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सफेद दाग श्वेत कुष्ठ मे बाकूची bakuchi
पर्यायवाची शब्द BAVCHI,BAKUCHI
हिंदी नाम -बाकूची
सामान्यतः यह औषधि medicine भारत के क्षेत्र में पाई जाती है। वैसे देखा जाए तो यह पौधा सर्दी winter और वर्षा summer ऋतु में मिल जाता है।पहचाने और अपने जीवन में अपनाएं
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बाकूची का औषधीय उपयोग use of bakuchi-
बाबूजी एक बहुत ही अच्छी औषधि है जो कि प्रायः सभी क्षेत्रों में पाई जाती है इस औषधि का मुख्य उपयोग main use skin problems स्किन प्रॉब्लम म किया जाता है।
दंत रोगों में उपयोग बावची की जड़ को शोधित फिटकरी के साथ मिलाकर दातों पर मंजन करने से दांतों के कीड़े मर जाते हैं तथा पायरिया pyrea जैसी बीमारियां भी सही हो जाती है।
श्वास रोग asthma में उपयोग
स्वास रोग asthma में बाबची का उपयोग use भी कर सकते हैं। इस रोग बावची का पाउडर 250 ग्राम तथा इसमें अदरक के रस ginger तथा शहद honey मिलाकर लेने से श्वास रोग asthma में आराम होता है।
बाकूची की चंदन sandal तथा गूगल के साथ मिलाकर घर मे धूप करने से बीमारियां diseases दूर रहती है।
पीलिया रोग में jaundice उपयोग-
बाकूची को 250 मिलीग्राम की मात्रा को पुनर्नवा की जड़ का रस 10 मिलीग्राम लगभग 2 से 3 चम्मच की मात्रा को रोजाना सुबह शाम देने से पीलिया में jaundice फायदा होता है।
चर्म एवं कुष्ठ skin disease रोगों में उपयोग
आज की समय में बहुत सारी एंटीफंगल दवाइयां antifungal medication लोगों के शरीर पर काम करना बंद कर चुकी है जिससे रोजाना एक नई एंटीफंगल फार्मा मार्केट में देखने को मिल जाएगी इसका कारण है कि दुष्प्रभाव side effects तथा लोगों में जागरूकता की कमी के कारण इस तरह की समस्या का सामना आज भारत नहीं अपितु विश्व कर रहा है।
यही स्थिति आपको एंटीबायोटिक antibiotics जगत में भी देखने को मिलेगी क्योंकि आने वाले समय में एंटीबायोटिक antibiotics भारत की जनता population पर काम करना बंद कर देगा हम नहीं विश्व के कुछ नामी-गिरामी हेल्थ पब्लिशर सर्वे बात कह रहे हैं।
चर्म रोग में बाकूची का उपयोग
bakuchi use बहुत ही जबरदस्त है चर्म रोग skin disease में मुख्यतः सफेद दागों white spots में इसका उपयोग किया जाता है जिसे व्हाइट स्पॉट white spots कहा जाता है।
Skin disease चर्म रोगों के लिए मुख्य रूप से बाकूची आदि चूर्ण 1 ग्राम की मात्रा में सुबह शाम तथा तेल स्थानिक उपयोग कर सकते हैं स्थानिक उपयोग करने से पहले आयुर्वेद चिकित्सक से परामर्श जरूर करें।
सफेद दाग श्वेत कुष्ठ मे बाकूची का उपयोग-
बाकूची के बीजों को शोधित करने के बाद
शोधन की विधि process of purify – बाकूची के बीजों को गोमूत्र में लगातार 3 दिन 3 day तक डूबा कर रखें। हर तीसरे दिन गोमूत्र को बदल दे change ऐसा लगातार 7 बार करें लगभग 1 महीने के समय में बाकूची की शोधन प्रक्रिया purifying process पूरी होने के बाद इसे उपयोग use में ला सकते हैं।
बाकूची पाउडर 1 ग्राम
आंवले amla का पाउडर 4gram
गिलोय सत्व giloy satw 250 मिलीग्राम
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सुबह शाम आधा-आधा चम्मच खाने के बाद
चिकित्सक के परामर्श {ayurveda medical officer }के साथ ले सकते हैं।
औषधि medicine का उपयोग अवस्था बल के तथा आयु age के अनुसार करें ।
बावची bavchi के बीजों seeds को पीसकर सफेद कुष्ठ white spots के स्थान पर लगाने से भी लाभ होता है लेकिन इसमें skin पर फफोले होने की संभावना होती है! जिसके लिए आप उसमें नारियल का तेल coconut oil और कपूर मिलाकर लगाएं।
सभी आयुर्वेदिक औषधियों का उपयोग आयुर्वेद चिकित्सक अथवा वैद्य ayurved doctor की सलाह पर करें।