वात श्लेष्मिक ज्वरहर क्वाथ vat shleshmik jwar har kwath

vat shleshmik jwar har kwath

वात श्लेष्मिक ज्वरहर क्वाथ vat shleshmik jwar har kwath – यह एक आयुर्वेदिक औषधीय योग है जिसे क्वाथ (काढ़ा ) के रूप में आयुर्वेद चिकित्सको की देख रेख में विभिन्न रोगों के लिए रोगियों को सेवन करवाया जाता है । विशेष रूप से सर्दी के समय बुखार से साथ खांसी जुकाम के लिए प्रयो में लाया जाता है । मौसमी के बदलाव के साथ होने वाले रोग प्रतिश्याय (जुकाम ) खांसी जकडन , बुखार के साथ सिरदर्द जैसी शिकायत में प्रयोग में लाया जाता है ।

वात श्लेष्मिक ज्वरहर क्वाथ के घटक द्रव्य vat shleshmik jwar har kwath ingredients

  • वासा – उत्तम कफ़ निस्सारक (कफ़ को बहार निकलने वाला ) ब्रोंको डायलेटर है । जो श्वास नली में कफ़ को पिगलाकर गले में राहत प्रदान करता है ।
  • कंटकारी -खांसी जुकाम दूर करने वाला , कफ़ निस्सारक , सिरदर्द , बुखार के लिए लाभकारी
  • हरिद्रा – संक्रमण रोधी , सुजन दर्द कम करने वाला , सर्दी जुकाम सिरदर्द के लिए लाभकारी
  • सोंठ – गर्म तासीर का , संक्रमण रोधी , खानिस जुकाम , कफ़ निस्सारक औषधि
  • भारंगी – कफ़ वात का नाश करने वाली , उष्ण , दर्द सुजन को कम करने वाली , भूख बढाने वाली , कास – श्वास रोग में फायदेमंद , बुकह्र दूर करने वाली खून साफ करने वाली और संधिवात के लिए फायदेमंद
  • तालिस पत्र– गर्म तासीर वाला , वात कफ़ को शमन करने वाला ,भूख बढाने वाला , खांसी जुकाम के लिए लाभकारी
  • मधुयष्टी – स्वर भंग (आवाज का बैठ जाना ) कफ़ निस्सारक , गला साफ रखने के लिए , खांसी जुकाम के लिए , एसिडिटी (जलन) दूर करने वाला
  • तुलसी पंचांग – इम्युनिटी बूस्टर , बुखार को दूर करने वाली , संक्रमण को दूर करने वाली ,खांसी जुकाम , भूख बढ़ाने वाला
  • काली मिर्च – उष्ण,गले को साफ़ रखने वाला , इम्युनिटी बूस्टर , संकरण रोधी गुण
  • लोंग – इन्म्मुनिटी वर्धक , बुखार ,दस्त , उलटी , गैस , सुजन दर्द दूर करने वाली , सक्रमण रोधी गुण ,सिरदर्द , कुक्कर खासी , दमा , खांसी जुकाम में लाभकारी
  • पिप्पली – बुखार, खांसी तथा तिल्ली वृद्धि,सांसों से संबंधित बीमारी, नींद ना आने की परेशानी इत्यादि में लाभकरी
  • चिरायता – इम्यूनिटी के लिए,ब्लड शुगर , खून की कमी ,ज्वर नाशक ,कृमि नाशक , रक्तशोधक , लीवर और पाचन की कार्य प्रणाली को फायदा पहुचता है ।

सेवन मात्रा

२०० ml पानी में 10 ग्राम सूखे काढ़े को आधा रहने तक उबाले ।

वयस्क – 50 मिली लीटर भोजन के पश्चात

बच्चे – 2 वर्ष से 16 वर्ष तक २० मिलीलीटर भोजन के पश्चात चिकित्सक की देख रेख में सेवन करे ।

वात श्लेष्मिक ज्वरहर क्वाथ के फायदे vat shleshmik jwar har kwath benefits

बुखार – सभी प्रकार के बुखार में उपयोगी विशेष कर नुमोनिया , कफ़ जनित

खांसी – सभी प्रकार की खांसी – सुखी , बलगम वाली में फायदे मंद

जुकाम – मौसम के कारण या प्रतिरिधक क्षमता की कमी के कारण होने वाले जुकाम के लिए फायदे मंद ।

जोड़ो का दर्द- वात शामक होने के कारण दर्द में रहत दिलाये ।

दमा – सांस लेने में दिक्कत , फैफडो की कमजोरी में फायदेमंद

पाचन की समस्याए – भूख बढ़ाये , कब्ज दूर करे , पाचन दुरुस्त करे ।

यकृत वृद्धि – लीवर की वृद्धि को रोके और सामान्य करने में सहयक है । खून साफ करता है ।

सावधानी

चिकित्सक की देख रेख में सेवन करें ।

धुप व नमी से बचाए ।

रोजाना बना हुआ काढ़ा (तरल ) तुरंत इस्तेमाल करे । प्लास्टिक या एलुमिनियम के बरतन में बना हुआ काढ़ा नहीं रखे ।

अधिक मात्रा में सेवन न करे । अम्लपित्त (एसिडिटी ) की शिकायत हो सकती है ।

किसी भी अन्य समस्या के लिए नजदीकी चिकित्सक से संपर्क करे ।

चेतावनी इस लेख में दि गई समस्त जानकारी शेक्षिक उद्देश्यों के लिए है । किसी भी आयुर्वेदिक दवा के सेवन से पूर्व चिकित्सक की सलाह आवश्यक है ।

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