कब्ज का घरेलू उपाय -कब्ज एक आम समस्या है। विशेषकर उम्रदराज लोगों में यह समस्या अधिक देखने को मिलती है।
फिर भी कभी-कभी बच्चे तथा युवाओं में भी यह समस्या देखने को मिलती है। पेट का भारी रहना, गैस की शिकायत, भोजन का सही से ना पचना, एक बार में पेट साफ ना होना, सिर दर्द, मुंह के छाले आदि समस्याएं कब्ज की शिकायत में होती है।
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कब्ज होने के कारण
वात दोष का कुपित होना-
आयुर्वेद में वात पित्त कफ दोषों का असामान्य होना बीमारी का कारण है। अगर दोष सामान्य है तो शरीर भी स्वस्थ रहेगा। अगर आप की जीवन शैली खानपान अनियमित होगा तो कोई दोष बढ़ जाएगा तो कोई घट जाएगा।
कब्जी के मामले में वात दोष का बढ़ जाना है। पेट में गैस बनना, मल का सूखा आना, सिर दर्द वात दोष कुपित होने के कारण होता है।
अनियमित जीवन शैली-
भारतीय जीवन शैली वैज्ञानिक रूप से हर भारतीय के लिए अत्यंत ही उपयोगी है। आजकल पाश्चात्य देशों में भी भारतीय जीवन शैली को अपनाया जा रहा है। आयुर्वेद के अनुसार ब्रह्म मुहूर्त में उठना, दंत धवन, सुबह पानी पीना, व्यायाम करना,
दोपहर से पूर्व भोजन करना, सूर्यास्त से पूर्व शाम का भोजन करना रात को जल्दी सोना इत्यादि।
ऐसी कई बातें हैं जिसे अपनाने पर कभी-कभी की शिकायत नहीं होगी।
भोजन में रेशेदार खाद्य पदार्थों की कमी-
भोजन में रेशों ( फाइबर) की कमी के कारण भी कब्ज की समस्या हो जाती है। जूस की बजाए फलों को काट कर खाना चाहिए। आटे का चोकर छानकर नहीं निकालना चाहिए। पर्याप्त मात्रा में फाइबर रेशेदार भोजन अगर शरीर में जाता है तो कभी भी कब्ज की शिकायत नहीं आएगी।
फास्ट फूड बेसन मैदे की खाद्य पदार्थों का सेवन-
आजकल फास्ट फूड का इतना क्रेज है की कोई भी इससे अछूता नहीं है।
फास्ट फूड में पोषक तत्व को जला दिया जाता है। साथ ही साथ ऐसे केमिकल तथा खाद्य पदार्थों का उपयोग किया जाता है जो स्वाद में अच्छी परंतु स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक होते हैं।
फास्ट फूड के खाद्य पदार्थों में अधिकतर मेदे और बेसन का प्रयोग मुख्य रूप से किया जाता है। जो आंतो में चिपक कर कब्ज की शिकायत को पैदा करती है।
मांसाहार का सेवन-
जो व्यक्ति मांसाहार मदिरा का सेवन एक साथ करते हैं तो खाने वाले व्यक्ति को पानी की आवश्यकता पूरी ना होने से । कब्ज की शिकायत हो सकती है। मांसाहार से कब्ज की समस्या अधिकतर लोगों में देखने को मिलती है।
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कब्ज होने के लक्षण
- पेट में गैस होना।
- बवासीर मस्से का होना।
- पेट का भारीपन।
- एक बार में पूरी तरह शौच निवृत्ति ना होना ।
- दिनभर आलस्य रहना।
- किसी काम में मन न लगना।
- पेट का फुला हुआ रहना।
कब्ज का घरेलू उपाय
मुनक्का का सेवन कब्ज में –
4- 5 मुनक्का दाख रात को भीगा देवें। सुबह खाली पेट चबाकर खाने से कब्ज की शिकायत नहीं रहती है। ऐसा लगातार कुछ दिन करें।
अंजीर का सेवन कब्ज में-
अंजीर को रात भर भिगोकर रखें। सुबह दूध के साथ उबालकर अंजीर का सेवन करें। इससे कब्ज दूर रहती है।
अरंडी के तेल का सेवन कब्ज में-
रात को सोते समय 10 मिलीलीटर के आसपास अरंडी के तेल को । दूध के साथ सेवन करने से कब्ज कुछ दिनों के बाद दूर हो जाती है।
त्रिफला का सेवन कब्ज में-
हरड़ बहेड़ा और आंवला के समान मात्रा में मिले हुए चूर्ण को रात को । एक चम्मच गर्म पानी से सेवन करने से कब्ज की शिकायत दूर होती है।
शहद का सेवन कब्ज में-
रात को सोते समय शहद दो चम्मच की मात्रा पानी में मिलाकर सेवन करने से धीरे-धीरे कब्ज की समस्या दूर हो जाती है।
इसबगोल का सेवन कब्ज में-
कब्ज का घरेलू उपाय इसबगोल -कब्ज के लिए एक अत्यंत उपयोगी दवा है। \
रात में सोते समय दूध के साथ दो चम्मच इसबगोल का सेवन करने से कब्ज की समस्या दूर हो जाती है।
इसके फाइबर कब्ज की समस्या को दूर करने में रामबाण के रूप में कार्य करते हैं। आंतों में होने वाले संक्रमण को रोकता है। दस्त होने के समय में इसे दही के साथ देने पर दस्त रुक जाती है।
पपीता का सेवन कब्ज में-
कब्ज का घरेलू उपाय पपीता पाचन शक्ति को बढ़ाने वाला होता है।
भरपूर मात्रा में पपीता में फाइबर होने के कारण कब्ज की शिकायत को दूर करने वाला होता है। पपीता कब्ज को दूर करने के साथ-साथ कई फायदे देता है।
दूध घी का सेवन कब्ज में-
सुबह सुबह गर्म पानी में एक चम्मच शुद्ध देसी घी अच्छी तरह मिलाकर । सेवन करने से कब्ज की समस्या जल्द ही ठीक हो जाती है। खाली पेट सेवन करने से अच्छे परिणाम प्राप्त होते हैं।
बच्चों में कब्ज की समस्या के लिए
पेट पर अरंडी के तेल की मालिश करवाई जाती है। हल्के हाथ से अरंडी का तेल नाभि से चारों तरफ हल्के हाथ से लगाने पर कब्ज की समस्या धीरे-धीरे दूर होती है।
कब्ज की शिकायत में जीवन शैली
रात को देर तक जागना
कब्ज का कारण है। पाचन की क्रिया सही तरीके से ना होने की वजह से कब्ज की शिकायत रात को जागने से होती है।
देर तक सोते रहना-
सुबह देर तक सोने की वजह से आज की दिनचर्या अनियमित हो जाती है। जिसके कारण कब्ज की समस्या होने लगती है।
भोजन के समय ब्रेकफास्ट करना और रात को देर से खाना कब्ज का कारण है। भोजन पचने से पूर्व फिर से कुछ न कुछ खाते रहना भी एक कारण है।
रेशेदार खाद्य पदार्थों का सेवन ना करना-
रेशेदार खाद्य सामग्री हमारे किचन से दूर होती जा रही है। जब पाचन से संबंधित समस्या होने लगती है तो । हमारा ध्यान फाइबर की ओर जाता है। आखिर फाइबर कृत्रिम रूप लेने की बजाए प्राकृतिक रूप में लिया जा सकता है।
आटे में मिलने वाला चोकर जिसे छानकर निकाल दिया जाता है। जिसके कारण शरीर में फाइबर की कमी पड़ती है । इसके साथ ही सब्जियों में हरी पत्तेदार सब्जियों को शामिल न करने से कब्ज की शिकायत घर के प्रत्येक व्यक्ति को हो सकती है।
कम पानी पीना-
पानी हमारे शरीर में अत्यंत ही उपयोगी तत्व है शरीर की सभी चयापचय क्रिया है पाचन इत्यादि के लिए पानी का अत्यधिक महत्व है। कम पानी पीने से शरीर में निर्जलीकरण होता है। जिसका प्रभाव पाचन तंत्र से लेकर पूरे शरीर की शारीरिक क्रियाओं पर पड़ता है।
हर व्यक्ति को जितना हो सके पानी पीना चाहिए। आरो के पानी की बजाए संभव हो सके तो ।
प्राकृतिक पानी खनिज एवं पोषक तत्वों से भरपूर होता है। समय के साथ में पानी के तत्व को फिल्टर कर लेने से कई प्रकार के रोगों की समस्या विटामिंस की कमी की समस्या आजकल देखने को मिल रही है।
व्यायाम की कमी-
निष्क्रियता हमारे शरीर के लिए अत्यंत ही घातक है। शारीरिक क्रियाओं में सूर्य नमस्कार, योग प्राणायाम,
हल्का व्यायाम, दौड़ना, घरेलू कार्य अथवा टहलना शरीर के लिए फायदेमंद होता है। व्यायाम करने से शरीर के अंगों की कार्यक्षमता बढ़ती है। तो कहीं ना कहीं अकर्मण्यता हमारे कब्जी का कारण भी बनता है।कभी भी शौच निवृति से पूर्व में व्यायाम योगासन अथवा दोड़ना ना करे ।
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कब्ज की शिकायत में खानपान
- सलाद का प्रयोग करें- प्याज, ककड़ी, खीरा, टमाटर इत्यादि का प्रयोग करें।
- फलों का सेवन करें- जूस की अपेक्षा फलों का सीधा सेवन अधिक फायदेमंद है।
- पानी अधिक पीएं- शरीर को हाइड्रेट रखें। हर घंटे में एक गिलास पानी पी सकते हैं । व्यायाम एक्सरसाइज करने वालों के लिए इससे अधिक की मात्रा हो सकती है।
- हरी पत्तेदार सब्जियों को शामिल करें- भोजन में सब्जियों का उपयोग जैसे पालक, पत्ता गोभी फूल गोभी, ब्रोकली इत्यादि का सेवन करें।
- दूध का सेवन करें- रात को सोते समय दूध पीने का सबसे अच्छा समय है। इससे शरीर को ताकत मिलती है पाचन तंत्र भी मजबूत रहता है।
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कब्ज के लिए योग
- योगासन
- षट्कर्म
- मयूरासन
- अर्धमत्स्येंद्रासन
- हलासन
- तितली मुद्रा
- पवनमुक्तासन
करने से लाभ होता है।
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चिकित्सक की सलाह कब आवश्यक?
घरेलू उपाय को करने के बाद भी आराम ना होने की स्थिति में। चिकित्सक की सलाह अवश्य ले।