मनुष्य के शरीर में एक अंत स्त्रावी ग्रंथि के रूप में पाई जाती है। इस ग्रंथि का नाम चिल्लीका ग्रं ग्रंथि thyroid gland भी है। मनुष्य के शरीर में गर्दन में कॉलर बोन collar bone से ऊपर में पाई जाती है। यह मनुष्य के शरीर में पाई जाने वाली सबसे बड़ी अंतः स्रावी ग्रंथि है। जो हमारे शरीर में थायराइड हार्मोन thyroid hormone का निर्माण करती है। इसके साथ ही ऊपर की तरफ में पैरा थायराइड ग्रंथियां होती है जिसमें पैरा थायरोक्सिन हार्मोन parathyroid hormone का निर्माण होता है। इस ग्रंथि का आकर तितली butterfly के अगर के जैसा होता है जैसा आप चित्र में देख सकते हैं।
यह एंडोक्राइन ग्रंथि है जो दो तरह के हार्मोन बनाती है जिसमें एक है ट्राई आयोडो थायरोनिन (टी3) और दूसरा है थायरोक्सिन thyroxine (टी4) इन दोनों ही हार्मोन को नियंत्रित करने वाला एक हार्मोन होता है (टी एस एच TSH) थायराइड स्टूमुलेटिंग हार्मोन thyroid stimulating hormone जो पीयूष ग्रंथि में पाया जाता है। इन हार्मोन की वजह से मनुष्य का मेटाबॉलिज्म metabolism चयापचय प्रभावितहोता है। बताया जाता है कि इससे रूप से पुरुषों की अपेक्षा महिला ज्यादा ही प्रभावित होती है। महिलाएं थायराइड रोग thyroid disease से ज्यादा ग्रसित होती है।
हार्मोन के असंतुलन hormone imbalance से ही यह रोग का रूप लेता है। इसमें दो तरह से रोग होते हैं एक हाइपो थायराइड hypothyroid और एक हाइपर थायराइड hyperthyroid। वैसे रोग ऑटो इम्यून सिस्टम auto immune system की वजह से या कैंसर cancer की वजह से होती है। जब थायराइड ग्रंथि thyroid gland अपना हार्मोन कम बनाने लगती है तो हाइपो थायराइड hypothyroid हो जाता है और अगर यह ज्यादा हार्मोन उत्पादन करती है तो यह हाइपर थायराइड hyperthyroid कहलाता है।
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थायराइड कितने प्रकार की होती है? Type of thyroid
थायराइड दो तरह की होती है। हाइपर थायराइड hyperthyroid, हाइपो थायराइड hypothyroid आप अपनी लाइफ स्टाइल Lifestyle चेंज करके, बैलेंस डाइट balanced diet करके और पर्याप्त आयोडीन Iodine का सेवन करके इससे दूर रहा जा सकता है।
हाइपरथाइरॉयडिज़्म क्या है इसके क्या लक्षण है और क्या कारण है। what is the causes and symptoms of hyperthyroidism
हाइपरथाइरॉएडिज्म hyperthyroidism का मतलब है थायराइड ग्रंथि thyroid gland में अधिक मात्रा में थायरोक्सिन हार्मोन thyroxine hormone का उत्पादन करना। जिससे शरीर में अधिक ऊर्जा allergy का उपयोग होने लगता है। इस ग्रंथि का मैकेनिज्म second इस तरह से काम करता है कि शरीर की कोशिकाओं body cells को यह बताता है कि कितनी ऊर्जा energy का उपयोग करना है। जब इस मैकेनिज्म में प्रॉब्लम हो जाती है तो यह असंतुलित imbalance हो जाता है।
- जिससे रोगी का वजन गिरने लगता है।
- चिड़चिड़ापन और निवास हो जाता है।
- शरीर में कमजोरी weakness महसूस होती है।
- महिलाओं में माहवारी mensuration cycle अनियमित हो जाती है।
- हृदय गति तेज और अनियमित हो जाती है।
- हड्डियां कमजोर bone weakness हो जाती है।
- नींद नहीं आती sleeplessness है।
- अधिक पसीना sweating आता है।
- आंखों में सूजन swelling और दिखाई देने में प्रॉब्लम होती है।
- शौच के लिए बार बार जाना पड़ता है।
- बाल झड़ते hair fall हैं।
हाइपरथाइरॉयडिज़्म के कारण causes of hyperthyroidism
- किसी प्रकार के वायरस संक्रमण viral infection अथवा किसी भी कारण से थायराइड में आई सूजन thyroid swelling जिसे थाइरोइडीटिस इज कहते हैं।
- थायरोक्सिन हार्मोन thyroxine hormone का अनियंत्रित स्त्राव।
- अधिक मात्रा में थायराइड हार्मोन thyroid hormone का उपयोग कर लेना या सेवन कर लेना।
हाइपोथायरायडिज्म क्या है इसके लक्षण तथा कारण what is hypothyroidism what is the causes and symptom
हाइपोथायरायडिज्म hypothyroidism उसका मतलब है थायराइड ग्रंथि thyroid gland का कम मात्रा में थायराइड thyroid का स्त्रावित करना। यह सामान्य है जिसमें थायराइड ग्रंथि थायराइड हार्मोन thyroid hormone को नहीं बना पाती है। महिलाओं में यह सामान्यतया पाया जाता है।
हाइपोथायरायडिज्म के लक्षण symptoms of hypothyroidism
- रूखी त्वचा skin dryness
- चेहरे पर सूजन facial swelling होना।
- शारीरिक कमजोरी body weakness महसूस होना।
- खून में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ना high cholesterol level।
- मांसपेशियों में जकड़न सूजन muscles pain और दर्द।
- थकान महसूस होना।
- बालों का झड़ना hair fall।
- बार-बार भूलने की समस्या।
- अवसाद होना।
- गला बैठ जाना।
- हृदय गति अनियमित irregular heartbeat या धीमी हो जाना।
- मैक्सी डेमा कोमा यह एक तरह की ऐसी स्थिति है जहां पर व्यक्ति कोमा coma में भी जा सकता है। शुरुआत में सांस लेने में तकलीफ लो ब्लड प्रेशर high BP तापमान में कमी या शरीर का ठंडा पड़ना इस तरह के लक्षणों के बाद कोमा में चला जाता है और मृत्यु death भी हो सकती है।
हाइपोथाइरॉएडिज्म के कारण causes of hypothyroidism
- भोजन में आयोडीन Iodine की कमी की वजह से भी हाइपोथायरायडिज्म हो जाता है 5 से 20 प्रतिशत जनसंख्या में आयोडीन की कमी की वजह से यह रोग हो जाता है।
- कुछ अंग्रेजी दवाइयां allopathic medicines जीने के प्रयोग सहित थायराइड ग्रंथि प्रभावित होती है और ऐसी प्रभाव के कारण कभी-कभी हाइपोथायरायडिज्म देखने को मिलता है।
- पीयूष ग्रंथि में जख्म pituitary gland injury होना- कभी-कभी किसी सर्जरी अथवा रक्त की आपूर्ति पीयूष ग्रंथि में कम होने से टी एस एच कम स्त्रावित होता है। जोकि थायराइड ग्रंथि thyroid gland को सक्रिय करने में अथवा उत्तेजित activate करने में भूमिका निभाता है।
हाइपोथायरायडिज्म से बचाव कैसे करें?
थायराइड के रोगों के लक्षणों को देखकर थायराइड की दवाइयां जरूरत पड़ने पर डॉक्टर द्वारा दी जाती है। फिर भी थायराइड से बचने के लिए अपनी जीवनशैली में बदलाव करने होते हैं।
- सिगरेट बीड़ी का उपयोग बंद करें।
- हमेशा व्यायाम करें।
- वजन को ज्यादा बढ़ने ना दें।
- फास्ट फूड fast food तथा ज्यादा फैट fatty food वाले भोजन पदार्थों त्याग करें।
- तनावमुक्त stress free रहें।
- संतुलित आहार balanced diet का प्रयोग करें पोषण nutrition का ध्यान रखें।
- आयोडीन युक्त खाद्य पदार्थों iodized food product का उपयोग करें।
हाइपोथायरायडिज्म की जांचें। medical test of hypothyroidism
ज्यादातर डॉक्टर महिलाओं में इसके लक्षण होने पर नियमित रूप से थायराइड की जांच Thyroid test कराने के लिए कहते हैं। गर्भवती महिलाओं pregnant women को या गर्भधारण करने के लिए थायराइड का सामान्य होना जरूरी है। अगर थायराइड कम या ज्यादा होने पर गर्भधारण में समस्या हो सकती है।
खून की जांच- blood test
टी एस एच TSH की जांच
T3 T4 की जांच
थायराइड ऑटो एंटीबॉडी जांच thyroid autoantibody।
हाइपोथायरायडिज्म का एलोपैथिक उपचार allopathic treatment of hypothyroidism
एलोपैथी में लिवो थायरोक्सिन नाम की दवाई प्रिसक्राइब करते हैं। जो जीवन भर खानी पड़ती है। यह आपके टी एस एच के लेवल को कम करती है। इसे लेने के बाद आपको थकान कम होने लगती है। धीरे-धीरे बढ़ा हुआ वजन भी कम हो जाता है। इसकी जांच हर हर दो-तीन महीने या साल में डॉक्टर द्वारा की जाती है ताकि टीएसएस के लेवल के हिसाब से दवाई की मात्रा कम या ज्यादा किया जा सके।
दवाइयां केवल चिकित्सक की देखरेख में ही सेवन करें इसके दुष्प्रभाव हो सकते हैं।
( और पढ़ेआयुर्वेद के अनुसार आपकी दिनचर्या कैसी होनी चाहिए)
थायराइड का आयुर्वेदिक उपचार Ayurvedic treatment of hypothyroidism
आयुर्वेद में कहा गया है कि जीवनशैली Lifestyle सुधारने से बहुत सारी बीमारियां this is a ठीक हो जाती है या होती ही नहीं है। थायराइड thyroid रोग में चिकित्सकों द्वारा दी जाने वाली दवाइयां medicines निम्न प्रकार है। किसी भी आयुर्वेदिक Ayurvedic दवाई का सेवन करने से पूर्व आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी से परामर्श जरूर करें।
पंचकर्म Panchkarma एक शारीरिक शोधन की प्रणाली है । the process of detoxify your body पंचकर्म चिकित्सा के नाम से जाना जाता है। इस विधा से शरीर में सभी स्रोतसो का शोधन किया जाता है ताकि शरीर की सभी क्रियाएं सामान्य हो सकें। शरीर में हुए बाद की वात, पित्त, कफ vat pitta kafa के प्रकोप को सामान्य किया जा सके।अगर थायराइड thyroid में भी पंच कर्म Panchkarma किया जाए तो निश्चित रूप से थायराइड में लोगों को लाभ होगा।
( और पढ़े बाल झड़ना कैसे रोके?)
- अग्निकुमार रस
- धनंजय वटी
- काव्याद रस
- प्रवाल पिष्टी
- त्रिकटु चूर्ण
- आरोग्यवर्धिनी वटी
- कांचनार गुग्गुलु
- Cap thyter etc.
- वरुणादि कषाय
- पुनर्नवादी कषाय
- त्रिफला गुग्गुलु
- वृहत् वात चिंतामणि रस
- पुनर्नवादी गुग्गुलु
- सारस्वत चूर्ण
थायराइड रोग में क्या खाएं (पथ्य) eatable food in thyroid
आयोडीन युक्त नमक, लहसुन ,अदरक, शिगरू, काकामाची ,पुराने चावल ,मूंग खाए।
थायराइड रोग में क्या न खाएं (अपथ्य) don’t eat this food in thyroid
दिन में ना सोए ,दही ,भारी भोजन, नॉनवेज
थायराइड के लिए योग yoga for thyroid
- प्राणायाम Pranayam करें।
- सर्वांगासन लाभदायक है।
- नाड़ी शोधन प्राणायाम।