ब्राह्मी वटी एक श्रेष्ठ मेधा शक्ति बढ़ाने वाली औषधि है । यह औषधि मस्तिष्क यानी कि हमारे दिमाग को भी ताकत देती है । ब्राह्मी वटी यानी एक गोली एक टेबलेट जिसका सेवन विभिन्न रोगों में आयुर्वेद चिकित्सकों द्वारा करवाया जाता है । ब्राह्मी वटी स्वर्ण युक्त भी होती है । स्वर्ण कल्पना जिस योग में स्वर्ण भस्म का उपयोग किया जाता है उसे स्वर्ण कल्प कहते हैं । यह मस्तिष्क के साथ-साथ सभी प्रकार के तंत्रिका तंत्र को मजबूत करता है । तथा शारीरिक कमजोरी दूर करते हुए इंद्रियों की शक्ति को बढ़ाता है । तनाव को दूर करता है इसके साथ ही फुर्ती शरीर में बढ़ाकर बढ़ाते हुए स्मृति वर्धन का कार्य भी करता है ।
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ब्राह्मी वटी के घटक द्रव्य-
यह कई कंपनियां टेबलेट के रूप में निर्माण करती हैं । यह सर्व सुलभ औषधि है हर मेडिकल स्टोर पर मिल जाती है ।
- स्वर्ण भस्म
- ब्राह्मी
- वचा
- शंखपुष्पी
- गुडुची
- जटामांसी
भावना-
भावना से अभिप्राय है कच्ची औषधि का अथवा द्रव्य का रस या काढ़ा उसमें आवश्यकतानुसार डालकर औषधि की कार्य क्षमता को बढ़ाना है ।
ब्राह्मी स्वरस, शंखपुष्पी का काढ़ा, जटामांसी का काढ़ा, गुडुची का काढ़ा आवश्यकतानुसार मिलाया जाता है ।
गुण तथा उपयोग-
- सभी प्रकार की मानसिक रोगों में ।
- रात को नींद नहीं आने की समस्या में ।
- भ्रम की स्थिति में ।
- मानसिक दुर्बलता में ।
- मानसिक तनाव में ।
- चिंता तथा शोक की स्थिति में ।
- थकान में ।
- सभी प्रकार की तंत्रिका जनित रोगों में ।
उपयोग मात्रा-
एक से दो गोली दिन में दो बारअथवा चिकित्सक के निर्देशानुसार ।
अनुपान –
अनुपान का मतलब है औषधि किस द्रव्य के साथ में सेवन करनी है । ब्राह्मी वटी का सेवन शहर या दूध के साथ सारस्वतारिष्ट के साथ अथवा चिकित्सक के निर्देशानुसार ।
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चेतावनी- यहां पर दी गई समस्त जानकारी चिकित्सकीय परामर्श नहीं है । किसी भी आयुर्वेदिक औषधि का सेवन करने से पूर्व अधिकृत आयुर्वेद चिकित्सक की सलाह जरूर लें!