मकरध्वज गुटिका

मकरध्वज रस

मकरध्वज गुटिका (makardhwaj gutika)आज हम जानेंगे मकरध्वज वटी क्या है? इसके घटक द्रव्य क्या है? इसकी सेवन मात्रा क्या है ? किन किन रोगों में इसका उपयोग किया जाता है?

मकरध्वज वटी क्या है? (what is makardhwaj Vati)

यह एक वाजीकरण आयुर्वेदिक औषधि है । मकरध्वज गुटिका वृष्य और रसायन घटक द्रव्य से बना हुआ एक योग है । धातुओं की अग्नि को बढ़ाकर धातुओं को पुष्ट करने वाला यह उत्तम योग है । इस गुटिका में शारीरिक कमजोरी तथा मानसिक कमजोरी दोनों को दूर करने की क्षमता है ।

मकरध्वज गुटिका(tablet) के घटक द्रव्य- ( ingredients of makardhwaj gutika)

  1. पूर्ण चंद्रोदय मकरध्वज
  2. स्वर्ण भस्म
  3. कर्पूर( भीम सेनी)
  4. जाति फल( जायफल)
  5. मरीच
  6. लवंग
  7. लता कस्तूरी के बीज

मकरध्वज गुटिका हर आयुर्वेदिक मेडिकल स्टोर पर आसानी से उपलब्ध है । टेबलेट के रूप में कई कंपनियां इसका निर्माण करती है ।

भावना- (medicine extract add in medicine)

नागवेल पत्र स्वरस( पत्तों का रस) आवश्यकता के अनुसार ।

मकरध्वज गुटिका उपयोग एवं फायदे- (benefits of makardhwaj gutika)

  • नपुंसकता- पुरुषों में शुक्र की कमी, शुक्राणुओं क्षमता की कमी, बीज का खराब होना, जैसी समस्या में आयुर्वेद चिकित्सकों एवं आयुर्वेद आचार्य द्वारा मकरध्वज गुटिका का के सेवन की सलाह दी जाती है ।
  • दमा खांसी- शरीर में धातुओं की पोषण की कमी से उत्पन्न हुआ दमा तथा खांसी में इस औषधि का उपयोग किया जाता है ।
  • मधुमेह रोग में- डायबिटीज के कारण आयी कमजोरी के उपचार में भी इस औषधि का उपयोग किया जाता है ।
  • शारीरिक कमजोरी- धातुओं की पुष्टि की कमी की वजह से कुपोषण के कारण उत्पन्न राज्यक्षमा आधुनिक चिकित्सा विज्ञान में ट्यूबरक्लोसिस कहते हैं । चिकित्सकों द्वारा ऐसी अवस्था में भी धातु पुष्टि हेतु मकरध्वज गुटिका का सेवन करवाया जाता है ।
  • मानसिक दुर्बलता- पोषण की कमी कहीं ना कहीं मानसिक स्वास्थ्य पर भी अपना प्रभाव डालती है । मानसिक दुर्बलता को कम करने के लिए भी इस औषधि का उपयोग या जाता है ।
  • निसंतानता – पुरुषत्व की कमी की वजह से निसंतान दंपतियों में पुरुष को इस औषधि का सेवन करवाया जाता है ।

सेवन मात्रा- (Dose)

केवल वयस्कों में- 125 मिलीग्राम से 250 मिलीग्राम दिन में एक या दो बार सुबह शाम चिकित्सक के निर्देशानुसार ही सेवन करें ।

अनुपान -( जिस द्रव के साथ में औषधि सेवन करनी है)

दूध के साथ, शहद के साथ, नागवेल के पत्तो का रस , बीमारी के अनुसार चिकित्सक के निर्देश पर

सावधानी-

बच्चों की पहुंच से दूर रखें

मकरध्वज गुटिका का सेवन करते हुए ना करें ।

धूम्रपान, तंबाकू सेवन, मदिरापान ना करें ।

आमचूर. अचार, दही, छाछ का सेवन ना करें ।

फास्ट फूड, बेसन, मेदे से बने हुए खाद्य पदार्थ उपयोग ना करें ।

दिन में ना सोए ।

रात में देर तक ना जागे ।

चेतावनी- यहां पर दी गई समस्त जानकारी चिकित्सा परामर्श नहीं है । किसी भी आयुर्वेदिक औषधि के सेवन से पूर्व अधिकृत आयुर्वेद चिकित्सक से परामर्श अवश्य करें ।

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