श्वेत प्रदर क्या है?

श्वेत प्रदर क्या है

श्वेत प्रदर क्या है?-आयुर्वेद में इसे श्वेत प्रदर सफेद पानी के नाम से जाना जाता है । और मेडिकल भाषा में इसे लिकोरिया ( लुकोरिया )नाम से जाना जाता है। महिलाओं में होने वाला यह आम संक्रमण है।

इस रोग में योनिमार्ग से सफेद रंग का गाढ़ा चिपचिपा या दुर्गंध युक्त स्त्राव होता है । कई बार संक्रमण के कारण इसका रंग पीला नीला या हल्के भूरे रंग का हो सकता है ।

समय पर इस समस्या का इलाज ना होने की स्थिति में महिला का स्वास्थ्य गिरता जाता है ।

प्रजनन अंगों में संक्रमण के कारण सूजन खुजली के साथ-साथ दर्द की शिकायत भी हो जाती है । अलग-अलग स्त्री में इसका प्रभाव कम या ज्यादा देखने को मिल सकता है ।

श्वेत प्रदर के प्रकार

  • सामान्य श्वेत प्रदर- महावारी के समय योनि मार्ग से दुर्गंध रहित चिपचिपा पानी जैसा स्त्राव होना सामान्य है । जब स्त्रियों में अंडोत्सर्ग की प्रक्रिया होती है इस प्रकार के स्त्राव में बढ़ोतरी होना सामान्य माना जाता है । ऐसी स्थिति में किसी भी प्रकार की इलाज की आवश्यकता नहीं होती है । केवल स्वच्छता का ध्यान रखना होता है ।
  • असामान्य श्वेत- जब किस बैक्टीरियल इनफेक्शन जीवाणु संक्रमण कवक संक्रमण फंगस इंफेक्शन अथवा यीस्ट इनफेक्शन होने की स्थिति में। कई बार और असामान्य भूरे रंग पीले रंग अथवा नीले रंग का स्त्राव होने लगता है। प्रजनन अंगों में खुजली सूजन अथवा दुर्गंध युक्त स्त्राव होने की संभावना रहती है।

श्वेत प्रदर के लक्षण-

इसकी पहचान के लिए कुछ लक्षणों को ध्यान दिया जा सकता है।

  • असामान्य तरह का सफेद रंग का स्त्राव
  • अधिक मात्रा में दुर्गंध युक्त गाढ़ा स्राव होना।
  • कमर में लगातार दर्द बने रहना।
  • रुक रुक कर बार-बार पेशाब आने की समस्या।
  • आंखों के नीचे झाइयां व काले घेरे
  • भूख की कमी के साथ-साथ सिर दर्द
  • चिड़चिड़ापन आंखों के सामने अंधेरा आना
  • वजन का कम होना चक्कर आना।
  • योनि मार्ग में सूजन चुनचुनाहट खुजली तथा दर्द।

श्वेत प्रदर या सफेद पानी की समस्या होने के कारण

  1. पोषण की कमी- संतुलित एवं पोषक तत्व वाले भोजन की कमी के कारण अथवा अधिक मात्रा में फास्ट फूड का सेवन करना। अधिक मसालेदार खट्टे एवं चटपटे खाद्य पदार्थों का सेवन करना। ऐसे खाद्य पदार्थ से पोषक तत्वों की कमी फाइबर की कमी होने से शरीर में पोषण की कमी के साथ-साथ संक्रमण को न्योता देने की स्थिति बन जाती है।
  2. संक्रमण- श्वेत प्रदर का मुख्य कारण बैक्टीरियल फंगस या यीस्ट इन्फेक्शन होता है।
  3. स्वच्छता की कमी- ग्रामीण परिवेश एवं ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं में शर्म हिचकिचाहट के कारण तथा स्वच्छता के बारे में जानकारी ना होने की वजह से। हाइजीन का ध्यान न रखने के कारण संक्रमण हो जाता है जिससे श्वेत प्रदर जैसे समस्या होती है।
  4. बार-बार गर्भपात करवाने से- कई बार परिवार नियोजन के साधनों का उपयोग ना करने से गर्भपात के विकल्प को चुनने वाली महिलाओं में श्वेत प्रदर की समस्या होने की संभावना दूसरी महिलाओं से ज्यादा होती है।
  5. Copper-t- एक परिवार नियोजन का एक कारगर उपाय है। परंतु इसके बाद भी कई महिलाओं में संक्रमण होने की संभावना होती है। जब वे इसके समय-समय पर चेकअप नहीं करवाती अथवा स्वच्छता का ध्यान नहीं रखती।
  6. रोग प्रतिरोधक क्षमता की कमी- रोग प्रतिरोधक क्षमता आपके जीवन शैली आपके खानपान दिनचर्या सभी पर निर्भर करती है। अगर आपके द्वारा संतुलित आहार नहीं लिया जा रहा है। रात को देर तक काम कर रहे हैं। तनाव में है। समय पर भोजन नहीं कर रहे हैं। मद्यपान धुम्रपान जैसी आदतों से रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। तब आपकी तरफ हर तरह के संक्रमण हमला करने के लिए तैयार रहते हैं। श्वेत प्रदर का यह भी एक कारण है।
  7. मधुमेह रोग- हम सभी जानते हैं मधुमेह रोगी की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। इसी कमजोरी का फायदा उठाकर कई बार संक्रमण अपना घर बना लेता है।

श्वेत प्रदर का घरेलू उपचार एवं बचाव के तरीके

  1. स्वच्छता का ध्यान रखें।
  2. महावारी के समय कपड़े की जगह स्टरलाइज्ड पेड़ का उपयोग करें।
  3. शरीर एवं योनि मार्ग को नीम के पानी से धोएं।
  4. सूती वस्त्र का प्रयोग करें। विशेषकर अंतरंग वस्त्र सोती हो।
  5. समय पर भोजन करें। फल सब्जियों का प्रयोग भरपूर मात्रा में करें।
  6. आमला केला अनार चुकंदर दूध का सेवन करें।

कुछ आयुर्वेदिक घरेलू नुस्खे-

  1. नीम के पत्तों को पानी में उबालकर काढ़ा बनाकर साफ सफाई के लिए प्रयोग करें।
  2. त्रिफला चूर्ण को रात में भीगा कर सुबह पानी को छानकर योनि प्रक्षालन के लिए उपयोग करें।
  3. अमरूद के 10 पत्तों को पानी में उबालकर काढ़ा बनाएं। इस पानी से योनि की साफ सफाई करें।

डॉक्टरी सलाह कब जरुरी ?

लगातार संक्रमण बने रहने की स्थिति में किसी भी गायनेकोलॉजिस्ट विशेषज्ञ से सलाह अवश्य ले।

श्वेत प्रदर के लिए प्रयोग की जाने वाली आयुर्वेदिक दवाइयां-

चेतावनी- इस लेख में दी गई समस्त जानकारी चिकित्सा परामर्श नहीं है। किसी भी आयुर्वेदिक औषधि के सेवन से पहले आयुर्वेद विशेषज्ञ की सलाह आवश्यक है।

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