नित्यानंद रस का उपयोग

नित्यानंद रस का उपयोग

नित्यानंद रस का उपयोग- क्या आप जानते हैं नित्यानंद रस औषधि में क्या-क्या दवाइयां है? नित्यानंद रस के उपयोग एवं फायदे के बारे में पूरी जानकारी के लिए पोस्ट को अंत तक पढ़े ।

नित्यानंद रस का उपयोग मुख्य रूप से श्लीपद रोग( हाथी पाव) में किया जाता है ।पैरो में अप्राकृतिक रूप से सुजन आ जाती है और विचित्र दिखने लगता है ।

नित्यानंद रस के घटक द्रव्य-(र.र . के अनुसार)

  1. शुद्ध पारद
  2. शुद्ध गंधक
  3. ताम्र भस्म
  4. वंग भस्म
  5. शुद्ध हरताल
  6. शुद्ध नीला थोथा
  7. शंख भस्म
  8. कास्य बस में
  9. कोडी भस्म
  10. लोह भस्म
  11. हरितकी
  12. बहेड़ा
  13. आंवला
  14. सोंठ
  15. काली मिर्च
  16. पीपल
  17. सेंधा नमक
  18. वाय विडंग
  19. काला नमक
  20. बीड नमक
  21. कांच नमक
  22. समुद्र नमक
  23. चव्य
  24. चित्रक
  25. पीपला मूल
  26. हाऊ बेर
  27. वच
  28. कपूर
  29. पाठा
  30. देवदारू
  31. विधारा
  32. छोटी इलायची

नित्यानंद रस बनाने की विधि-

उपरोक्त सभी दवाइयों की समान मात्रा लेवे । चित्रक मूल 12 घंटे निसोत 12 घंटे दंती मूल 12 घंटे और हरड़ का क्वाथ 12 घंटे तक अलग-अलग काढ़े में खरल करने के बाद । 250 मिलीग्राम की गोलियां बना ले ।

नित्यानंद रस के उपयोग एवं फायदे-

  • नित्यानंद रस का प्रयोग हाथीपांव रोग में किया जाता है ।
  • हाथी पाव रोग के कारण पैर मोटा हो जाता है । खुजली आती है । तेज दर्द होता है । त्वचा का रंग काला पड़ जाता है ऊपर चीरा बढ़ जाता है ।
  • रस रक्त मांस मेद और शुक्र तक पहुंचा हुआ रोग ठीक हो जाता है ।
  • किसी भी प्रकार की गाठ, गंडमाला, अधिक पुरानी बढ़ी हुई आंत, पेट की कीड़े अत्यंत विशेष लाभकारी है ।
  • वात ,पित्त , कफज या पित्तकफज गुदा रोगों में भी फायदेमंद होती है ।
  • पेट की अग्नि को बढ़ाता है ।
  • शरीर की ताकत और वीर्य में वृद्धि करता है ।
  • कैंसर के इलाज के लिए भी इसका प्रयोग चिकित्सक द्वारा किया जाता है ।
  • खुन की गांठे , मांस की गांठे ठीक करने का कार्य करता है ।

सेवन मात्रा-

एक से दो गोली दिन में दो बार खाना खाने के बाद ठंडे पानी से चिकित्सक के निर्देशानुसार सेवन करना चाहिए ।

कहां से खरीदें-

हर आयुर्वेदिक मेडिकल स्टोर पर आसानी से उपलब्ध है । ऑनलाइन खरीदने के लिए नीचे दिए गए चित्र पर क्लिक करें ।

सावधानी-

औषधि का सेवन चिकित्सक की देखरेख में करें ।

बच्चों की पहुंच से दूर रखें ।

कमरे के तापमान पर स्टोर करें ।

चेतावनी- इस लेख में दी गई समस्त जानकारी चिकित्सा परामर्श नहीं है । किसी भी आयुर्वेदिक औषधि के सेवन से पहले आयुर्वेद चिकित्सक की सलाह अवश्य ले ।

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