दंत प्रभाकर मंजन हर घर में किसी न किसी को दातों की समस्या लगी रहती है। आज हम जानेंगे आयुर्वेद के ऐसे मंजन के बारे में जो दंत रोगों में अत्यधिक लाभकारी है । किन किन दवाइयों को कितनी मात्रा में मिलाकर बनाने की विधि के साथ-साथ उपयोग और फायदों के बारे में बताएंगे।
इस मंजन से दांत में दर्द हो, दाढ़ में दर्द हो, पी पाता हो, खून आता हो, दातों का हिलना मसूड़ों का फूलना, मुंह की दुर्गंध ऐसे ही दांतो से जुड़े कई प्रकार के रोगों को दूर करने में सहायक है।
Table of Contents
दंत प्रभाकर मंजन के घटक द्रव्य
- विलायती चौक मिट्टी
- लोध्र
- माजूफल
- अकर्करा
- कपूर
- लौंग
- छोटी इलायची( छिलके के साथ)
- फूली हुई फिटकरी
- ग्लिसरीन
- पिपरमेंट
- कार्बोलिक एसिड
- सैकरीन
- जिरेनियम आयल
दंत प्रभाकर मंजन बनाने की विधि-
सबसे पहले विलायती चौक मिट्टी 900 ग्राम माजूफल और अकरकरा 60-60 ग्राम लोद्र 150 ग्राम, लोंग इलाइची 20-20 ग्राम। शुद्ध फिटकरी 10 ग्राम कार्बोलिक एसिड 20 मिलीमीटर, ग्लिसरीन 50ml, पिपरमेंट का तेल 10 मिलीलीटर लेवे। चौक मिट्टी को ग्लिसरीन में मिला लें। फिर इसके बाद कपूर और कार्बोलिक एसिड को मिला ले। अच्छे से मिलाएं। बाद में जितनी भी औषधियां है। उन सभी को बारीक चूर्ण बनाकर मिला लेना । इसके बाद अंत में पिपरमेंट का तेल मिलाकर मंजन को तैयार कर ले।
गुणवत्ता में वृद्धि के लिए बोरिक एसिड 40 ग्राम की मात्रा मिला सकते हैं । और रंग में सुधार के लिए रेड़ कारमाइन और सैकरीन मिला सकते हैं।
सुगंध के लिए जिरेनियम ऑयल का प्रयोग कर सकते हैं।
दंत प्रभाकर मंजन के उपयोग एवं फायदे-
- दांत दाढ़ में दर्द में।
- दांतों में खून आना।
- दांतों से पीप आना।
- मुंह की दुर्गंध।
- मसूड़ों की सूजन।
- दांतों का हिलना।
- दांतों में मैल जमना।
- पायरिया।
दंत प्रभाकर मंजन कैसे कार्य करता है?
कीटाणु नाशक औषधियां- कपूर, कार्बोलिक एसिड, बोरिक एसिड, पिपरमेंट।
मल तथा कफ को बाहर निकालने वाली औषधियां- कपूर, लोंग इलाइची,
दांतो का पीलापन दूर करने तथा चमकदार बनाने के लिए- माजूफल लोध्र फिटकरी खड़िया।
दिन में कितनी बार प्रयोग करें?
दिन में दो बार।
चेतावनी- इस लेख में दी गई समस्त जानकारी चिकित्सा परामर्श नहीं है। किसी भी आयुर्वेदिक औषधि के सेवन से पूर्व आयुर्वेद चिकित्सक की सलाह आवश्यक है।
(और पढ़े…शिवाक्षार पाचन चूर्ण shivakshar pachan churna)
(और पढ़े……चौसठ प्रहरी पिप्पली chausath prahari pippali)
(और पढ़े…….पंचसकार चूर्ण के फायदे)
स्त्रोत – रस तंत्र सार व सिद्ध प्रयोग संग्रह