योगेंद्र रस के फायदे

योगेंद्र रस के फायदे

आइए जानते हैं योगेंद्र रस क्या है? इस रस के क्या घटक द्रव्य है? कौनसी-कौनसी बीमारियों में इसका उपयोग किया जाता है? मात्रा सेवन तथा योगेंद्र रस के फायदे के बारे में बताएंगे ।

योगेंद्र रस क्या है?

योगेंद्र भगवान इंद्र के नाम से इसका नामकरण हुआ है । जैसे भगवान इंद्र अपने पराक्रम से समस्त शत्रु पर विजय प्राप्त करते हैं । उसी तरह से योगेंद्र रस सभी प्रकार के वात विकारो को अपने घटक द्रव्यों की मदद से उनके गुणों की मदद से जीत लेता है । संधिवात, तथा अस्थि गतवात तथा पुराने सभी जोड़ों के दर्द मैं विशेष रूप से योगेंद्र रस का उपयोग आयुर्वेद आचार्य एवं चिकित्सकों द्वारा किया जाता है ।

योगेंद्र रस के घटक द्रव्य-

  1. स्वर्ण भस्म एक भाग
  2. कांत लोह भस्म एक भाग
  3. रस सिंदूर 2 भाग
  4. अभ्रक भस्म एक भाग
  5. वंग भस्म एक भाग
  6. मौक्तिक भस्म एक भाग

हर आयुर्वेदिक मेडिकल स्टोर पर अलग-अलग कंपनियों के द्वारा उपलब्ध हो जाता है ।

भावना-

कुमारी स्वराज आवश्यकता के अनुसार ।

योगेंद्र रस के उपयोग एवं फायदे-

  • पुराना जोड़ों का दर्द जो धातु क्षीणता की वजह से हो जाता है उसमें योगेंद्र रस का उपयोग किया जाता है ।
  • पैरालाइसिस की पुरानी अवस्था में भी योगेंद्र रस का उपयोग किया जाता है ।
  • हाथों पैरों की जकड़न पीठ दर्द पुराना कमर दर्द जैसे रोगों में भी इसका उपयोग किया जाता है ।
  • रात में बार बार पेशाब आने की समस्या, यार रुक रुक कर पेशाब आने की समस्या में भी कई आयुर्वेदाचार्य द्वारा इस रस का उपयोग रोगियों में करवाया जाता है ।
  • वात और पित्त की प्रधानता में उत्पन्न हुआ उन्माद में भी इस रस का उपयोग किया जाता है ।
  • पुरुष इंद्रिय शैथिल्य तथा दौर्बल्य में भी इस योगेंद्र रस का उपयोग किया जाता है ।
  • बेहोशी की स्थिति( मूर्छा), अपस्मार , तथा भ्रम जैसी स्थिति में भी इसका उपयोग किया जाता है ।

सेवन मात्रा-

125mg से 250mg तक/ 1 से 2 टेबलेट दिन में दो बार चिकित्सक के परामर्श एवं निर्देशानुसार ही सेवन करनी चाहिए ।

अनुपान –

अनुपान भेद से अलग-अलग व्याधियों में आयुर्वेदाचार्य एवं चिकित्सकों इसका उपयोग किया जाता है ।

शहद, मिश्री, दशमूलारिष्ट, महारास्नादि काढ़ा, सारस्वतारिष्ट आदि के साथ योगेंद्र रस का सेवन करवाया जाता है ।

सावधानी-

योगेंद्र रस का उपयोग करने से पहले अधिकृत आयुर्वेद विशेषज्ञ का परामर्श आवश्यक है । क्योंकि बिना चिकित्सकीय परामर्श के रस औषधियों का सेवन अधिक मात्रा में हानिकारक हो सकता है ।

चेतावनी- यहां पर उपलब्ध समस्त जानकारी चिकित्सा परामर्श नहीं है । किसी भी आयुर्वेदिक औषधि के सेवन से पहले अधिकृत आयुर्वेद चिकित्सक से परामर्श अवश्य करें ।

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