जात्यादि तेल के फायदे-आज हमें कैसे आयुर्वेदिक तेल के बारे में जानेंगे । जिसे मल्टीपरपज यूज़ के लिए उपयोग किया जाता है । इस तेल में कई ऐसी औषधियों का प्रयोग किया जाता है । जो किसी भी प्रकार की चोट, शरीर पर हो रही खुजली, ना सूखने वाले घाव , पाइल्स फिस्टुला सभी के लिए प्रयोग किया जाता है । और इसके लाभ बहुत सारे हैं जो हम आगे पड़ेंगे ।
स्रोत- शारंगधर संहिता
Table of Contents
जात्यादि तेल के घटक द्रव्य-
- जाति पत्र
- करंज के पत्ते
- हल्दी
- मंजिष्ठा
- हरड़
- सारिवा
- नीम के पत्ते
- मुलेठी
- दारूहल्दी
- पद्मक
- कुटका
- निलोत्पल
- करंज के बीज
- लौध्र
- तुत्थ
- पटोल के पत्ते
- मधुच्छिष्ट
- कुष्ठ
- तेल
जात्यादि तेल के फायदे
- यह तेल एंटीबैक्टीरियल, खुजली को दूर करने वाला, घाव को सुखाने वाला, बार-बार पर्स बनने की समस्या को दूर करने वाला होता है ।
- इसे लगाने पर घाव जल्दी सूखता है ।
- यह जलन को कम करने वाला होता है ।
- सूजन तथा दर्द को भी कम करता है ।
- पाइल्स और फिशर रोग के अंदर आयुर्वेद चिकित्सकों द्वारा इस तेल को लगाने की सलाह दी जाती है ।
- किसी भी प्रकार के दग्ध( अर्थात किसी भी प्रकार का जलने पर) इस तेल को लगाने से बहुत जल्दी आराम मिलता है ।
- तुरंत की लगी हुई चोट तथा पुराने घाव पर लगाने से मरहम पट्टी करने से जल्द ही ठीक हो जाता है ।
प्रयोग-
केवल की चमड़ी पर वाक्य प्रयोग किया जाता है । भगंदर और पाइल्स के रोगी स्थानिक प्रयोग करते हैं । पुराने घाव , चोट के घाव , पुराना नासूर, सभी के लिए अत्यंत उपयोगी ।
विशिष्ट तथ्य-
हल्दीऔर दारूहल्दी कई प्रकार के जीवाणु और विषाणु और फंगस को मारने की प्रॉपर्टीज पाई जाती है ।
मंजिष्ठा सूजन को दूर करता है ।
हरीतकी में बैक्टीरिया फंगस को दूर करने, घाव को सुखाने की क्षमता होती है ।
यष्टिमधु- वायरस रोधी है ।
तिल का तेल वसा को घटाता है ।
नीम के पत्ते व करंज के पत्ते कवक और जीवाणु नाशक होते हैं । त्वचा के रोगों के लिए अत्यंत फायदेमंद है ।
सावधानी-
अभ्यांतर प्रयोग के लिए नहीं है ।
बच्चों की पहुंच से दूर रखें ।
चिकित्सक की सलाह से उपयोग करें ।
कहां से खरीदें?
हर मेडिकल स्टोर पर आसानी से उपलब्ध । ऑनलाइन खरीदने के लिए नीचे दिए गए चित्रों पर क्लिक करें ।
चेतावनी- इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक प्रयोजन से लिखी गई है । यहां पर दी गई समस्त जानकारी चिकित्सा परामर्श नहीं है । किसी की आयुर्वेदिक औषधि की प्रयोग या सेवन से पूर्व आयुर्वेद विशेषज्ञ की सलाह अवश्य ले ।
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