योग ब्रीदिंग क्या है – योग ब्रेथिंग वह तकनीक है जिसमें हम अपनी सांस और उसके अंदर निकलने वाली ऊर्जा के नियंत्रण पर ध्यान केंद्रित करते हैं। यह एक प्रकार का प्राणायाम होता है जो हमें अपनी सांसों को नियंत्रित करने में मदद करता है और हमें शांति और तनाव को कम करने में मदद करता है।
प्राणायाम हमारे शरीर, मन और आत्मा को जोड़ने के लिए योग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह शरीर के संचार को बढ़ाने में मदद करता है और तनाव को कम करने के साथ साथ मन को शांत करने में भी मदद करता है। इसके अलावा, प्राणायाम कई स्वास्थ्य लाभों का भी स्रोत है।
योग ब्रेथिंग के अनेक उपयोग होते हैं। यह शरीर के ऑक्सीजन स्तर को बढ़ाने में मदद करता है और श्वसन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है। इससे श्वसन तंत्र की क्षमता बढ़ती है जो एक व्यक्ति को संतुलित मानसिक तथा शारीरिक स्थिति में रखता है।
योग ब्रेथिंग का उपयोग अस्थमा, श्वसन तंत्र संबंधी रोग, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, तनाव, चिंता और अन्य शारीरिक और मानसिक समस्याओं को नियंत्रित करने में किया जाता है। यह उपयोगी होता है क्योंकि यह शारीरिक और मानसिक स्थिति में संतुलन बनाए रखने में मदद करता है और शांति और तनाव को कम करने में मदद करता है।
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प्राणायाम विभिन्न प्रकार के होते हैं, जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं:
उज्जायी प्राणायाम (योग ब्रीदिंग क्या है)
उज्जायी प्राणायाम एक प्रकार का प्राणायाम है जो श्वास को नियंत्रित करने और मन को शांत करने में मदद करता है। इस प्राणायाम में हम नाक से सांस लेते हुए उच्च स्वर वाले श्वास को छोड़ते हुए गले के पीछे की ओर ठूस-ठूस नाक से सांस छोड़ते हैं। इस प्रकार धीमी आवाज में सांस लेने से दिमाग शांत होता है और स्वास्थ्य भी सुधरता है।
उज्जायी प्राणायाम को विन्यास योग की अभ्यास सीखाने वाली कक्षाओं में उपयोग किया जाता है। इस प्राणायाम को करने से पुरानी सांसों को बाहर निकालने के साथ ही नई सांस भी लेने में मदद मिलती है। इस प्रक्रिया में नाक के उपर थोड़ी सी अंतरिक शक्ति लगानी पड़ती है, जिससे उच्च स्वर वाला श्वास निकलता है। इस प्रकार की सांस लेने से श्वसन तंत्र सुधरता है और दिल के साथ-साथ हृदय को भी फायदा पहुंचता है।
उज्जायी प्राणायाम एक आसान श्वास विधि है जो श्वास लेने के दौरान एक अनुद्वेगकारी उच्च ध्वनि बनाती है। यह एक प्राणायाम तकनीक है जो शांति और आराम को बढ़ाती है। निम्नलिखित हैं उज्जायी प्राणायाम के 10 फायदे:
तनाव को कम करता है: उज्जायी प्राणायाम तनाव को कम करने में मददगार होता है। इस तकनीक के द्वारा आप अपने मन को शांत करते हुए और आराम से श्वास लेते हुए अपने शरीर के अंगों को आराम दे सकते हैं।
संक्रमण से बचाव: यह प्राणायाम आपकी श्वसन तंत्र को सुधारता है और इससे आपको संक्रमण से बचाव मिलता है।
श्वसन तंत्र को सुधारता है: उज्जायी प्राणायाम आपके श्वसन तंत्र को सुधारता है जो आपके फेफड़ों को स्वस्थ रखता है।
अधिक ऊर्जा: यह प्राणायाम आपको अधिक ऊर्जा प्रदान करता है जो दिनभर के काम के लिए आवश्यक होती है।
कपालभाति-(योग ब्रीदिंग क्या है)
कपालभाति एक प्रकार का प्राणायाम है जो हिंदी में ‘कपाल’ यानी सिर और ‘भाति’ यानी चमकाना या साफ करना का अर्थ होता है। इस प्राणायाम में निःश्वास के दौरान पेट को अंदर करके श्वसन नली को संकोचित करते हुए तेजी से श्वसन करना होता है।
कपालभाति का नियमित अभ्यास करने से शरीर के रक्त संचार में सुधार होता है जो शरीर के अनेक अंगों और उनके कार्यों को सुधारता है। कुछ महत्वपूर्ण कपालभाति के फायदे निम्नलिखित हैं:
- श्वसन तंत्र को मजबूत करना
- श्वसन संबंधी बीमारियों को दूर करना
- सिर, नाक और गले की साफ सफाई करना
- नसों को मजबूत करना जो इससे शरीर के अनेक अंगों के लिए लाभकारी होते हैं।
- पाचन तंत्र को सुधारना।
- स्ट्रेस को कम करना और मन को शांत करना
- निरोगी और आरोग्यमय शरीर बनाए रखना
कपालभाति एक शक्तिशाली प्राणायाम है और इसे सही ढंग से करने से पहले आपको कुछ सावधानियों का ध्यान रखना आवश्यक होता है। निम्नलिखित सावधानियों का पालन करना चाहिए:
- कपालभाति का अभ्यास करने से पहले, आपको एक योग अध्यापक या विशेषज्ञ के साथ परामर्श करना चाहिए।
- इस प्राणायाम को करने से पहले, अपने श्वसन के प्रणाली को ठीक से समझें।
- निःश्वास के दौरान पेट को ज़्यादा नहीं फैलाना चाहिए।
- कपालभाति को खाली पेट करना चाहिए।
- इस प्राणायाम को करने से पहले, अपने नाक को साफ करें।
- कपालभाति को नियमित रूप से करना चाहिए। एक दिन में इसे दो बार करना पर्याप्त होता है।
- इसे करते समय ध्यान रखें कि आप बहुत ज्यादा ताकत का इस्तेमाल नहीं करते हैं और स्वस्थ होते हुए भी आपको कोई अनुभव हो तो तुरंत रुकें।
- यदि आपको किसी भी प्रकार की बीमारी है, तो आपको पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।
अनुलोम विलोम (योग ब्रीदिंग क्या है)
अनुलोम विलोम एक प्रकार का प्राणायाम है जो श्वसन प्रणाली को सुधारता है। यह प्राणायाम श्वसन प्रणाली की ताकत बढ़ाता है, मन को शांत करता है और सामान्य रूप से शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करता है। निम्नलिखित हैं
योग ब्रीदिंग क्या है – अनुलोम विलोम के कुछ फायदे और सावधानियां:
अनुलोम विलोम के फायदे:
- यह प्राणायाम श्वसन प्रणाली को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
- इस प्राणायाम से श्वसन प्रणाली में ओक्सीजन का सही तरीके से पहुँचाव होता है।
- इस प्राणायाम से मन को शांति मिलती है और तनाव कम होता है।
- यह प्राणायाम रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है।
- इस प्राणायाम से पाचन तंत्र को सुधार मिलता है।
- यह प्राणायाम सिरदर्द और माइग्रेन के लिए उपयोगी होता है।
अनुलोम विलोम की सावधानियां:
- अनुलोम विलोम को खाली पेट करना चाहिए।
- इस प्राणायाम को करने से पहले, आपको ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
- यह प्राणायाम धीरे-धीरे करना चाहिए।
योगा ब्रिथिंग के लाभ (योग ब्रीदिंग क्या है )
योगा ब्रिथिंग अभ्यास करने से श्वसन प्रणाली को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है और सामान्य रूप से शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करती है। इसके कुछ लाभ निम्नलिखित हैं:
तनाव कम करना: योगा ब्रिथिंग अभ्यास से श्वसन प्रणाली को सुधार कर तनाव कम होता है और मन को शांति मिलती है।
रक्तचाप को नियंत्रित करना: योगा ब्रिथिंग अभ्यास से श्वसन प्रणाली मजबूत होती है और रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है।
पाचन को सुधारना: योगा ब्रिथिंग अभ्यास से श्वसन प्रणाली सुधारित होती है और पाचन तंत्र को सुधारने में मदद करता है।
अधिक ओक्सीजन की आपूर्ति: योगा ब्रिथिंग अभ्यास से श्वसन प्रणाली सुधारित होती है और शरीर को अधिक ओक्सीजन की आपूर्ति होती है।
सामान्य श्वसन प्रणाली को सुधारना: योगा ब्रिथिंग अभ्यास से सामान्य श्वसन प्रणाली को सुधारा जा सकता है जो अन्य रोगों की भी रोकथाम में मदद करता है।
संगति को बढ़ाना: योगा ब्रिथिंग अभ्यास से संगति को बढ़ाया जा सकता है। यह ध्यान करने में मदद करता है जिससे व्यक्ति के जीवन में तनाव कम होता है।
निरोगी जीवन: योगा ब्रिथिंग अभ्यास से शरीर को शुद्ध रखने में मदद मिलती है जो निरोगी जीवन के लिए बहुत जरूरी है।
श्वसन संबंधी रोगों की रोकथाम: योगा ब्रिथिंग अभ्यास करने से संबंधित श्वसन रोगों की रोकथाम में मदद मिलती है।
मानसिक स्थिति को सुधारना: योगा ब्रिथिंग अभ्यास से मानसिक स्थिति को सुधारा जा सकता है और ध्यान करने में मदद करता है।
योगा ब्रिथिंग अभ्यास आपके शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करता है और आपके मन को शांति देता है। यदि आप योगा ब्रिथिंग अभ्यास करना शुरू करने का विचार कर रहे हैं, तो इसे सीखने के लिए एक प्रशिक्षक की मदद लें और धीरे-धीरे शुरू करें।
आगे और जाने योग ब्रीदिंग क्या है
योगा ब्रिथिंग के नियम
योगा ब्रिथिंग एक आसान और संरक्षित प्राणायाम है, लेकिन इसके लिए कुछ नियमों का पालन करना अत्यंत आवश्यक होता है। ये हैं कुछ नियम जिन्हें आपको अपने योगा ब्रिथिंग अभ्यास के दौरान ध्यान में रखना चाहिए:
- सही आसन: योगा ब्रिथिंग अभ्यास के लिए सही आसन बहुत महत्वपूर्ण है। आसन को जमीन पर बैठकर या स्तूल के ऊपर बैठकर किया जा सकता है।
- सुखाधारी श्वास: सुखाधारी श्वास एक सही श्वास प्रणाली का मापदंड होता है जो आपको अपने योगा ब्रिथिंग अभ्यास में अपनाना चाहिए।
- संशोधित श्वास: संशोधित श्वास के दौरान आपको नाक से श्वास लेना चाहिए। इससे आपके श्वसन प्रणाली को उत्तम तरीके से काम करने में मदद मिलती है।
- स्थिर श्वास: स्थिर श्वास का अर्थ होता है आपको अपनी श्वसन प्रणाली को स्थिर रखना होता है।
- ध्यान: योगा ब्रिथिंग अभ्यास के दौरान ध्यान बनाए रखना बहुत जरूरी होता है।
- आपने जाना (योग ब्रीदिंग क्या है)
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