बादाम पाक के फायदे

बादाम पाक के फायदे.

बादाम पाक के फायदे- आज हम जानेंगे बादाम पाक में क्या-क्या दवाइयाँ मिलाई जाती है? बादाम पाक कैसे बनाया जाता है? बादाम पाक बनाने की विधि क्या है? बादाम पाक के फायदे क्या-क्या है? उन सभी सवालों के जवाब जानना चाहते हैं तो इस पोस्ट को अंतिम तक पढ़े ।

बादाम पाक में केवल बादाम ही नहीं बल्कि कई आयुर्वेदिक औषधियों के साथ कई प्रकार की भस्म भी मिलाई जाती है । सर्दियों में इसका सेवनअधिक फायदेमंद होता है । बादाम पाक के कई फायदे हैं ।

बादाम पाक बनाने के घटक द्रव्य

  1. बादाम की गिरी 40 तोला
  2. मावा 20 तोला
  3. बिहिदाना 4 तोले
  4. लॉन्ग 6माशा
  5. जायफल 6माशा
  6. जावित्री 6माशा
  7. केसर 6माशा
  8. वंशलोचन 6माशा
  9. कमलगट्टे की मींगी एक तोला
  10. दालचीनी एक तोला
  11. तेजपात एक तोला
  12. इलायची एक तोला
  13. नागकेसर एक तोला
  14. वंग भस्म 6माशा
  15. स्वर्ण माक्षिक भस्म 6माशा
  16. अभ्रक भस्म 6माशा
  17. प्रवाल पिष्टी 3 माशा
  18. घी 30 तोले
  19. शक्कर २ किलो

बादाम पाक बनाने की विधि-

बादाम की गिरी को कूटकर लुगदी बना ले । बादाम की लुगदी (कल्क ) को उपरोक्त अनुसार घी की मात्रा में भून लेवे । फिर मावे को 10 तोला घी में भुन कर मिला दे । इसके बाद उपरोक्त अनुसार शक्कर की चाशनी बनाएं और उसमें केसर डालें । फिर इसके बाद पकाया गया मावा और घी में भुनी बदाम की गिरी को मिला ले । फिर इसके बाद में भस्म और औषधियों को कपड़ छान करके मिला ले । फिर छोटे-छोटे 40-40 ग्राम के लड्डू बना ले ।

बादाम पाक बनाने की दूसरी विधि-

बादाम को आधा लीटर जल में भीगा देवे । इसके बाद छिलका निकाल कर कूट लेवे । फिर इसके बाद 4 गुना दूध में मावा बना ले । फिर इसमें आधा किलो घी मिला लेवे और अच्छी तरह से भुने । की बात 2 किलो की चासनी बनाकर उसमें एक तोला केसर डालें । फिर इसके बाद मावे को मिला दे । तत्पश्चात उपरोक्त अनुसार जावित्री जायफल सोंठ पीपल दालचीनी तेजपात इलायची विदारीकंद सबको एक एक तोला कूट पीसकर कपड़ छान करके मिला दे अभ्रक भस्म, लोह भस्म ,वंग भस्म और रस सिंदूर एक एक तोला मिलाएं । 40-40 ग्राम के लड्डू बना ले ।

सेवन मात्रा-

एक लड्डू खाकर एक गिलास का गाय का दूध पिए ।

बादाम पाक के फायदे

  • बादाम दिमाग के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है । इसलिए यह दिमाग और ह्रदय दोनों के लिए बहुत अच्छा होता है ।
  • मानसिक कमजोरी या बुढ़ापे की कमजोरी में अत्यधिक फायदेमंद है ।
  • सभी प्रकार के वात रोगों में इसका प्रयोग करने से लाभ होता है ।
  • पुरुषत्व वर्धक और शुक्र क्षय को दूर करने वाला होता है ।
  • पेट की अग्नि को बढ़ाता है पाचन तंत्र को सुधार ता है ।
  • चेहरे पर कांति लाता है ।
  • शरीर में ताकत की कमी दूर होती है ।
  • मानसिक कार्य की सामर्थ्य ता तथा आयु बढ़ती है ।
  • नपुंसकता दूर होती है ।वीर्य में बढ़ोतरी होती है ।
  • स्नायु दोर्बल्य की समस्या दूर होती है ।

स्त्रोत- रस तंत्र सार एवं सिद्ध प्रयोग संग्रह ।

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