आयुर्वेदिक औषधियों के नाम और घटक

आयुर्वेदिक औषधियों के नाम और घटक- आज हम इस लेख में कुछ औषधीय परिभाषाये जानेंगे – जिसमे औषधी द्रव्य जड़ी बूटियों को विशेष व्याधि या दोष को ध्यान में रखकर आयुर्वेद के ग्रंथो में वर्णित है ।

त्रिकटु

  1. सोंठ
  2. मरीच
  3. पिप्पल तीनो की बराबर मात्रा

त्रिफला –

  1. हरड
  2. बहेड़ा
  3. आंवला बीजो का उपयोग नहीं होता है । तीनो की बराबर मात्रा

त्रिमद

  1. नगरमोथा
  2. चित्रकमुल
  3. विडंग

तीनो की बराबर मात्रा

क्षारत्रय

  1. यवक्षार
  2. सर्जिक्षार
  3. टंकण क्षार

समान मात्रा में मिलाने से क्षारत्रय

लवणत्रय

सेंधव लवण

सोवर्चल लवण

विड नमक

सामान मात्रा में लेने से लवणत्रय कहते है ।

मधुरत्रय

  1. गुड
  2. घी
  3. शहद तीनो की बराबर मात्रा

त्रिजातक

  1. दालचीनी
  2. छोटी इलायची
  3. तेजपत्र

चातुर्जात

  1. दालचीनी
  2. छोटी इलायची
  3. तेजपत्र
  4. नागकेसर चारो की बराबर मात्रा

चतुर्बीज

  1. मैथी
  2. चंद्र्शुर
  3. मंगरेला
  4. अजवाइन

बृहतपंचमूल

  1. बेल मूल की छाल
  2. गंभारी
  3. पाटला मूल
  4. अरणी मूल छाल
  5. सोना पाठा मूल छाल

लघु पंचमूल

  1. शालिपर्णी
  2. पृश्नीपर्णी
  3. छोटी कटेरी
  4. बड़ी कटेरी

पंचवल्कल

  1. वट
  2. गुलर
  3. पीपर
  4. पारस
  5. पांकड पांचो की छाल बराबर मात्रा में

लवणपंचक

  1. काला नमक
  2. सेंधानमक
  3. विड नमक
  4. रेहनमक
  5. समुद्र नमक बराबर मात्रा में मिलाकर बनाया जाता है ।

पंचक्षीरी वृक्ष

  1. वट
  2. गुलर
  3. पीपर
  4. पारस
  5. पांकड

पंचतिक्त

  1. गुडूची
  2. निम के मूल की छाल
  3. वासा मूल
  4. कंटकारी
  5. पटल पत्र

सामान भाग में मिलाकर बनाया जाता है ।

पंचामृत

  1. गाय का दूध
  2. गाय का दही
  3. गाय का घी
  4. शहद
  5. गुड या शक्कर
  6. सामान मात्रा में मिलाने से पंचामृत बनता है ।

पंचगव्य

  1. गाय का दूध
  2. गाय का दही
  3. गाय का घी
  4. गाय का मूत्र
  5. गाय का गोबर रस एक -एक भाग बराबर मात्रा में मिलाने से बनता है ।

मित्रपंचक

  1. घी
  2. गुन्झा
  3. सुहागा
  4. शहद
  5. गुग्गुल सभी सामान मात्रा में

पंचकोल

  1. पिप्पली
  2. पिप्प्लामुल
  3. चव्य
  4. चित्रक
  5. सोंठ सभी को ६ -६ ग्राम की मात्रा में मिलाने से पंचकोल बनता है

षडूषण

  1. पिप्पली
  2. पिप्प्लामुल
  3. चव्य
  4. चित्रक
  5. सोंठ
  6. मरीच

षडंग पानीय

  1. नागरमोथा ३ ग्राम
  2. पित्त पापडा था ३ ग्राम
  3. खस था ३ ग्राम
  4. लाल चन्दनथा ३ ग्राम
  5. सुगंधबाला था ३ ग्राम
  6. सोंठ एक चौथाई पिस कर १२ तोला

क्षार पंचक

  1. पलाश क्षार
  2. मुष्कक क्षार
  3. यव क्षार
  4. सुवर्चिका क्षार
  5. तिलनाल क्षार

सामान मात्र का मिश्रण

क्षाराष्टक

  1. पलाश क्षार
  2. स्नुही क्षार
  3. अपामार्ग क्षार
  4. इमली क्षार
  5. अर्क क्षार
  6. तिल क्षार
  7. यव क्षार
  8. सर्जी क्षार

सभी की सामान मात्रा

अष्टवर्ग

  1. जीवक
  2. ऋषभक
  3. मेदा
  4. महामेदा
  5. काकोली
  6. क्षीर काकोली
  7. ऋद्धि
  8. वृद्धि

मुत्राष्टक

  1. भेड़ का मूत्र (मादा )
  2. बकरी का मूत्र (मादा )
  3. गाय का मूत्र ( मादा )
  4. भैस का मूत्र (मादा )
  5. हाथी का मूत्र ( नर )
  6. ऊंट का मूत्र ( नर )
  7. गोडा का मूत्र ( नर )
  8. गधा का मूत्र ( नर )

दशमूल

आयुर्वेदिक औषधियों के नाम और घटक

  1. बेल
  2. गंभारी
  3. पाटला
  4. अरणी
  5. सोना पाठा
  6. शालिपर्णी
  7. पृश्नीपर्णी
  8. बड़ी कटेरी
  9. छोटी कटेरी
  10. गोक्षुर

संभी जड़ी बूटियों की मूल को दशमूल कहते है ।

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