खर्राटे क्यों आते है ?

खर्राटे क्यों आते है

खर्राटे क्यों आते है ?-आप इस पोस्ट को पढ़ रहे हैं। इसका मतलब या तो आपके घर में खर्राटे लेता है । या फिर आप खुद खर्राटे की समस्या से परेशान हैं।

तो आज हम पूरी जानकारी आपके साथ शेयर करने वाले हैं। की आखिरी से कैसे बचें? इसके कारण क्या क्या है?

खर्राटा आना एक आम समस्या है। हर दूसरे घर में कोई न कोई इस समस्या से जूझ रहा है। अगर यह आपके स्वास्थ्य पर कोई बुरा प्रभाव नहीं डाल रही है। तो कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन कई मामलों में यह समस्या गंभीर हो सकती है।सबसे पहले जानते हैं खर्राटे क्यों आते है ?

खर्राटों के कारण-

खर्राटे क्यों आते है ?इसके बहुत सारे कारण हो सकते हैं। जैसे

  • सांस लेने के मार्ग में रुकावट-
  • खर्राटे आने का कारण सांस के मार्ग में रुकावट है जो किसी भी कारण से हो सकती है। जैसे सर्दियों के मौसम में जुकाम अथवा नाक का बंद रहना भी हो सकता है।
  • आपका वजन अधिक होना-
  • माना जाता है कि शरीर का वजन अधिक होने के कारण गले की मांसपेशियां शिथिल होती है। ऐसी अवस्था में मांसपेशियों की शिथिलता के कारण ।वायु मार्ग में रुकावट से गले के उत्तको में कंपन होने के कारण खर्राटों की आवाज आती है। इसका मतलब यह नहीं है कि पतला व्यक्ति कभी खर्राटे नहीं मारेगा। या पतला व्यक्ति मोटे व्यक्ति से कमजोर खर्राटे मारेगा। निर्भर करता है पूरी तरीके से आपकी श्वास नली की बनावट तथा सोने की पोजीशन पर।
  • गले का टॉन्सिल बड़ा होना-
  • आपने देखा होगा गले में एक टॉन्सिल होता है। और वह कभी संक्रमण या मौसम के बदलाव के साथ में ।कोई ठंडी गर्म चीज खाने के बाद बड़ा हो जाता है ।ऐसी स्थिति में भी कई बार सांस लेने की प्रक्रिया में समस्या होती है जिसके कारण खर्राटों की आवाज आ सकती है।
  • शराब का सेवन-
  • रात को सोते समय अगर कोई व्यक्ति शराब का सेवन करता है। तो ऐसे व्यक्ति के मुंह से खर्राटों की आवाज आना स्वाभाविक है। क्योंकि नशे की हालत में गले एवं मुंह की मांसपेशियां शिथिल हो जाती है। जिसके कारण मुंह खुला रहने अथवा गलत पोजीशन में सोने की वजह से खर्राटों की समस्या दूसरों को झेलनी पड़ सकती है।
  • गले में इन्फेक्शन-
  • कई बार मौसम के बदलाव के साथ में गले में संक्रमण की स्थिति बन जाती है। इंफेक्शन के कारण गले के उत्तको में सूजन के कारण वायु मार्ग में बाधक बन सकती है।
  • मादक दवाइयां-
    अगर आप किसी भी प्रकार की मादक दवाइयां जैसे कुछ एंटीहिस्टामाइन दवाइयां लेने के बाद में शरीर में मादकता मांसपेशियों की शिथिलता आने के कारण खर्राटों की आवाज निकल सकती है।
  • धुम्रपान-
  • जिन लोगों को धूम्रपान की आदत होती है वे लोग धूम्रपान न करने वालों की अपेक्षा खर्राटे ज्यादा लेते हैं।
  • अनुवांशिक-
  • हां यह निश्चित रूप से संभव है कि अगर आपके परिवार में कोई खर्राटे लेने वाला है और यह गुण उसे विरासत में मिला है। तो इसके अधिक चांस है कि वह आने वाली पीढ़ी में भी हो सकता है। आपको लगेगा इसका कारण क्या है ?
  • शरीर की बनावट अथवा सांस लेने के मार्ग में बनावट अनुवांशिक रूप से एक जैसी होने पर खर्राटों की समस्या अनुवांशिक हो सकती है।

खर्राटों के कारण होने वाली समस्याएं

  • खर्राटे लेने वाले व्यक्ति दिन में भी उगने लगते हैं।
  • किसी कार्य में मन नहीं लगता है।
  • सिर भारी रहता है क्योंकि नींद पूरी नहीं होती।
  • खर्राटे लेने की वजह से दूसरे व्यक्ति भी परेशान होते हैं।
  • कम उम्र में बच्चों की पढ़ाई खराब हो सकती है।
  • चिड़चिड़ापन गुस्सा तथा निराशा जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं।
  • रात में गाड़ी चलाना खतरनाक हो सकता है।
  • एकाग्रता की कमी हो जाती है। किसी भी काम में सही से ध्यान नहीं दे पाता है।

खर्राटों से कैसे बचें?

अगर आप खर्राटे नहीं लेते हैं परंतु आपके घर में कोई खर्राटे बड़े मजे से मारता है। तो आप कान में लगाने वाली स्ट्रिप की जरूरत पड़ेगी।

आपको कान में रुई डाल कर सोना पड़ेगा। यह एक मजाक था। चलिए जानते हैं खर्राटों से बचने के उपाय

  • रात में सोते समय शराब और मादक पदार्थों का सेवन ना करें। ताकि आप खुद भी सो सके और दूसरों को भी सोने दे सके।
  • रात का भोजन हल्का एवं सुपाच्य हो जिससे पाचन तंत्र ठीक रहेगा और खर्राटे आने की समस्या में भी लाभ होगा।
  • मादक दवाइयां नींद की दवाइयां अथवा अनावश्यक रूप से एंटीहिस्टामाइन दवाइयां लेने से बचें।
  • धूम्रपान तथा शराब को बंद कर दे।
  • शहद का सेवन करें।
  • गले को साफ रखने के लिए मुलेठी के टुकड़े को मुख में रखें।
  • अगर आप का वचन अधिक है तो वजन को कम करें।
  • रात को गर्म गुनगुना पानी का सेवन करें।
  • गले में संक्रमण की स्थिति में इलाज लेवे।
  • करवट लेकर सोए।
  • रात को हल्दी दूध पिए।
  • अगर आप नॉन वेजिटेरियन है ।मांस की जगह मछली का प्रयोग करे।
  • जन्म से ही सांस लेने के मार्ग में किसी बनावट में दिक्कत होने पर। गंभीर स्थिति में ही किसी सर्जरी का निर्णय ले।
  • कर्पूर धारा अथवा विक्स को गर्म पानी में डालकर भाप लेने से बंद नाक खुल जाती है। और सांस लेने की समस्या में लाभ होता है।

क्या खर्राटे लेना गंभीर समस्या है?

यह तब तक गंभीर नहीं है जब तक आपके जीवन के लिए कोई समस्या ना खड़ी करें।

अगर रात को खर्राटे लेते समय आपको सांस लेने में दिक्कत होती है। तो यह गंभीर है।

कम उम्र में ही खर्राटों की समस्या एक गंभीर विषय है। इसके लिए डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

तो आपने जाना खर्राटे क्यों आते है ?अगर यह जानकारी आपको अच्छी लगी है तो शेयर करें। जिन्हें यह समस्या है। हो सकता है उन्हें खर्राटों की समस्या से छुटकारा पाने में मदद मिले।

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