आज हम जानेंगे भेषज्य रत्नावली के अनुसार कांचनार गुग्गुल के फायदे के बारे में इस औषधि का रोगाधिकार गलगंड रोग है । आधुनिक चिकित्सा विज्ञान इसको आयोडीन की कमी से थायराइड गंथियो की सुजन के कारण माना गया है !आयुर्वेद के सिद्धांतो के अनुसार कांचनार मुख्य रूप से मांस एवं मेद धातु पर कार्य करता है । मांस और मेद की धात्वाग्नि स्वीकृत हो जाती है इसी वजह से शरीर में मोटापा ( स्थोल्यता बढ़ जाती है । कांचनार गुग्गुल के फायदे इस धत्वाग्नी को प्रदीप्त कर पुनः सम अवस्था में लेकर आती है । और शरीर में विभिन्न जगह पर होने वाली मांस तथा मेद की गांठे तथा मोटापा गलत खानपान जैसे फास्ट फूड, विरुद्ध भोजन. अनियमित दिनचर्या, स्वस्थ व्रत का ध्यान नहीं रखने पर हो जाती है । आइए जानते हैं कांचनार गुग्गुल के घटक द्रव्य
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कांचनार गुग्गुलु के घटक द्रव्य-
- कचनार की छाल 60 भाग
- सोंठ {शुंठी } 12 भाग
- काली मिर्च { मरीच} 12 भाग
- पीपल { पिप्पली } 12 भाग
- हरड़ { हरीतकी} 6 भाग
- बहेड़ा{ विभितकी } 6 भाग
- वरुण की छाल 3 भाग
- त्वकपत्र एक भाग
- त्वक एक भाग
- इलायची{ ऐला } 1 भाग
- शुद्ध गुग्गुल { त्रिफला से विशेष शोधन करने के बाद} 120 भाग
कांचनार गुग्गुलु के फायदे एवं उपयोग-
- गलगंड रोग जिसमें मांस तथा मेद में विकृति आने की वजह से गला सूख जाता है । तथा गंडमाला जिसमें गले के अंदर छोटी-छोटी गाते हो जाती है ।
- धात्वाग्नी विकृति के कारण बढ़ने वाली मोटापे में इसका उपयोग किया जाता है ।
- शरीर में होने वाली विभिन्न तरह की गांठे , सिस्ट{ एक तरह का एयर बबल} की समस्या में भी इसका उपयोग किया जाता है ।
- गर्भाशय तथा ओवरी में सिस्ट जिसे आयुर्वेद में गुल्म कहां जाता है । आयुर्वेद की स्त्री रोग विशेषज्ञ इस समस्या में इस औषधि का उपयोग करते हैं ।
- अर्श तथा भगंदर रोग में भी कांचनार गुग्गुल का उपयोग किया जाता है ।
- आघात के कारण उत्पन्न व्रण तथा रक्त विकार के कारण उत्पन्न व्रण दोनों में इश्क औषधि का उपयोग किया जाता है ।
- विभिन्न प्रकार की त्वचा के रोगों में भी सहायक औषधि के रूप में किसका उपयोग किया जाता है ।
- ग्रंथि तथा अर्बुद में भी इसका सेवन अवश्य करवाया जाता है ।
सेवन मात्रा-
1 से 2 टेबलेट दिन में दो से तीन बार चिकित्सक के निर्देशानुसार सेवन करें ।
अनुपान –
गुनगुने पानी. पुनर्नवासव , खदिरारिष्ट, अभयारिष्ट, गोखरू का काढ़ा , अथवा रोगी के रोग तथा बल के अनुसार चिकित्सक के निर्देशानुसार अनुपान का सेवन करें ।
कहां से खरीदें? –
हर आयुर्वेदिक मेडिकल स्टोर पर कई कंपनियों द्वारा निर्मित उपलब्ध रहती है । आजकल ऑनलाइन भी कंपनियों द्वारा उपलब्ध करवाई जा रही है ।
सावधानी-
- औषधि को सुखे एवं स्वच्छ स्थान पर रखें ।
- औषधि बच्चों की पहुंच से दूर रखें ।
- बिना चिकित्सक की सलाह से औषधि का सेवन ना करें ।
चेतावनी- यहां पर दी गई समस्त जानकारी चिकित्सा परामर्श नहीं है । किसी भी औषधि के सेवन से पूर्व आयुर्वेद चिकित्सक की सलाह आवश्यक है ।
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