सालम पाक के फायदे-दोस्तों आज हम एक ऐसी आयुर्वेदिक दवा के बारे में बात करेंगे । पुरुषों के लिए अत्यंत ही लाभदायक गुणकारी पाक है । इसका सेवन करने की सलाह सर्दियों में दी जाती है । इसके सेवन से पुरुष में पुरुषार्थ की वृद्धि होती है । इंद्रिय दुर्बलता, पुरुषार्थ की कमी, वीर्य की कमी, अथवा किसी भी प्रकार की शारीरिक दुर्बलता में अत्यंत ही गुणकारी आयुर्वेदिक औषधियों से निर्मित पाक है जिसका नाम है सालम पाक ।
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सालम पाक के घटक द्रव्य
- सालम पंजा 450 ग्राम
- पिस्ता 200 ग्राम
- बादाम 200 ग्राम
- चिरौंजी 100 ग्राम
- अखरोट 100 ग्राम
- सफेद मूसली 100 ग्राम
- गोखरू 50 ग्राम
- अश्वगंधा 25 ग्राम
- शतावरी 25 ग्राम
- रूमी मस्तगी 25 ग्राम
- ताल मखाना 25 ग्राम
- कौंच बीज 25 ग्राम
- केसर 10 ग्राम
- जायफल 10 ग्राम
- जावित्री 10 ग्राम
- लौंग 10 ग्राम
- वंशलोचन 10 ग्राम
- शीतल मिर्च 10 ग्राम
- दालचीनी 10 ग्राम
- बिहिदाना 10 ग्राम
- मिश्री डेढ़ किलो
- घी 500 ग्राम
सालम पाक बनाने की विधि
सर्वप्रथम सालम पंजा की बारीक चूर्ण को 200 ग्राम घी में अच्छे से भुन लेवे । इसके बाद बादाम पिसता चिरौंजी और अखरोट दरदरा कूट ले । सूखे मेवो को भी घी में भुन लेवे और चूर्ण बना ले। डेढ़ किलो मिश्री की चासनी बनाकर उसमें केसर सालम का भुना हुआ चूर्ण, सूखे में वह का चूर्ण, और अन्य सभी औषधियों का कपड़ छान चूर्ण उपरोक्त अनुसार मात्रा में मिला ले । चासनी का गाडापन अधिक रखें ताकि लड्डू बना सके। 50-50 ग्राम के छोटे-छोटे लड्डू बना ले ।
विशेष सालम पाक –
शुक्र की कमी और निर्बलता वाले रोगी के लिए । रस सिंदूर 10 ग्राम, स्वर्ण भस्म 1 ग्राम, अभ्रक भस्म 20 ग्राम, वंग भस्म 20 ग्राम मिला देने से विशेष लाभदायक सालम पाक का निर्माण होता है । पशुओं को मिला देने के बाद । सेवन की जाने वाली मात्रा को कम किया जाना चाहिए ।
सालम पाक बनाते समय रखने वाली सावधानी-
सालम पाक बनाते समय गैस या आग कम होनी चाहिए । इसे धीरे-धीरे और सावधानी से पकाया जाना चाहिए । इस बात का विशेष ध्यान रखें कहीं से चिपकने ना लगे । जल जाने पर पाक में जली हुई दुर्गंध आने लगेगी । जो पकने के बाद भी बनी रहती है ।
सालम पाक के फायदे-
- शरीर में बल,ओज , कांति को बढ़ाने वाला होता है ।
- पोस्टिक होने के साथ-साथ वीर्य वर्धक होता है ।
- टेस्टिस की नसों में दोष आ जाने के कारण होने वाली शारीरिक निर्बलता में लाभदायक है ।
- मानसिक दुर्बलता को दूर करता है ।
- भूख को बढ़ाने वाला होता है ।
- नींद ना आने की समस्या में इसका सेवन लाभदायक होता है ।
- शरीर में स्फूर्ति की कमी और आलस में इसकी सेवन से लाभ होता है ।
- शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ने वाला होता है ।
सेवन मात्रा-
10 से 20 ग्राम की मात्रा सुबह शाम एक गिलास गुनगुने दूध के साथ पिए । वैद्य अथवा आयुर्वेद चिकित्सक की सलाह पर सेवन करें ।
कहां से खरीदें?
कई कंपनियां इसका निर्माण करती है । हर आयुर्वेदिक मेडिकल स्टोर पर आसानी से उपलब्ध है । किमत जाने के लिए नीचे दिए गए चित्र पर क्लिक करें ।
सावधानी-
इसका सेवन चिकित्सक की देखरेख में करें ।
निर्देशित मात्रा से अधिक मात्रा में सेवन ना करें ।
बच्चों की पहुंच से दूर रखें ।
कमरे के तापमान पर स्टोर करें ।
चेतावनी- यह लेख बिना चिकित्सक की सलाह की किसी भी आयुर्वेदिक औषधि के सेवन के लिए प्रेरित नहीं करता है । किसी भी आयुर्वेदिक औषधि के सेवन से पूर्व आयुर्वेद चिकित्सक की सलाह आवश्यक है ।
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