चिन्तामणि चतुर्मुख रस क्या है?-चिंतामणि चतुर्मुख रस( स्वर्ण युक्त) -यह एक आयुर्वेदिक शास्त्रोक्त रस औषधि योग है । जिसमें चार प्रकार की भस्म को मिलाकर औषधीय द्रव्य की भावना देकर बनाया जाता है । इस आयुर्वेदिक औषधि का प्रयोग आयुर्वेद चिकित्सकों द्वारा किया जाता है । विशेष रूप से वात रोग, नाड़ी संस्थान के रोग, मिर्गी अपस्मार, और भी कई रोगों में इसका प्रयोग करवाया जाता है ।
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चिन्तामणि चतुर्मुख रस के घटक द्रव्य
( संदर्भ ग्रंथ-भैषज्य रत्नावली के अनुसार वात रोगाधिकार)
- स्वर्ण भस्म
- लौह भस्म
- अभ्रक भस्म
- रस सिंदूर एवं भावना द्रव्य $40 में
चिन्तामणि चतुर्मुख रस के फायदे एवं गुण
- सभी प्रकार के वात रोगों में इसका उपयोग फायदेमंद होता है ।
- दिमागी कमजोरी के लिए इसका अत्यधिक फायदेमंद होता है ।
- भ्रम रोग में इसका प्रयोग करवाया जाता है ।
- उन्माद रोग में प्रयोग करवाया जाता है ।
- टीबी (राजयक्ष्मा ) के रोगियों के लिए भी अत्यंत फायदेमंद होता है ।
- पीलिया रोग में इसका प्रयोग करवाया जाता है ।
- मधुमेह रोगियों को इसका प्रयोग करवाया जाता है ।
- एसिडिटी अम्ल पित्त रोग में इसका प्रयोग करवाया जाता है ।
- हिस्ट्रीया रोग के लिए भी इसका प्रयोग करवाया जाता है ।
- मिर्गी रोग में इसका प्रयोग अत्यंत लाभकारी होता है ।
चिन्तामणि चतुर्मुख रस की सेवन मात्रा-
125 मिलीग्राम से 250 मिलीग्राम चिकित्सक के निर्देशानुसार सेवन करनी चाहिए ।
सुबह शाम त्रिफला चूर्ण के साथ अथवा शहद के साथ में सेवन करें ।
मानसिक रोगों में अनुपान
ब्राह्मी शंखपुष्पी जटामांसी के क्वाथ के साथ सेवन करवाने पर मिर्गी रोग अपस्मार तथा मानसिक रोगों में अत्यधिक लाभ होता है ।
वात रोगियों में-
चिंतामणि चतुर्मुख रस chintamani chaturmukh ras in hindi के साथ वात शामक औषधीय तेलों का प्रयोग फायदेमंद होता है । महानारायण तेल, मूरीवेन्ना तेल, महाविषगर्भ तेल, लघु विषगर्भ तेल इत्यादि ।
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कहां से खरीदें?
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औषधि सेवन के साथ क्या खाना चाहिए (पथ्य)
गेहूं, पुराने चावल, दूध, परवल, सहजना , पके हुए आम, किशमिश, संतरा, मांस, घी इत्यादि का सेवन करें ।
औषधि सेवन के साथ क्या नहीं खाना चाहिए(अपथ्य )
बेसन, मेदे की बनी हुई खाद्य पदार्थ, आमचूर, अचार, दही, छाछ, इमली रेफ्रिजरेटर का पानी, कोल्ड ड्रिंक, फास्ट फूड इत्यादि नहीं खानी चाहिए ।
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सावधानी-
बिना डॉक्टर की सलाह के औषधि का सेवन ना करें ।
औषधि को सूखे एवं स्वच्छ स्थान पर स्टोर करें ।
बच्चों की पहुंच से दूर रखें ।
निर्धारित निर्देशित मात्रा से अधिक मात्रा में सेवन ना करें ।
चेतावनी- इस लेख में दी गई समस्त जानकारी चिकित्सा परामर्श नहीं है । किसी भी आयुर्वेदिक औषधि के सेवन से पूर्व आयुर्वेद चिकित्सक विशेषज्ञ की सलाह आवश्यक है।
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