ऑस्टियोपोरोसिस का आयुर्वेदिक इलाज- ऑस्टियोपोरोसिस osteoporosis treatment एक हड्डी की बीमारी है जिसमें हड्डियों का घटता हुआ घनत्व (बोन मास) और कमजोर हो जाने से हड्डियाँ भंग होने की संभावना बढ़ जाती है। इस समस्या में, हड्डियों की संरचना और मानक घनत्व को खोने के साथ-साथ, उनमें कैल्शियम, प्रोटीन और अन्य मानक खनिजों का भी कमी होती है। यह महिलाओं में अधिकतर देखा जाता है, लेकिन इसमें पुरुषों को भी प्रभावित करता है।
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ऑस्टियोपोरोसिस osteoporosis के कारण
1. बढती उम्र : जैसे जैसे उम्र बढ़ती है, हड्डियों का घनत्व घटता है और ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ जाता है।
2. जीवनशैली: नियमित शारीरिक गतिविधि की कमी, अवसाद, तंबाकू और अत्यधिक अल्कोहल का सेवन, कम कैल्शियम युक्त आहार, विटामिन डी की कमी और अवसाद जैसी स्थितियाँ ऑस्टियोपोरोसिस के उत्पन्न होने का कारण बन सकती हैं।
3. आनुवंशिकता: ऑस्टियोपोरोसिस osteoporosis treatment आपको परिवार में एक इतिहास में होने पर भी इसकी संभावना बढ़ जाती है।
4. अन्य लक्षण: कुछ अन्य स्वास्थ्य समस्याएं, जैसे storoid दवाओं का उपयोग, शिथिल हड्डियाँ (किसी घाव के कारण), थायराइड रोग, रेनल रोग, रक्तशोधन दवाओं का उपयोग, और अन्य बीमारियों का इलाज, ऑस्टियोपोरोसिस का कारक बन सकते हैं।
ऑस्टियोपोरोसिस के लक्षण तथा जोखिम कम करने के लिए उपाय विशेषज्ञ चिकित्सक द्वारा निर्धारित करें तो ज्यादा अच्छा है।ऑस्टियोपोरोसिस का आयुर्वेदिक इलाज
ऑस्टियोपोरोसिस का आयुर्वेदिक इलाज
आयुर्वेद में ऑस्टियोपोरोसिस osteoporosis treatment के लिए कई प्राकृतिक दवाइयाँ और उपचार मौजूद हैं। यहां कुछ आयुर्वेदिक दवाइयाँ हैं जो ऑस्टियोपोरोसिस के इलाज में प्रयोग की जा सकती हैं:
1. अर्जुनारिष्ट: अर्जुन की छाल का उपयोग हृदय और हड्डियों के स्वास्थ्य को सुधारने के लिए किया जाता है। यह हड्डियों को मजबूत और स्वस्थ बनाने में मदद कर सकता है।
2. अश्वगंधा चूर्ण: अश्वगंधा का चूर्ण हड्डियों की मजबूती को बढ़ाने में सहायता कर सकता है।
3. प्रवाल पंचामृत रस: यह रस प्रवाल पिष्टी, मुक्ता शुक्ति, गोधूमा, घृतकुमारी रस और शंख भस्म से बना होता है। इसका उपयोग हड्डियों की मजबूती को बढ़ाने और कैल्शियम अवशोषण को बढ़ाने के लिए किया जाता है।
4. आमलकी रस: अमलकी का रस विटामिन सी का एक उत्कृष्ट स्रोत है और हड्डियों के लिए उपयोगी हो सकता है।
5. सहजन के पत्तों का रस: सहजन के पत्तों का रस कैल्शियम अवशोषण को बढ़ाने में मदद कर सकता है और हड्डियों की मजबूती को बढ़ा सकता है।ऑस्टियोपोरोसिस का आयुर्वेदिक इलाज
ऑस्टियोपोरोसिस osteoporosis से बचाव के लिए फल
1. आमला: आमला विटामिन सी का अच्छा स्रोत है और हड्डियों के स्वास्थ्य को बढ़ाने में मदद करता है।
2. खजूर: खजूर कैल्शियम, पोटेशियम, मैग्नीशियम, और विटामिन का अच्छा स्रोत है। इसे रोजाना खाने से हड्डियों को मजबूती मिलती है।
3. एवोकाडो: एवोकाडो में कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम, विटामिन डी और विटामिन का अच्छा स्रोत होता है। यह हड्डियों के स्वास्थ्य को बढ़ाने में सहायक होता है।
4. गाजर: गाजर बीटाकारोटीन, विटामिन k , और अन्य पोषक तत्वों का अच्छा स्रोत है। यह हड्डियों के लिए उपयोगी हो सकता है।
5. खरबूजा: खरबूजा कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम, और विटामिन सी का अच्छा स्रोत है। इसका सेवन हड्डियों की मजबूती को बढ़ा सकता है। ऑस्टियोपोरोसिस का आयुर्वेदिक इलाज
ऑस्टियोपोरोसिस osteoporosis के बचाव में सब्जियां
1. सप्तरंगी (कालीमिर्च) – सप्तरंगी में कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम, और विटामिन का अच्छा स्रोत है। यह हड्डियों को मजबूत रखने में मदद कर सकती है।
2. शलजम (याकोन) – शलजम में इन्युलिन नामक एक प्राकृतिक पाचक होता है, जो कैल्शियम की अवशोषण में मदद कर सकता है।
3. पालक – पालक में कैल्शियम, मैग्नीशियम, और विटामिन का अच्छा स्रोत होता है। इसका नियमित सेवन हड्डियों को मजबूत रखने में मदद कर सकता है।
4. ब्रोकोली – ब्रोकोली में कैल्शियम, विटामिन की एक अच्छी मात्रा होती है, जो हड्डियों की स्वास्थ्य रखने में सहायता कर सकता है।
5. गोभी – गोभी में कैल्शियम और विटामिन सी की अच्छी मात्रा होती है। इसका सेवन हड्डियों की सुरक्षा और मजबूती में मदद कर सकता है।
इन सब्जियों को नियमित रूप से अपनी आहार योजना में शामिल करने से ऑस्टियोपोरोसिस के बचाव में मदद मिल सकती है। इसके अलावा, संतुलित और पौष्टिक आहार, नियमित शारीरिक गतिविधि भी महत्वपूर्ण हैं।
ऑस्टियोपोरोसिस osteoporosis के लिए सूखे मेवे
1. अलमोंड: अलमोंड में कैल्शियम, विटामिन ई और प्रोटीन की अच्छी मात्रा होती है। इसका सेवन हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद कर सकता है।
2. अखरोट: अखरोट में विटामिन ई, कैल्शियम और मैग्नीशियम की अच्छी मात्रा होती है। इसका सेवन हड्डियों के स्वास्थ्य को बढ़ाने में मदद कर सकता है।
3. कश्मीरी बादाम: कश्मीरी बादाम में विटामिन ई, कैल्शियम और मैग्नीशियम होते हैं, जो हड्डियों को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।
4. किशमिश: किशमिश में कैल्शियम और बोरॉन होता है, जो हड्डियों के लिए उपयोगी होता है।
5. अनारदाना: अनारदाना में कैल्शियम, विटामिन सी, और एंटीऑक्सीडेंट्स की अच्छी मात्रा होती है। यह हड्डियों के स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकता है।
आप इन सूखे मेवों को अपनी आहार योजना में शामिल कर सकते हैं, लेकिन याद रखें कि मात्रा में संतुलन बनाए रखें और इन्हें नियमित रूप से सेवन करें। सर्वोत्तम रूप से, एक पौष्टिक आहार योजना बनाने के लिए एक पौष्टिकता सलाहकार या आपके चिकित्सक से परामर्श लें। ऑस्टियोपोरोसिस का आयुर्वेदिक इलाज
ऑस्टियोपोरोसिस के मरीजों को इनसे बचना चाहिए
- आलूमिनियम संबंधित आहार: आलूमिनियम आहार ऑस्टियोपोरोसिस के मरीजों के लिए अनुशंसित नहीं है क्योंकि यह कैल्शियम अवशोषण को बाधित कर सकता है। इसलिए, बाजार में मिलने वाले आलूमिनियम संबंधित खाद्य पदार्थों की संख्या को कम करें, जैसे कि बेकिंग पाउडर, टॉफी, सॉफ्ट ड्रिंक्स और अल्यूमिनियम के बर्तन।
- प्रोसेस्ड और रेफाइंड खाद्य पदार्थ: बहुत सारे प्रोसेस्ड और रेफाइंड खाद्य पदार्थ, जैसे कि चिप्स, नमकीन, बिस्किट, सफेद चीनी, और तेलीय औषधियाँ, आपके हड्डियों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती हैं। इनका सेवन कम करें और स्वस्थ आहार पर ध्यान केंद्रित करें।
- कैफीन और एल्कोहल: अधिक मात्रा में कैफीन और एल्कोहल का सेवन हड्डियों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। इसलिए, अधिकतम सीमा में कैफीन और एल्कोहोल का सेवन करें या इनका सेवन पूरी तरह से छोड़ दें।
- तेज मसाले और मिर्च: तेज मसाले और मिर्च का अधिक सेवन हड्डियों को कैल्शियम के अवशोषण में बाधाएं पैदा कर सकता है। इसलिए, मसालेदार और तीखे खाद्य पदार्थों की मात्रा को कम करें।
यदि आप ऑस्टियोपोरोसिस के मरीज हैं, तो आपको अपने चिकित्सक से अपनी व्यक्तिगत स्थिति के आधार पर आहार संबंधित सलाह लेनी चाहिए और उनकी दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए।
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