आंवला के औषधीय गुण-सर्दी के मौसम में आंवला ताजा पका हुआ मिल ही जाता है जबकि दूसरी ऋतु में सूखा आंवला मिलता है। सर्दी की ऋतु में ताजे आंवले का प्रयोग इसलिए आंवले की चर्चा इस समय जरूर होनी चाहिए।
आयुर्वेद में आंवले को रसायन कहां गया है जो कि बुढ़ापे और कई प्रकार की बीमारियों से दूर रखता है। इसलिए इसको अमृत फल भी कहते हैं।
आंवले का प्रयोग रक्तपित्त मधुमेह के रोगियों को लाभ पहुंचाता है इसके साथ ही धातु की पुष्टि करता है। आंवले त्रिदोष कि साम्यावस्था बनाए रखने के लिए प्रयोग किया जाता है।
आंवले को कई गुणवाचक संज्ञा उसे संबोधित करते हैं। वृष्या, वयस्या, जातिफलरसा धात्री फल, श्रीफल, अमृत फल
आंवला में मुख्य रूप से विटामिन सी पाया जाता है क्योंकि जितना भी विटामिन सी आंवला में होता है किसी अन्य फल में मिलना मुश्किल है।
और इसकी खास बात यह है आंवला किसी भी रूप में सेवन करने पर विटामिन सी किसी भी सूरत में नष्ट नहीं होता है।
प्रायः विटामिन सी अधिक गर्मी और धूप के कारण नष्ट हो जाता है।
कई खाद्य पदार्थों सब्जियों व फलो में विटामिन सी अग्नि संस्कार अर्थात पकाने पर विटामिन सी की मात्रा में कमी अथवा नष्ट होना पाया जाता है।
आंवले की खास बात यह है आमला हरा हो मुरब्बा हो सूखा हो पाउडर हो किसी भी रूप में गुण में कमी नहीं आती है।
आंवले का प्रयोग सभी मौसम में विभिन्न प्रकार के चटनी मुरब्बा आचार चूर्ण आदि रूपों में सर्व सुलभ है।
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आंवला के औषधीय गुण
- शीतल प्रकृति रुक्ष, ग्राही ,तृप्ति दायक, त्रिदोष हर,
- आंखों के लिए हितकर लाभकारी,
- फेफड़ों के लिए लाभदायक
- भूख बढ़ाने वाला
- खून को साफ करने वाला
- धातु बढ़ाने वाला
- पित्त वासियों को दूर करने वाला
- वृद्धावस्था दूर करने वाला
- चमड़ी के रोगों को दूर करने वाला
- स्मरण शक्ति बढ़ाने वाला और उस बाल बढ़ाने वाला
- कांति एवं आज की वृद्धि करने वाला मस्तिष्क और हृदय को बल देने वाला अद्भुत फल है।
आंवले के फायदे
- आंवले में पाए जाने वाला विटामिन सी
- त्वचा – ओजस्वी मुख्य मंडल, सुंदर एवं स्वस्थ त्वचा बनाए रखने में आंवला बेजोड़ है पुणे
- आंखों की रोशनी आंखों की सुंदरता
- बालों के लिए – चमकीली और चिकने काले घने बालों के लिए आंवला का प्रयोग अत्यंत फायदे मंद है।त्रिदोष हर है
- शारीरिक कमजोरी दूर करने वाला है। स्फूर्ति पैदा करने वाला बुढ़ापा दूर रखने वाला माना गया है
- धातुओं की पुष्टि कर बल देता है।
- बीमारियों से लड़ने की ताकत पैदा करता है।
आपको पता ही होगा आंवले का च्यवनप्राश बनता है। महर्षि च्यवन को पुनः युवा होने के लिए आंवले से बना हुआ योग प्रयोग करवाया गया इसीलिए महर्षि च्यवन के नाम पर चवनप्राश आज भी बनाया जाता है।
युवा अपनी उम्र को रोक सकते हैं और वृद्ध अपने जीवन के कुछ वर्षों में बढ़ोतरी कर सकते हैं।
विभिन्न रोगों में गुणकारी आंवला
- डायबिटीज
- खांसी दमा श्वास रोग
- कब्ज की शिकायत
- ह्रदय रोग
- आंखों से संबंधित समस्याओं में
- चमड़ी के संबंधित समस्याओं में
- मोटापा दूर करने
- मसुडो का दर्द
आंवला सेवन करने के तरीके
- हरा आंवला- एक आंवले को सब्जी या दाल बनाते समय डाल दीजिए। सब्जी बनने के दौरान आंवला सिझ जाएगा। बस आंवले को निकालकर गुठली निकाल कर।अच्छे से मसलकर मिश्री अथवा शक्कर मिलाकर भोजन के साथ में खाने से फायदा होता है।
- सब्जी में खटाई की जगह पर गुठलीकालकर प्रयोग कर सकते हैं।
- हरी मिर्च सेंधा नमक काली मिर्च आवश्यकता के अनुसार मिलाकर चटनी बनाकर सेवन कर सकते हैं
- आंवले का मुरब्बा का अचार बनाकर प्रतिदिन सेवन कर सकते हैं।
- आंवले की सीजन में आंवले का सेवन जूस के रूप में अथवा सीधा खाया जा सकता है।
- रात को आंवले के पाउडर को पानी में गला दे सुबह इस पानी से बाल धोने से बालों को फायदा होता है।
- आंवले के पाउडर में मेहंदी मिलाकर गाढ़ा पेस्ट लगाने से बालों के झड़ने की समस्या जल्दी बाल पकना आदि समस्याओ के लिए फायदेमंद है।
- आंवले के पाउडर को पानी में गला कर उबटन के रूप में शरीर पर मल कर स्नान करने से त्वचा की रंगत निखरती है।
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