बच्चों में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए क्या करें क्या ना करें?
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सवाल नंबर 1 – बच्चों में कोरोना के नए संस्करण का कितना खतरा है?
जवाब- बेशक पहले के मुकाबले कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन अधिक प्रसार करने वाला है । चिकित्सा विशेषज्ञों की माने तो कोरोनावायरस का नया संस्करण हर आयु की व्यक्तियों पर संक्रामक है । शुरुआत में आया हुआ पुराना कोरोनावायरस का प्रसार अभी आए कोरोनावायरस के प्रसार से कम था । नवजात से लेकर बच्चों और बड़ो में भी इसके संक्रमण के कुछ मामले देखने को मिले हैं ।
सवाल नंबर 2 – बच्चों को कोरोना संक्रमण से कैसे बचाएं?
जवाब- सबसे पहली बात तो बच्चों को अनावश्यक बहार भेजना इस समय के लिए खतरनाक हो सकता है । इसलिए बच्चों को घर में मनोरंजन, घर में खेले जाने वाले खेल जैसे कैरम बोर्ड, लूडो, ऑनलाइन क्लासेस, क्रिएटिव पेंटिंग आदि के साथ घर के अंदर रखें । बच्चों को बाहर से आने वाले इसे भी विजिटर के संपर्क में आने से रोके । बाहर से लाई हुई किसी भी प्रकार की खाद्य सामग्री को सीधा ना दे । पेरेंट्स के माध्यम से ही सही तरीके से सेनेटाइज करने के बाद ही देवे ।
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सवाल नंबर 3- बच्चों की कोरोना की जांच कब करवाएं ?
जवाब- बच्चों में वैक्सीनेशन अभी भी नहीं हुआ है । क्योंकि अभी भी यह परीक्षण के मोड में चल रहा है । अगर घर में किसी व्यक्ति को कोरोना संक्रमण है । और बच्चों में वायरल फ्लू या कोरोनावायरस के जैसे लक्षण दिखने पर बाल रोग चिकित्सक की सलाह पर जांच करवानी चाहिए ।
सवाल नंबर 4- बच्चों में कोरोना के संक्रमण में क्या इलाज अपनाएं?
जवाब- बच्चे हमारा भविष्य है । और बच्चों को कोरोना जैसे संक्रमण से बचाने के लिए हमें संस्थागत बाल रोग चिकित्सक की सलाह पर ही जांच एवं इलाज लेना चाहिए । अपने हिसाब से किसी भी दवाई अथवा किसी भी प्रकार की सप्लीमेंट को देना फायदे की जगह नुकसान दे सकता है ।
सवाल नंबर 5- बच्चों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए क्या-क्या करें?
जवाब- गुनगुना पानी पिलाये
आइसक्रीम, ठंडा पानी , ठंडे पेय पदार्थ ना पिलाएं ।
सभी प्रकार की जंक फूड ,फास्ट फूड बंद करवा दे ।
बच्चों को मौसम के अनुसार मिलने वाले फल फ्रूट अच्छी तरीके से धोने के बाद सेवन करवाएं । आवश्यक हो तो फल का छिलका उतार दे ।
हरी पत्तेदार सब्जियां , दाल , सूखे मेवे बदाम काजू अखरोट आदि का प्रयोग आवश्यकता के अनुसार करवाएं।
मास्क लगाना, हाथों को सैनिटाइज करना, हाथों को साबुन से धोना, सोशल डिस्टेंसिंग की जानकारी अच्छे से देवे ।
आधा कप से आधा गिलास हल्दी का दूध दिन में एक बार जरूर पिलाएं ।
पानी से बनी हुई भाप दो से तीन बार( भांप की मशीन) द्वारा देवें ।
आयुर्वेद में कई दवाइयाँ है जो बच्चो के प्रतिरोधक क्षमता एवं वायरल बीमारियों के लिए वैकल्पिक दवाइयां है जो चिकित्सक की सलाह से ली जा सकती है ।
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सवाल नंबर 6- बच्चों में कोरोनावायरस की क्या क्या लक्षण हो सकते हैं?
जवाब- बच्चों में गले में खराश बुखार खांसी आना आम लक्षण हैं । परंतु इसके साथ साथ दस्त, पेट दर्द, सांस लेने में दिक्कत, पसली चलना जैसे लक्षण भी हो सकते हैं ।इन लक्षणों को नजर अंदाज करना घातक हो सकता है ।
सवाल नंबर 7 – बच्चों में वायरल बुखार तथा कोरोनावायरस संक्रमण में कैसे अंतर करें?
जवाब- कोरोनावायरस की दूसरी लहर का प्रसार अत्यधिक है इसके साथ साथ किसी भी आयु वर्ग कि व्यक्ति को होने की संभावना है । कोविड-19 की दूसरी लहर वाले वायरस के लक्षण वायरल मौसमी बीमारी जैसे ही है । इसलिए वायरल संक्रमण और कोरोनावायरस की संक्रमण को अलग करके देखना अत्यधिक मुश्किल हो गया है । इसलिए इस बात पर ध्यान दे की पिछले 1 सप्ताह में किसी ऐसे व्यक्ति के संपर्क में तो नहीं आए जिसकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई हो । अगर ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आने के कुछ दिनों बाद कोरोनावायरस जैसे लक्षण होने पर कोविड-19 की जांच अवश्य करवानी चाहिए ।
उपरोक्त जानकारी बाल रोग विशेषज्ञ की परिचर्चा पर आधारित है । जानकारी अच्छी लगी हो तो अपने परिजन मित्रों के साथ में साझा करें ।
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