सितोपलादि चूर्ण के फायदे- खासकर ऐसी खांसी जिसमें पित्त की प्रधानता हो तो सितोपलादि चूर्ण उत्तम आयुर्वेदिक औषधि है । अक्सर सितोपलादि चूर्ण के बारे में आपने लोगों से सुना होगा । आज हम आपको सितोपलादि चूर्ण के बारे में इस पोस्ट के माध्यम से पूरी जानकारी देंगे ।
सितोपलादि चूर्ण में कई ऐसे घटक द्रव्यो का प्रयोग किया जाता है जो पित्त की प्रधानता वाली खांसी के साथ-साथ यह जुखाम में भी फायदा करता है। पाचन चूर्ण, और भूख को बढ़ाने वाला भी है ।
बुखार के साथ खांसी, सिर दर्द, शरीर में दुर्बलता महसूस होना तथा शरीर में आलस को दूर भगाने वाला यह अनुपम योग है । आइए जानते हैं सितोपलादि चूर्ण के फायदे घटक द्रव्य के बारे में ।
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सितोपलादि चूर्ण के घटक द्रव्य-
भैषज्य रत्नावली- के अनुसार निम्न घटक द्रव्य का प्रयोग किया जाता है ।
- सिता ( शर्करा) 16 भाग
- पिपली 4 भाग
- इलायची 2 भाग
- दालचीनी 1 भाग
- वंशलोचन 8 भाग
यह पाउडर के रूप में सेवन करवाया जाता है ।
सितोपलादि चूर्ण के फायदे एवं उपयोग-
- प्रमुखता से चूर्ण का प्रयोग सर्दी खांसी जुकाम के लिए कराया जाता है ।
- हल्के बुखार के साथ आने वाली खांसी के लिए भी प्रयोग किया जाता है ।
- ( अग्निमांद्य,अरुचि)भूख की कमी में भी इसका सेवन लाभदायक है ।
- हाथों पैरों में जलन के लिए भी प्रयोग करवाया जाता है ।
- ट्यूबरक्लोसिस टीबी के रोगी को भी इसका सेवन करवाने से लाभ मिलता है ।
- अस्थमा दमा के रोगी के लिए योग के रूप में इसका प्रयोग करवाया जाता है ।
- रस औषधियों के साथ सितोपलादि का चूर्ण योग बनाकर चिकित्सक द्वारा दिए जाने पर सभी प्रकार के कास में जल्दी से फायदा होता है ।
- रक्तपित्त ( नकसीर, शरीर के रंध्र खून आना) में भी लाभदायक है ।
- फेफड़ो में जमा हुआ दूषित का बाहर निकालने के लिए प्रयोग कराया जाता है ।
सेवन मात्रा-
एक से दो चम्मच की मात्रा (लगभग 3 ग्राम से 5 ग्राम) सुबह शाम चिकित्सक के निर्देशानुसार सेवन करें ।
अनुपान –
शहद के साथ, गाय के घी के साथ, गुनगुने पानी से सेवन करें ।
सावधानी-
- दही अचार आमचूर का सेवन ना करें ।
- ठंडे पेय पदार्थों का सेवन ना करें ।
- आइसक्रीम का सेवन ना करें ।
- दूध का प्रयोग मलाई निकालने की बात करें ।
- बाहर जाते समय मुंह पर कपड़ा बांधे ।
- सुबह में ठंडे पानी से सिर ना धोए ।
कहां से खरीदें?
हर आयुर्वेदिक मेडिकल स्टोर पर पाउडर के रूप में उपलब्ध है । ऑनलाइन स्टोर पर भी आसानी से उपलब्ध है ।
चेतावनी- इस लेख में दी गई समस्त जानकारी चिकित्सा परामर्श नहीं है । किसी भी आयुर्वेदिक औषधि के सेवन से पूर्व आयुर्वेद चिकित्सक की सलाह आवश्यक है । (और पढ़े .रस सिंदूर क्या है..)
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