मधुमेह diabetes

डायबिटीज (diabetes)

डायबिटीज (diabetes) हमारे शरीर human body में रक्त में शर्करा blood glucose की मात्रा बढ़ जाना ही मधुमेह है इसे अंग्रेजी में डायबिटीज diabetes कहते हैं। आजकल की दौड़ भाग वाली जीवनशैली Lifestyle तथा खान-पान food habit की तरीकों में एवं आलस्य lazy lifestyle पूर्ण जीवन रात में अधिक समय तक जगना इसके साथ ही बहुत सारे कारण की वजह से लोग अंधे blindness हो जाते हैं। शरीर के घाव injury जल्दी नहीं भरते हैं। किडनी kidney तथा लीवर liver अत्यधिक प्रभावित होते हैं।( और पढ़े)पहले यह रोग 40 की उम्र के बाद होता था लेकिन अब धीरे-धीरे यह बच्चों children’s तथा 30 की उम्र में शुरू हो जाता है। सामान्यतः भारत में 90% लोगों को टाइप 2 type 2 मधुमेह diabetes पाया जाता है। जिसे जीवन शैली Lifestyle में सुधार एवं खानपान good habits में सुधार के बाद इसके स्तर को कम किया जाता है। लेकिन मधुमेह diabetes है

डायबिटीज टाइप 1 जो गंभीर dangerous है और यह अग्नाशय pancreas की कार्य प्रणाली पूरी तरह से खराब होने तथा इंसुलिन का बिल्कुल निर्माण ना होना अथवा ना के बराबर इंसुलिन insulin का निर्माण होना जैसी स्थिति में हो जाता है।

( और पढ़ेआयुर्वेद के अनुसार आपकी दिनचर्या कैसी होनी चाहिए)

मधुमेह होने के कारण causes of diabetes

डायबिटीज (diabetes)

हमारी पाचन व्यवस्था digestive system में एक अंग काम करता है जिसका नाम है अग्नाशय pancreas जहां हमारे भोजन में उपलब्ध शर्करा blood glucose को खून में आने के बाद इंसुलिन insulin के माध्यम से कोशिका body cell पहुंचाता है और पाचन digestion करता है। अंग्रेजी में ऐसी पेनक्रियाज pancreas कहते हैं। जो इंसुलिन स्त्रावित insulin secretion करता है जिससे शरीर में रक्त शर्करा का स्तर blood glucose level संतुलित रहता है।अग्नाशय pancreas की कार्य प्रणाली में अथवा अग्नाशय की कोशिकाएं नष्ट damage cells हो जाना जो रक्त शर्करा blood glucose को संतुलित balance करने में मुख्य भूमिका निभाती है।

अनियमित irregular food habits खानपान तथा आलस्य पूर्ण जीवन lazy life भागदौड़ भरे जीवन में लोग संतुलित भोजन balance diet को प्राथमिकता दिए बिना कुछ भी बाजार में जो उपलब्ध है उसे खा लेते हैं जो हमारे शरीर के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं है। जिससे शरीर में कई प्रकार की व्याधिया diseases उत्पन्न होती है। जैसे मोटापा obesity थायराइड thyroid हृदय रोग heart disease इत्यादि।

( और पढ़े बाल झड़ना कैसे रोके?)

अत्यधिक मीठे पदार्थों का सेवन। more glucose food

रात को देर तक जागना ।

व्यसनों का प्रयोग करना।

अत्यधिक तनाव depression stress में रहना।

कड़वी शाक सब्जियों अथवा भोज्य पदार्थों को अपने भोजन में शामिल ना करना।

वंशानुगत legacy अगर आपके परिवार में किसी व्यक्ति को किसी भी प्रकार का डायबिटीज (diabetes) डायबिटीज टाइप वन diabetes Type 1 अथवा टाइप टू diabetes type 2 कोई भी है तो आपके परिवार में डायबिटीज होने की संभावना 50 गुना ज्यादा है।शारीरिक श्रम की कमी- हर काम मशीनी उपकरण के ऊपर अधिकतर शारीरिक श्रम की कमी की वजह से भी यह रोग हो जाता है डायबिटीज रोगी को सबसे ज्यादा घूमने walking के लिए कहा जाता है जिससे उसका शारीरिक श्रम body work हो और डायबिटीज का स्तर diabetes level नियंत्रित किया जा सकता है।

( और पढ़ेकितनी लाभदायक शतावरी महिलाओं के लिए?)

डायबिटीज (diabetes)

बचाव के उपाय how to be safe

  • मीठी भोज्य पदार्थ do not eat glucose food चाय tea पदार्थों का उपयोग कम से कम या बंद कर दें।
  • जीवनशैली में बदलाव लाए change your lifestyle रोजाना दो से 3 किलोमीटर पैदल चलें go for walk daily।
  • खानपान में बदलाव करें कम कैलोरी वाले भोज्य पदार्थों का उपयोग करें
  • सभी प्रकार की अंकुरित दालों का उपयोग करें तथा फल सब्जियां साबुत अनाज का उपयोग करें।
  • केला आम सेव खजूर अंगूर आदि का उपयोग बंद कर दें ! इसमें ग्लूकोज की मात्रा ज्यादा होने से शुगर लेवल बढ़ेगा।
  • व्यसनों से दूर रहे बीड़ी सिगरेट तंबाकू गुटका शराब आदि का उपयोग ना करें।
  • रात को नींद पूरी लेवे कम से कम 24 घंटे में 7 घंटे या 6 घंटे की नींद आवश्यक है।
  • किसी भी प्रकार की तनाव या मानसिक चिंता ना करें जिससे आपका शुगर लेवल नियंत्रित रहे।
  • गेहूं 2 किलो जो किलो चना 1 किलो इस तरह से आटा पीस वाकर चपाती बनाकर खाएं।
  • मेथी सहजन पालक गोभी टमाटर बंद गोभी करेला आदि का प्रयोग शाक सब्जी में शुरू करें।
  • नींबू पपीता आंवला तरबूज कच्चे अमरूद नाशपाती आदि फलों का उपयोग करें।
  • चना अंकुरित दालें प्याज लहसुन बादाम आदि का प्रयोग करें।
    • चावल rice आलू potato और मक्खन butter का प्रयोग बिल्कुल बंद कर दें।
  • योगा और प्राणायाम रोजाना करें Yoga aur Pranayam
  • सूर्य नमस्कार करें।( और पढ़ेकितने लाभदायक है स्वास्थ्य के लिए फल)

सामान्य शुगर लेवल normal blood sugar level खाने से पहले before eating food call PP 100mg/dl

भोजन के after eating food it’s call random 2 घंटे बाद 140 mg/dl सामान्य माना गया है

डायबिटीज के प्रकार

मुख्य रूप से 2 तरह की डायबिटीज होती है टाइप 2 और टाइप 1 इसमें सबसे गंभीर टाइप टू मानी जाती है इसका कारण यह है कि यह एक इम्यून system से जुड़ी है और अगर आपके परिवार में कोई व्यक्ति पहले से टाइप वन डायबिटीज से ग्रसित है तो परिवार में इसके होने की संभावना बढ़ जाती है।Type 1 Diabetes में रोगी के अग्नाशय pancreas कि वह कोशिकाएं नष्ट cells damage हो जाती है जो इंसुलिन insulin का निर्माण करती है। जिससे यकृत liver ऊपर बुरा प्रभाव पड़ता है और ह्रदय heart पर भी इसका दबाव ज्यादा बनने से हृदयाघात heart attack , stroke होने की संभावना भी बढ़ जाती है।

Type 1 Diabetes मैं रोगी को बाहर से इंसुलिन insulin लगवाना पड़ता है। जो लंबे समय तक लेना पड़ता है। कभी-कभी गंभीर स्थिति में रोगी को अपना शुगर लेवल दिन में कई बार चेक करना होता है। यह रोग बच्चों में भी पाया जाता है खासकर 5 से 7 वर्ष की उम्र में और इसे पूरी तरह ठीक करना लगभग असंभव है। वजन घटना प्यास लगना बहुत थकान लगना weakness आंखों में कम दिखाई blindness देना तथा किडनी में नुकसान kidney damage जैसे कोई प्रभाव डायबिटीज diabetes बनके देखे जाते हैं।

(और पढ़ें जाने कितना फायदेमंद है एलोवेरा)

डायबिटीज (diabetes) का आयुर्वेद में उपचार Ayurvedic treatment diabetes

ज्यादातर आयुर्वेदाचार्य Ayurvedic specialist रोगी को अपनी जीवनशैली Lifestyle बदलने तथा साथ में आयुर्वेदिक दवाओं के उपयोग से कुछ हद तक मधुमेह diabetes को नियंत्रित control किया जा सकता है। रोगियों को सलाह दी जाती है कि आलस्य पूर्ण जीवन lazy life को छोड़कर ज्यादा से ज्यादा शारीरिक श्रम hard work करें घी तेल ghee oil का ज्यादा उपयोग ना करें। चावल rice आलू potato तथा ज्यादा कैलोरी वाले खाद्य पदार्थों food product का उपयोग ना करें। साथ ही जितना हो सके नियमित पैदल चलने walking का नियम बनाएं।

फलत्रिकादि क्वाथ डायबिटीज diabetes के रोगियों को दिन में दो बार लेने की सलाह दी जाती है यह बाजार में फलत्रिकादि कषाय के नाम से भी मिलता है। इसमें हरीतकी अभी तक की आमलकी वासा नीम गिलोय चिरायता दारू निशा तथा मुस्त होता है जो आपके मेटाबॉलिज्म metabolism को भी ठीक करता है और साथ ही साथ आपके मधुमेह diabetes यानी कि डायबिटीज के लेवल को भी कम करता है।

Wheat Grass से इस तरह जुडी आपकी सेहत !

कुछ आयुर्वेदिक दवाइयां Ayurvedic medicines जो आयुर्वेद चिकित्सकों ayurvedic medical officer द्वारा लिखी जाती है।

किसी भी प्रकार की औषधि सेवन करने से पूर्व पंजीकृत आयुर्वेद चिकित्सक registered Ayurved doctor की सलाह जरूर लें।

Translate »
Scroll to Top