श्वासकास चिंतामणि रस shvaas kaas chintaamani ras

श्वास रोगियों Respiratory patients के लिए यह वरदान औषध है। कफ cough को निकालने रक्त धातु को बढ़ाने वाली ह्रदय heart और श्वसन प्रणाली respiratory system को उत्तेजक करने वाली औषधि है। फिर भी इसका use श्वसन संस्थान दौर्बल्य जनित उग्र श्वास में use नहीं होता है परंतु जीण मूलभूत श्वास रोगों के साथ ही साथ श्वास लेने में कष्ट तथा उसके साथ होने वाली व्याधियों Diseases में अत्यंत उपयोगी औषध है।

श्वासकास चिंतामणि रस Intestine तथा liver की कार्यप्रणाली मूत्र उत्सर्जन की कार्यप्रणाली heart की कार्यप्रणाली को मजबूत करता है। children में इस औषधि का प्रयोग कुकर खांसी Cooker cough तथा सामान्य खांसी में best होता है। यह रसायन ताकत देता है। शरीर को हेल्थी बनाने वाला स्पूर्ति प्रदायक औषध है।

घटक द्रव्य Component drugs

  • स्वर्ण भस्म(Golden ash)- शीतल दिमाग और हृदय की मांसपेशियों के लिए healthy antibacterial विषघ्न उम्र बढ़ाने वाला।
  • लौह भस्म-(Iron ash) रक्त प्रसादक शीतल सामान्य मस्तिष्क की कार्यप्रणाली में उपयोगी उम्र बढाने वाला उत्तेजक बल्य भेदक मांशपेशी मजबूत करने वाला।
  • अभ्रक भस्म-(Asbestos ash)रसायन त्रिदोष शामक जीवनी शक्ति वर्धक उत्तेजक आयु ,बल, वीर्य, मेधा और क्रांति वर्धक।
  • स्वर्ण माक्षिक भस्म – बुखार की वजह से पहुंची brain की गर्मी को कम करता है। कामोद्दीपक रसायन उत्तेजक रक्त प्रसादक पित्त शामक।
  • मुक्ता भस्म- पित्त शामक brain eyes heart रक्त धातु और अस्थि धातु को बढ़ाने वाला।

बढ़ाने की विधि-Method of Enhancing

सभी द्रव्यों को पान के रस मुलेठी के क्वाथ, छोटी कटेरी के क्वाथ तथा बकरी के दूध goat milk के साथ फल में निर्मित किया जाता है।

मात्रा- dose

1-1 गोली दिन में 2 से 3 बार शहद honey के साथ अथवा आयुर्वेद चिकित्सक वैधराज के निर्देशानुसार ।

किन किन रोगों में उपयोग-In which diseases use-

जीर्ण तथा उग्र खांसी श्वसन संबंधी सभी बीमारियां वातस्फीति जीर्ण श्वसन तथा ह्रदय दौर्बल्य । मौसम के साथ में होने वाली सर्दी खांसी asthma में प्रयोग की जाती है।

अनुपान- take with

उग्र प्रकार की पुरानी खांसी और श्वसन रोगों में पीपल चूर्ण या शहद honey के साथ use करें

बीड़ी सिगरेट के उपयोग तथा धूम्रपान के कारण उत्पन्न वातस्फीति में मृगश्रृंग भस्म और महायोगराज गुग्गुलु के साथ सेवन करें।

हृदय की दुर्बलता तथा घूमते समय हाफ ने की बीमारी में दशमूलारिष्ट और अर्जुनारिष्ट के साथ सेवन करें की

seasonal सर्दी खांसी में गले में कफ जमा हुआ हो तो सितोपलादि चूर्ण के साथ सेवन करें।

न खाने योग्य पदार्थ तथा आहार-विहार (अपथ्य)

दही अंकुरित अनाज टमाटर आलू मिठाई गोभी मैदे से बनी हुई खाद्य सामग्री पनीर का प्रयोग ना करें ।धूम्रपान मद्यपान तंबाकू क्रोध चिंता दुख मानसिक चिड़चिड़ापन ना करें।

नोट – उपरोक्त दी गई समस्त जानकारी चिकित्सकीय परामर्श नहीं है। किसी भी आयुर्वेदिक औषधि का उपयोग करने से पूर्व आयुर्वेद चिकित्सक अथवा वैधराज से परामर्श करें।

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