वृद्धिवाधिका वटी-अंडकोष की वृद्धि एवं अपेंडिसाइटिस के लिए प्रयोग की जाने वाली आयुर्वेदिक औषधि है । आयुर्वेद शास्त्र भावप्रकाश के अनुसार यह जानकारी आपको उपलब्ध करवाई जा रही । 30 से अधिक औषधियों को बराबर मात्रा में मिलाकर बनाई जाती है । आयुर्वेद चिकित्सकों द्वारा वृषण की वृद्धि और आंत्र वृद्धि मैं प्रयोग करवाई जाती है । आइए जानते हैं इसके बारे में और अधिक जानकारी
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वृद्धिवाधिका वटी के घटक द्रव्य ( भाव प्रकाश के अनुसार)
- शुद्ध पारद
- शुद्ध गंधक
- लोह भस्म
- बंग भस्म
- ताम्र भस्म
- कांस्य भस्म
- हड़ताल भस्म
- नीला थोथा भस्म
- शंख भस्म
- कोडी भस्म
- सोंठ
- काली मिर्च
- पीपल
- हरड़
- बहेड़ा
- आंवला
- चव्य
- पीपला मूल
- कचूर
- वायविडंग
- विधारा के बीज
- पाठा
- हाउ बेर
- बच
- इलायची
- देवदारू
- समुद्र नमक
- सेंधा नमक
- सांभर नमक
- बिड नमक
- काला नमक
सभी औषधियों की समान मात्रा प्रयोग की जाती है ।
वृद्धिवाधिका वटी बनाने की विधि-
उपरोक्त सभी औषधियों की समान मात्रा लेकर छोटी हरड़ के क्वाथ में 3 दिन तक खरल करने के बाद छोटी-छोटी गोलियां 125 मिलीग्राम की बनाई जाती है ।
सेवन मात्रा-
125 मिलीग्राम से 250 मिलीग्राम की मात्रा पानी के साथ दिन में 2 बार चिकित्सक के निर्देशानुसार सेवन करवाई जाती है ।
वृद्धिवाधिका वटी के फायदे एवं उपयोग-
- जिन रोगियों में अंड वृद्धि की समस्या होती है । उन्हें इसका सेवन करवाया जाता है । कुछ समय में ही यह समस्या दूर हो जाती है ।
- अपेंडिसाइटिस में भी इस दवाई का प्रयोग लाभप्रद होता है ।
- पुरुष के वृषण में हवाई भरने के कारण होने वाली दर्द में राहत दिलाता है ।
- अंडकोष में जल भरने की समस्या की प्रथम अवस्था में फायदेमंद है परंतु ज्यादा जल भरने पर यह ज्यादा काम नहीं करती है ।
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विशेष सावधानी-
वृद्धिवाधिका वटी बनाने में कुछ औषधियां ऐसी है जिनकी वजह से उल्टी मितली की समस्या हो सकती है । परंतु सही प्रकार से बनाई हुई औषधि में यह समस्या नहीं आती है ।
उल्टी या बेचैनी में अनुमान के रूप में मट्ठे में नमक मिलाकर प्रयोग करना चाहिए ।अथवा नींबू का रस शक्कर में मिलाकर जल के साथ देना चाहिए ।
कब्ज की शिकायत होने पर आरोग्यवर्धिनी वटी के साथ इसका सेवन करवाना चाहिए ।
वृद्धिवाधिका वटी के सेवन के तुरंत बाद में चाय कॉफी और दूध अथवा दूध से बने हुए खाद्य पदार्थ लेने में कम से कम 1 घंटे का अंतराल अवश्य रखना चाहिए ।
कहाँ से ख़रीदे ?
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चेतावनी- इस लेख में दी गई समस्त जानकारी चिकित्सा परामर्श नहीं है । किसी भी आयुर्वेदिक औषधि के सेवन से पूर्व आयुर्वेद विशेषज्ञ चिकित्सक की सलाह आवश्यक है ।
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