पुरुषो की तुलना में महिलाओ में हार्ट अटेक का खतरा क्यों है ?Women more likely to die following heart attack than men

पुरुषो की तुलना में महिलाओ में हार्ट अटेक का खतरा क्यों

पुरुषो की तुलना में महिलाओ में हार्ट अटेक का खतरा क्यों है ? Women more likely to die following heart attack than men हृदय रोग महिलाओं में वृद्धि कर रहा है, और हालांकि पुरुषों में हृदय अटैक का खतरा अधिक हो सकता है, लेकिन यह गलती से माना जाता है कि महिलाएं हृदय स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित हैं। वास्तव में, महिलाओं में भी हृदय रोगों का खतरा होता है, और कई मामलों में यह पुरुषों की तुलना में अधिक घातक हो सकता है।

महिलाओं में हार्ट अटैक का खतरा अनेक कारकों पर निर्भर करता है। पहले तो, महिलाओं को अधिक उम्र तक जीने का अवसर मिलता है जिसके कारण उन्हें लंबी जीवनकाल ध्यान में रखना पड़ता है। इसके अलावा, कुछ निम्नलिखित कारक भी महिलाओं में हृदय अटैक के जोखिम को बढ़ा सकते हैं:

हार्ट रोगों के लिए विरासत:

परिवार में हृदय रोगों का इतिहास होना महिलाओं को हृदय अटैक के जोखिम में डाल सकता है। यदि किसी महिला के माता-पिता, भाई-बहन या बच्चों में किसी को भी हृदय रोग हुआ हो, तो इसका उनके खुद के रिस्क को बढ़ा सकता है।

मेटाबोलिक सिंड्रोम:

मेटाबोलिक सिंड्रोम एक संग्रहित रूप से लक्षण प्रदर्शित करने वाली समस्याओं का समूह है, जिसमें मोटापा, उच्च रक्तचाप, उच्च रक्त शर्करा स्तर, उच्च ट्रिग्लिसराइड और कम HDL (अच्छी कोलेस्ट्रॉल) शामिल होता है। मेटाबोलिक सिंड्रोम महिलाओं में हृदय रोग के जोखिम को बढ़ाता है।

मानसिक तनाव:

मानसिक तनाव, चिंता, तनाव और उदासीनता आदि अवस्थाएं हृदय स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती हैं। महिलाओं में यह मानसिक स्त्रोत काफी सामान्य होता है और इससे हृदय अटैक का खतरा बढ़ सकता है।

हॉर्मोनल परिवर्तन:

महिलाओं में हृदय स्वास्थ्य पर हॉर्मोन्स का प्रभाव होता है। एस्ट्रोजन हॉर्मोन का स्तर कम होने पर (प्रीमेनोपॉज़ल और मेनोपॉज़ में), महिलाओं में हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है।

धूम्रपान:

धूम्रपान करना हृदय रोगों के लिए एक प्रमुख जोखिम कारक है, और इसका असर महिलाओं में भी होता है। धूम्रपान से आरामदायक रक्तचाप, दिलावरदी निष्क्रियता, वायवीय संक्रमण और नियमित धूम्रपान से योग्य नुत्रियों की कमी होती है, जिससे हृदय रोगों का जोखिम बढ़ सकता है।

आलस्य और अव्यवस्थित आहार:

अव्यवस्थित आहार और अधिक आलस्य हृदय स्वास्थ्य को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकते हैं। अनुशासित आहार परिपक्वता, उच्च कोलेस्ट्रॉल स्तर, उच्च रक्तचाप और मोटापा का कारण बन सकता है, जो हृदय अटैक के जोखिम को बढ़ाता है।

नियमित शारीरिक गतिविधि की कमी:

नियमित शारीरिक गतिविधि की कमी हृदय स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है। बैठे रहने की अवधि, असंतुलित रूटीन, शारीरिक निष्क्रियता और बहुत अधिक आरामदायक जीवनशैली महिलाओं में हृदय रोग का जोखिम बढ़ा सकती है।

हालांकि, यह जरूरी है कि हम यह ध्यान रखें कि ये खतरे फैलाने वाले कारक अकेले हृदय अटैक का सीधा कारण नहीं होते हैं। हृदय अटैक का कारण कई संयोगों का परिणाम हो सकता है, जिसमें आनुवंशिक प्रभाव, परिवारिक इतिहास, वयस्कता, मूलभूत स्वास्थ्य स्थिति, और जीवनशैली का प्रभाव शामिल होता है।

संक्षेप में कहें तो, महिलाओं में हृदय अटैक का खतरा पुरुषों की तुलना में कम हो सकता है, लेकिन यह इसका मतलब नहीं है कि महिलाएं सुरक्षित हैं। महिलाओं को भी स्वस्थ जीवनशैली अपनाने, नियमित वैद्यकीय जांच करवाने, स्वस्थ खाद्य पदार्थ लेने और मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। समय-समय पर शारीरिक परीक्षण और अनुसंधान के लिए अपने चिकित्सक से संपर्क करें ताकि उचित जांच करवाकर आप अपने हृदय स्वास्थ्य को सुरक्षित रख सकें।

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