दशमूलारिष्ट के फायदे

दशमूलारिष्ट के फायदे

दशमूलारिष्ट के फायदे – दशमूलारिष्ट को सबसे उत्तम प्रकार का वात शामक माना गया है। आयुर्वेद चिकित्सकों द्वारा वातव्याधि संधिवात आमवात तथा अस्थि सुषिरता के साथ-साथ कई अन्य रोगों में भी इसका प्रयोग किया जाता है ।

दशमूलारिष्ट का विशेष उपयोग वात रोगों धातु क्षय सूतिका रोग, महिलाओ में कमरदर्द, अनियमित मासिक स्त्राव ,भूख न लगना, बल की कमी इत्यादि में प्रयोग किया जाता है ।

दशमूलारिष्ट के घटक द्रव्य-

भैषज्य रत्नावली के अनुसार निम्न घटक द्रव्य है।

  1. दशमूल
  2. कुलांजन
  3. मंजिष्ठा
  4. चित्रक
  5. देवदारू
  6. विडंग
  7. मधु यष्टि
  8. लोध्र
  9. गुडुची
  10. भारंगी
  11. चव्य
  12. आंवला
  13. बहेड़ा
  14. दुरालभा
  15. जटामांसी
  16. कपित्थ
  17. पुनर्नवा
  18. खदिर
  19. सारीवा
  20. पिपली
  21. विजयसार
  22. पुग
  23. कर्चुर
  24. हरितकी
  25. हरिद्रा
  26. शतपुष्पा
  27. द्राक्षा
  28. पद्मकाष्ठा
  29. गुड आवश्यकता के अनुसार
  30. नागकेसर
  31. मुस्ता
  32. धात की के फूल
  33. इंद्र यव
  34. करकट श्रृंगी
  35. कृष्ण जीरक
  36. निशोत्तर
  37. रास्ना
  38. रेणुक बीज
  39. विदारी
  40. अश्वगंधा
  41. वाराही कंद
  42. शतावरी

प्रक्षेप द्रव्य

  1. कंकोल
  2. उशीर
  3. श्वेत चंदन
  4. पिपली
  5. त्वक पत्र
  6. त्वक
  7. नागकेसर
  8. इलायची
  9. जायफल
  10. लवंग
  11. कस्तूरी लता

दशमूलारिष्ट के फायदे एवं उपयोग

  • प्रकार के वात रोगों के लिए उपयोगी।
  • संधिवात आमवात मैं उपयोगी।
  • अस्थि सुशिरता को काम करता है।
  • धातु क्षय में उपयोगी।
  • खांसी एवं दमा रोग में उपयोगी
  • भूख की कमी
  • अरुचि
  • पीलिया रोग में।
  • वंध्यत्व निवारण में।

सेवन मात्रा

दो से चार चम्मच 10 से 20 एमएम की मात्रा सुबह शाम गुनगुने पानी से भोजन के बाद चिकित्सक के निर्देशानुसार सेवन करें।

सावधानी

बच्चों की पहुंच से दूर रखें

कमरे के तापमान पर स्टोर करें।

निर्धारित मात्रा से अधिक सेवन ना करें ।

खटाई एवं फास्ट फूड कचोरी समोसा क मेदे के खाद्य पदार्थ से परहेज करें।

कहां से खरीदें ?

सभी आयुर्वेदिक मेडिकल स्टोर पर आसानी से उपलब्ध है। कई कंपनियों द्वारा इसका निर्माण किया जाता है। आजकल ऑनलाइन भी उपलब्ध है।

चेतावनी- इस लेख में उपलब्ध समस्त जानकारी चिकित्सा परामर्श नहीं है। किसी भी आयुर्वेदिक औषधि के सेवन से पूर्व रजिस्टर्ड आयुर्वेद चिकित्सक की सलाह आवश्यक है।

और पढ़ें.महामंजिष्ठादि क्वाथ काढ़ा….

और पढ़ें…अश्वगंधारिष्ट आयुर्वेदिक मेडिसिन

और पढ़ें.अर्जुनारिष्ट

Translate »
Scroll to Top