लघु गंगाधर चूर्ण laghu gangadhar churna – आज हम जाएंगे इस लेख में लघु गंगाधर चूर्ण के घटक द्रव्य, सेवन मात्रा, उपयोग एवं फायदे, सावधानियां,
मुख्य रूप से लघु गंगाधर चूर्ण का प्रयोग दस्त और पेचिश जिसे आयुर्वेद की भाषा में अतिसार और प्रवाहीका के नाम से जाना जाता है ।
Table of Contents
लघु गंगाधर चूर्ण के घटक द्रव्य
- नागर मोथा एक भाग
- बेलगिरी एक भाग
- मोचरस एक भाग
- इंद्रजव कड़वा एक भाग
- धाई के फूल एक भाग
- लोध्र एक भाग
लघु गंगाधर चूर्ण की सेवन मात्रा
2 ग्राम से 4 ग्राम की मात्रा दिन में दो से तीन बार चिकित्सक के निर्देशानुसार सेवन करें ।
अनुपान
गुड,मट्ठा , चावल का धोबन
लघु गंगाधर चूर्ण के फायदे
- बच्चों में होने वाला खूनी दस्त के लिए उपयोगी ।
- सभी प्रकार के नवीन अतिसार और प्रवाहिका में अत्यंत लाभकारी ।
- पाचन शक्ति को सुधरता है ।
- आयुर्वेद चिकित्सकों विशेषज्ञ द्वारा गंगाधर चूर्ण को अन्य रस औषधियों एवं काष्ठ औषधियों के साथ मिलाकर अतिसार प्रवाहिका के लिए प्रशस्त औषधि योग बनाया जाता है।
- थोड़ी-थोड़ी मात्रा में अधिक बार देने से अच्छा लाभ मिलता है । बुखार होने की स्थिति में इसे पानी के साथ सेवन करवाएं।
सावधानी-
- चिकित्सक की देखरेख में प्रयोग करें।
- अधिक मात्रा में प्रयोग ना करें ।
- बच्चों की पहुंच से दूर रखें ।
- सूखे स्वच्छ सामान्य तापमान पर स्टोर करें ।
- धूप एवं नमी से बचाएं।
चेतावनी- इस लेख में दी गई समस्त जानकारी चिकित्सा परामर्श नहीं है किसी भी आयुर्वेदिक औषधि के सेवन से पूर्व चिकित्सक की सलाह आवश्यक है ।
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