मरिच्यादि तेल के फायदे marichyadi tail benifits -विवरण – मरिच्यादि तेल के फायदे marichyadi tail- यह तेल आयुर्वेद के शास्त्र के अनुसार तेल पाक विधि द्वारा बनाया जाता है जिसका प्रयोग सभी प्रकार के चर्म रोगों के लिए किया जाता है।
Table of Contents
सन्दर्भ ग्रन्थ/ शास्त्र –
भैषज्य र. कुष्ठाधिकार १७४ -१७५
मरिच्यादि तेल के फायदे marichyadi tail के घटक द्रव्य –
- सर्षप तेल
- शुद्ध वत्सनाभ
- मरीच
- हरताल
- मनः शिला
- मुस्तक
- अर्क क्षीर
- करवीर
- जटामांस
- निशोथ
- इन्द्रायण की जड़
- कूट
- हल्दी
- देवदारु
- सफ़ेद चन्दन
मरिच्यादि तेल marichyadi tail निर्माण करने की विधि –
तेल पाक विधि (उपरोक्त सभी तेलों को मुर्छित करने के बाद कल्क द्रव्य को डाल कर मंद आंच पर पकाया जाता है । जल भाग पूरी तरीके से नष्ट होने के बाद ठंडा होने के बाद छान कर कांच के पत्रों में भर लिया जाता है ) द्वारा तैयार किया जाता है ।
मरिच्यादि तेल marichyadi tail का उपयोग
केवल बाहरी भाग पर लगाने के लिए प्रयोग करें ।
- कुष्ठ रोग
- सफ़ेद दाग (श्वित्र )
- दाद
- खाज खुजली
मरिच्यादि तेल के फायदे marichyadi tail benifits
सभी प्रकार के कुष्ठ एवं चमड़ी के रोग (चर्म विकारो) खाज खुजली में बाह्य प्रयोग से फायदा होता है ।
(चिकित्सक के निर्देशानुसार के अनुसार प्रयोग करें । )
मरिच्यादि तेल लगाने का तरीका और मात्रा –
आवशयकता के अनुसार प्रभावित स्थान पर लगावे ।
मरिच्यादि तेल के फायदे के दुष्प्रभाव –
अभी तक किसी भी प्रकार के दुष्प्रभाव की पुष्टि नहीं हुईं है । किसी भी प्रकार की समस्या आने पर अपने चिकित्सक से सलाह लेवे ।
अस्वीकरण – इस लेख में दि गई जानकारी चिकित्सा परामर्श नहीं है । केवल शेक्षिक उपयोग एवं जागरूकता के लिए है । किसी भी आयुर्वेद दवाई का उपयोग करने से पूर्व चिकित्सक की सलाह आवश्यक है । किसी भी तरह की हानि की जिम्मेदारी ब्लॉग की नहीं है ।
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