प्रदरांतक लौह के फायदे

प्रदरांतक लौह के फायदे

प्रदरांतक लौह के फायदे -अगर आप एक महिला है । अथवा आपके घर में कोई महिला है । दोनों के लिए यह जानकारी अत्यंत ही महत्वपूर्ण है । महिलाओं में जननांगों में संक्रमण आम बात है । कई बार महिलाएं संकोच के कारण अपनी समस्याएं नहीं बताती है । जब वह बताती है तब तक शरीर में कमजोरी और संक्रमण अधिक फेल गया होता है । रक्त प्रदर, श्वेत प्रदर, नील प्रदर इन सभी का होने का कारण एक संक्रमण भी है ।

प्रदरांतक लौह एक एसी आयुर्वेदिक दवाई है । जो आयुर्वेद के ग्रंथों के आधार पर एक विशेष विधि द्वारा तैयार किया जाता है । सभी प्रकार के प्रदर रोगों में यह अत्यंत की गुणकारी औषधि है । जिसका प्रयोग अच्छे कुशल वैद्य द्वारा विभिन्न अवस्थाओं में करवाया जाता है ।

प्रदरांतक लौह के घटक द्रव्य-

  1. लोहभस्म
  2. ताम्र भस्म
  3. शुद्ध हरताल
  4. वंग भस्म
  5. अभ्रक भस्म
  6. कपर्द भस्म
  7. सोंठ
  8. मरीच
  9. पीपल
  10. हरड़
  11. बहेड़ा
  12. आंवला
  13. चित्रक मूल
  14. वायविडंग
  15. काला नमक
  16. समुद्र नमक
  17. बीड नमक
  18. सेंधा नमक
  19. कांच नमक
  20. चव्य
  21. पीपल
  22. शंख भस्म
  23. बच
  24. हाउबेर
  25. कूठ
  26. कचूर
  27. पाढ
  28. देवदारू
  29. छोटी इलायची
  30. विधारा

सभी की बराबर मात्रा ।

बनाने की विधि-

सभी काष्ट औषधियों का बारीक पाउडर बनाकर उसमें उपरोक्त भस्मो को मिलाने के बाद 6 घंटे तक खरल में घोटना चाहिए ।

सेवन मात्रा-

250 मिलीग्राम की मात्रा दिन में दो बार मिश्री शहद और घी के साथ ( शहर की मात्रा की से दोगुनी) चिकित्सक के निर्देशानुसार रोग के अनुसार सेवन करें ।

प्रदरांतक लौह के फायदे एवं उपयोग-

  1. सभी प्रकार के पुराने से पुराने प्रदर रोग में अत्यंत ही गुणकारी औषधि है ।
  2. श्वेत प्रदर, नील प्रदर, रक्त प्रदर सभी में प्रयोग कराया जाता है ।
  3. महिलाओं के पेडू में दर्द, जननांगों में दर्द, कमर में दर्द, में अत्यंत लाभदायक है ।
  4. भूख ना लगना, भोजन ना पचना आदि में भी गुणकारी है ।
  5. रुक-रुक कर मूत्र आने की समस्या, पेशाब में जलन की शिकायत को भी दूर करता है ।
  6. महिलाओं में मासिक धर्म को नियमित करता है ।
  7. वातज , पित्तज , कफज तीनों प्रकार के प्रदर में भी लाभदायक है ।
  8. खून के साथ दुर्गंध,पुय युक्त प्रदर रोग में लाभदायक है
  9. प्रदर रोग की गंभीर अवस्था में भी इसका प्रयोग अत्यंत ही गुणकारी होता है ।
  10. गर्भाशय में हुए संक्रमण को दूर करने में अत्यंत ही कारगर है ।
  11. गर्भाशय को संकुचित और ताकत प्रदान करने वाला धातु का पोषण करने वाला यह उत्तम योग है ।
  12. गर्भाशय के अंदर गुल्म( सिस्ट) अथवा कैंसर में यह विशेष लाभ नहीं देता है ।

कहां से खरीदें

आयुर्वेदिक मेडिकल स्टोर पर आसानी से उपलब्ध है । चिकित्सक परामर्श रोगी व्यवस्था पत्र( प्रिसक्रिप्शन) से दवाई खरीदने हैं । ऑनलाइन कीमत जानने के लिए नीचे दिए गए चित्र पर क्लिक करें ।

सावधानी-

चिकित्सक के निर्देशानुसार सेवन करें ।

बच्चों की बहुत से दूर रखें ।

निर्देशित मात्रा से अधिक मात्रा में सेवन ना करें ।

कमरे के तापमान पर स्टोर करें ।

चेतावनी- इस लेख में उपलब्ध समस्त जानकारी चिकित्सा परामर्श नहीं है । किसी भी आयुर्वेदिक औषधि के सेवन से पहले आयुर्वेद विशेषज्ञ की सलाह आवश्यक है ।

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