यकृत वृद्धि(हेपेटाइटिस)

यकृत वृद्धि

यकृत वृद्धि(हेपेटाइटिस)आयुर्वेद अनुसार रक्त और कफ का दूषण यकृत वृद्धि का कारण है। हेपेटाइटिस यकृत शोध की एक अवस्था है ।

Medical Science में इसको infection disease के रूप में। बहुत सारे टाइप्स मिलते हैं।
Hepatitis A B C D E इत्यादि।

अगर आपको नहीं पता तो लीवर के अंदर बहुत ही जटिल प्रक्रिया चलती है। यहां पर मेटाबॉलिज्म और एनर्जी का उत्पादन होता है।

यकृत वृद्धि(हेपेटाइटिस)के क्या कारण है?

इसका प्रमुख कारण आहार और जीवन शैली का गलत अभ्यास है।
पवित्र सूखे बासी और अधिक मसालेदार आहार का सेवन एवं अत्यधिक मद्यपान।
संक्रमण विषाणु हेपेटाइटिस ए बी सी डी ई
कतिपय औषधियों का अनुचित प्रयोग।

इसके प्रमुख लक्षण क्या है?

  • उदर शूल
  • आध्यमान
  • उधर में भारीपन
  • भूख का ना लगना
  • थकावट
  • पांडू
  • प्यास
  • कामला या जॉइनडिस

आयुर्वेदिक उपचार

पंचकर्म शोधन चिकित्सा
• कुछ महत्वपूर्ण औषधियां जैसे
• कुटकी
• भूम्यामालकी
• पुनर्नवासव
• आरोग्यवर्धिनी वटी

क्या करें पथ्य

शालि चावल यव मूंग दाल गाय का दूध अदरक लहसुन पुनर्नवा शीगरू पत्र तांबूल यह सभी लाभदायक है।
फल जैसे:- आंवला अनार अंगूर पपीता संतरा नींबू आदि।

अपथ्य (क्या ना करें)

• उच्च वसायुक्त पदार्थ गुरु भोजन
• भोजन जिसमें पेस्टिसाइड हो।
• मध्य का अत्यधिक उपयोग।
• दिन में सोना

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