखों की लालिमा का मुख्य कारण आंखों के अंदर की रक्तवाहिकाओं में बदलाव होना है। यह रक्तवाहिकाएं आंखों की संरचना को संतुलित रखती हैं और उन्हें आवश्यक ऊर्जा और पोषण प्रदान करती हैं। इस समस्या के कई कारण हो सकते हैं जैसे आंखों की थकान, समय से पहले उठकर सोना, अत्यधिक धूल, रोशनी से अधिक एक्सपोजर, दुर्बल रक्तवाहिकाएं आदि।
इस समस्या के लिए आयुर्वेद में कई उपाय हैं जो इस समस्या को ठीक करने में मदद करते हैं। नीचे कुछ आयुर्वेदिक उपाय दिए गए हैं:
- आंखों को ठंडा पानी से धोना।
- नींबू का रस, आंवला का रस या अमला का रस लेना।
- काँच के बंद टोपे पहनना जो बिना लेंस के होते हैं।
- ट्रिफला चूर्ण को शहद के साथ मिलाकर लेना।
- सफेद अश्वगंधा या जीरक का दूध लेना।
- चंदन का पेस्ट बनाकर आंखों पर लगाना।
- गुलाब के फूल का जल बनाकर आंखों में डालना।
- आंखों के आसपास की एलोवेरा का प्रयोग करें ।
- त्रिफला चूर्ण और अंजीर के साथ गर्म दूध पीना।
- आंखों को समय-समय पर आराम देना।
- खीरे का स्लाइस बनाकर आंखों पर लगाना।
- दुग्ध में नींबू का रस मिलाकर पीना।
- आंखों की अलग-अलग बॉल मालिश करना।
- कुमकुमादी तैल या जैतून का तेल आंखों में लगाना।
- सफेद अंजीर को दूध में भिगोकर खाना।
इन उपायों को अपनाकर आप आंखों की लालिमा से राहत पा सकते हैं। यदि यह समस्या बार-बार होती है तो आपको अपने चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।
आँखों से पानी बहना एक आम समस्या है जो कि कई कारणों से हो सकता है। इसमें आपकी आँखों से बिना वजह पानी बह सकता है, जो आपकी आंखों को तरह तरह की समस्याओं से ग्रस्त कर सकता है। इसलिए इस समस्या के लिए आयुर्वेद में कुछ उपचार बताए गए हैं, जिन्हें आप अपना सकते हैं।
- कुमारी (Aloe Vera) – इसमें औषधीय गुण पाये जाते हैं जो आपके आंखों को शांति देते हैं और इससे आंखों से बाहर की तरफ से आने वाली खराब वसा भी निकालता है। आप कुमारी का ताजा रस निकालकर आंखों में दो बूँदें डाल सकते हैं।
- जैवित्री (Bacopa Monnieri) – जैवित्री एक औषधीय जड़ी बूटी है जो आपकी आंखों को स्वस्थ बनाने में मदद करती है। इसे नियमित रूप से सेवन करने से आपके आंखों की रोशनी बढ़ती है और आपकी आंखों से पानी बहना भी बंद हो जाता है।
- स्फटिक (Quartz Crystal) – आप एक स्फटिक का छोटा सा गोला बनाकर आंखों के नीचे रख सकते हैं।
अतिरिक्त आयुर्वेदिक उपचारों के रूप में, निम्नलिखित उपाय भी लाभदायक हो सकते हैं आँखों से पानी बहने के लिए:
- घर में शीतल पानी से धोना: आँखों को साफ करने के लिए शीतल पानी से आँखों को धोना फायदेमंद हो सकता है। शीतल पानी आँखों के दर्द को कम करने में मददगार होता है और उन्हें ठंडक प्रदान करता है।
- त्रिफला घृत: त्रिफला घृत एक प्रकार का आयुर्वेदिक औषधि है जो आँखों के लिए उपयोगी हो सकती है। इस घृत को आँखों के आसपास लगाने से उनमें जलन, सूखापन और आँखों से पानी बहने जैसी समस्याएं कम हो सकती हैं।
- आंवला जूस: आंवला जूस आँखों के लिए एक बेहतरीन आयुर्वेदिक उपाय है। इसमें विटामिन सी, एंटीऑक्सीडेंट और अन्य पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो आँखों के लिए बहुत उपयोगी होते हैं। आंवला जूस आँखों की रोशनी को बढ़ाने में भी मददगार होता है।
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