दिनचर्या कैसी होनी चाहिए? आज के समय में बहुत सारी स्वास्थ्य समस्याएं health complication हमारी दिनचर्या our daily routine की वजह से होती है।
रोज का हमारा daily routine कैसा है इसी के आधार पर हमारा स्वास्थ्य health प्रभावित affected होता है।
आयुर्वेद चिकित्सा विज्ञान Indian Medical Science Ayurveda में हमें किस तरह की जीवनशैली Lifestyle और किस तरह से हमारी दिनचर्या daily routine होनी चाहिए इस बारे में विस्तार से वर्णन describe किया हुआ है।
आयुर्वेद में स्वस्थ वृत्त Healthy lifestyle नाम का एक विषय इसी उद्देश्य से पढ़ाया जाता है ताकि हम अपने जीवन में आयुर्वेद Ayurveda के अनुसार दी हुई दिनचर्या daily routine को अपनाएं और जीवन में स्वास्थ्य health को बनाए रखें।
क्या आप जानना चाहते हैं do you want to know no? कि वास्तव में आयुर्वेद में किस तरह की दिनचर्या daily routine बताई गई है तो आप इस पोस्ट को लास्ट जरूर पढ़ें।
दिन की शुरुआत हमारे उठने wake up से होती है।
सुबह किस समय उठे? When you wake up?
वैसे तो हमारा आज के समय में उठने का समय wake up time सूर्योदय के पश्चात after sunrise होता है।
और जो लोग सूर्योदय sunrise से पूर्व before होते हैं वह लोग भी अपने काम की वजह से उठते हैं। हमारे आचार्य तथा ऋषि मुनियों ने वेदों में इस बात का वर्णन description किया है कि हर व्यक्ति को सूर्य उदय sunrise से पूर्व अपने बिस्तर bedroom छोड़ देना चाहिए।
प्रातः काल morning में ब्रह्म मुहूर्त अर्थात सुबह के 4:00 बजे शुरू होता है और 6:00 बजे तक रहता है।
इस समय हर व्यक्ति को उठ wake up जाना चाहिए। इसके बहुत सारे फायदे many benefits भी हैं क्योंकि जब हम सूर्योदय sunrise से पूर्व हो उठते हैं तो वातावरण natural environment में अत्यधिक मात्रा में ऑक्सीजन oxygen होती है जिससे हमारे शरीर को एक ऊर्जा का अनुभव energetic होता है।
सुबह वातावरण environment में ऑक्सीजन oxygen हमारे शरीर के लिए अत्यधिक लाभदायक benefit है।
सुबह के वातावरण morning environment में अत्यधिक शांति peaceful होती है जिससे हमारे मन में अत्यधिक प्रसन्नता happiness एवं मानसिक स्वास्थ्य mental health benefit लाभ पहुंचता है।
सुबह उठते ही हर व्यक्ति everybody को अपने हाथों का दर्शन see your hands करना चाहिए।
हाथों के दर्शन से देव दर्शन के बराबर की मान्यता हमारे शास्त्रों में लिखी righton in the Veda हुई है।
प्रातः काल में की जाने वाली दैनिक क्रियाएं।
सबसे पहले उठकर हमें अपने मुख का दर्शन see self in mirror दर्पण में करना चाहिए। इसके बाद में जल का सेवन drink water करना चाहिए।
सुबह उठकर गुनगुने जल minimum warm water का सेवन अथवा तांबे के पात्र pot of copper का जल का सेवन करना चाहिए क्योंकि शास्त्रों में लिखा हुआ है आयुर्वेद के अनुसार तांबे के बर्तन copper pot में रखा हुआ पानी पीने से शरीर में कई प्रकार के हानिकारक harmful बैक्टीरिया bacteria या वायरस virus को मार देता है। तथा तांबे के बर्तन का पानी हमारे यकृत liver अर्थात लीवर और आंतों के लिए अत्यंत kidney के लिए लाभदायक है।
जल के सेवन के पश्चात after drink water हर व्यक्ति को शौच आदि से निवृत्त होने के लिए जाना चाहिए।
गुनगुने जल अथवा तांबे के बर्तन copper pot के पानी की वजह से कब्ज constipation की शिकायत की खत्म हो जाती है।
जिन लोगों को कब्ज की शिकायत constipation problems है वह लोग तांबे की जल copper pot का सेवन सुबह सुबह शुरू करेंगे तो धीरे-धीरे उनके कब्ज constipation की शिकायत खत्म हो जाएगी।
शौच आदि से निवृत्त होने के लिए सबसे अच्छा समय सुबह 6:00 बजे से पूर्व का है।
जिन लोगों की आदत लेट उठने की है उन्हें कब्ज constipation की शिकायत हमेशा रहती है।
इसके बाद आपको अपने दांतो का मंचन brush your teeth करना चाहिए जिसमें सबसे उत्तम best नीम का दातुन है।
नीम की दातून को करने वाले व्यक्तियों को दांतो की समस्या teeth problem कभी नहीं होती है।
सुबह का नाश्ता कैसा होना चाहिए? How’s your breakfast?
नाश्ता breakfast हमेशा व्यायाम exercise के बाद करना चाहिए। आज के समय में दौड़ भाग वाली जिंदगी life हो गई है जिसकी वजह से ब्रेकफास्ट में सामान्य तथा ब्रेड बटर पोहा कचोरी समोसा जैसे खाद्य पदार्थों food product का उपयोग किया जाता है।
जो लंबे समय तक खाने से शरीर में कई प्रकार की व्याधियों diseases और बीमारी को आमंत्रण invitation दिया जाता है।
सुबह के नाश्ते में हल्का नाश्ता जिसमें दूध milk दलिया जिसमें सभी प्रकार के अन्य हो ऐसा दलिया उपयोग करें।
जिसे दूध में पकाकर नाश्ते में लेना चाहिए।
इसके अलावा सुबह के नाश्ते में मूंग का सेवन चने का सेवन अथवा अंकुरित अनाज का सेवन करना चाहिए।
अनाजों multigrain के अंदर सभी प्रकार के विटामिन vitamin आयरन iron तथा प्रोटीन protein की मात्रा होती है।
व्यायाम कैसा होना चाहिए? How to do exercise?
आज की जीवनशैली Lifestyle में व्यायाम exercise का व्यवसायीकरण commercial हो चुका है। व्यायाम exercise शरीर को चुस्त तंदुरुस्त energetic और मांसपेशियों muscles को अच्छा रखने के लिए किया जाना चाहिए।
सुबह के समय सूर्य नमस्कार pray for sun with exercise तथा योग yoga प्राणायाम करना चाहिए।
दिन में कम से कम 20 मिनट का समय व्यायाम exercise के लिए देना चाहिए।
जिसमें आप सभी प्रकार के आसनों different positions के साथ ध्यान meditation भी कर सकते हैं।
सूर्य नमस्कार तथा योग yoga से हमारी जीवन life में निश्चित रूप से स्वास्थ्य लाभ health benefits होगा और आयु age में बढ़ोतरी होगी।
व्यायाम exercise से पूर्व शरीर पर तेल की मालिश massage with oil यानी कि अभ्यंग old massage होना चाहिए।
जिस में तिल का तेल olive oil नारियल का तेल coconut oil अथवा सरसों के तेल से मालिश करनी चाहिए।
सुबह गुनगुने जल से स्नान bath कर लेना चाहिए।
स्नान bath करने के बाद अपने अपने इष्ट देव God जिसे आप मानते हैं कि उपासना pray करनी चाहिए।
उपासना का समय prayer time अपनी श्रद्धा के अनुसार रखना चाहिए।
दोपहर का भोजन कैसा होना चाहिए? how’s your lunch?
दोपहर in the afternoon के भोजन food में सभी प्रकार के भोज्य पदार्थों eatable foods को शामिल किया जाना चाहिए।
जिसमें रोटी chapati दाल Taal सब्जी vegetable चावल rice छाछ या दही card का सेवन करना चाहिए ।
Launch के साथ सलाद का उपयोग करें सलाद में टमाटर tomato खीरा cucumber ककड़ी कुछ भी हो सकता है।
भोजन में फलों fruits का समावेश भी होना चाहिए जिसे भोजन उपरांत after feed लिया जा सके।
भोजन करने से पूर्व before food एवं भोजन करने के तुरंत बाद just after seed don’t drink water जल का सेवन ना करें। क्योंकि आयुर्वेद में बताया हुआ है कि भोजन से पूर्व अथवा पश्चात जल का सेवन करने से पेट की अग्नि शांत digestion हो जाएगी जिससे भोजन के पचने digestion में समस्या हो सकती है।
भोजन साथ में छाछ का या दही card का सेवन करना चाहिए।
रात के भोजन dinner में छाछ या दही card का उपयोग ना करें। अभिष्यंदी आहार रात में नहीं करना चाहिए।
रात्रि का भोजन कैसा होना चाहिए?
रात्रि में भोजन सादा simple तथा लघु digestible होना चाहिए।
रात के समय गुरु heavy food भोजन लेने से शरीर में दोषों का प्रकोप होता है।
रात के भोजन में जल्दी पचने वाले आहार early digestible का सेवन करना चाहिए। तथा साथ में सलाद size of fruits or vegetables like tomato cucumber का उपयोग करना चाहिए।
आयुर्वेद के अनुसार भोजन food भूख से थोड़ा कम करना चाहिए।
रात्रि की नींद कैसी होनी चाहिए? How is your sleep?
हर व्यक्ति को कम से कम 10:00 बजे शयनकक्ष bedroom में जाना चाहिए क्योंकि हर व्यक्ति को 6 से 8 घंटे hours लिए परम आवश्यक है।
रात को देर तक जागना जिससे वात प्रकोपित होती है।
जिससे कृशता weakness मानसिक रोग mental disease होते हैं।
नींद ना पूरी होने की वजह से आने वाले दिन में भी किसी भी काम को आप अच्छे से नहीं कर पाएंगे।
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