स्मृति सागर रस के फायदे

स्मृति सागर रस के फायदे

क्या आपको या आपके घर में किसी को बार-बार भूलने की आदत है? मिर्गी का दौरा पड़ता ? क्या आपको पक्षाघात है? । तो जान लीजिए स्मृति सागर रस के फायदे के बारे में । अपस्मार रोग में यह की उपयोगी औषधि है । एक नहीं वरन कई मानसिक रोगों की आयुर्वेदिक दवा है स्मृति सागर रस । आयुर्वेद में आयुर्वेद के महर्षियो द्वारा हजारों वर्षों पूर्व मानसिक रोग की दवा बना ली थी ।

जानिए स्मृति सागर रस के बारे में

स्मृति सागर रस के घटक द्रव्य

(योगरत्नाकर के अनुसार)

  1. शुद्ध पारद
  2. शुद्ध गंधक
  3. शुद्ध हरताल
  4. शुद्ध मैनसिल
  5. ताम्र भस्म

सभी औषध द्रव्य की मात्रा सामान होती है ।

बनाने की विधि-

उपरोक्त सभी पांचो औषधि द्रव्य को बराबर मात्रा में लेकर ब्राह्मी और बच के क्वाथ की भावनाएं 21- 21 बार दी जाती है । इसके बाद मालकांगनी के तेल में एक बार भावना दी जाती है । इसके पश्चात 125 मिलीग्राम( एक रत्ती के लगभग) की गोलियां बनाई जाती है ।

सेवन मात्रा-

स्मृति सागर रस को एक रत्ती( लगभग 125 मिलीग्राम) की मात्रा दिन में दो से तीन बार सारस्वतारिष्ट, घी अथवा मक्खन के साथ आयुर्वेद चिकित्सक के निर्देशानुसार व्याधि के अनुसार सेवन करवाया जाता है ।

स्मृति सागर रस के फायदे-

  • मिर्गी रोग के लिए यह अत्यंत ही उपयोगी औषधि है ।
  • मुख्य रूप से तंत्रिका मंत्र से जुड़े लोगों में या अत्यंत गुणकारी औषधि है ।
  • मस्तिष्क की कार्यक्षमता वृद्धि करने के लिए इसका प्रयोग करवाया जाता है
  • उन्माद रोग के लिए लाभदायक औषधि है ।
  • सन्यास रोग- इस रोग में रोगी बेचैन रहता है । थका हुआ रहता है कुछ भी पूछने पर कुछ भी उत्तर नहीं देता । हाथ पैर नहीं चलते आंखें बंद रखता है । कई बार बेहोशी में बोलता है । और कई बार सुई चुभने जैसी सामान्य वेदना में भी चिल्लाता है । कई बार आंखें लाल हो जाती है सिर में दर्द रहता है । इस रोग में भी स्मृति सागर लाभ पहुंचाता है ।
  • पैरालाइसिस की गंभीर अवस्था- पक्षाघात रोग में स्मृति सागर रस के अच्छे परिणाम मिलते हैं । जीभ का तुतलाना, उच्चारण में अस्पष्टता, मुंह से पानी निकलना, लार टपकना , शरीर की जड़ता, झनझनाहट महसूस होना, जैसे लक्षणों में स्मृति सागर रस के अच्छे परिणाम मिलते हैं ।
  • गर्भावस्था में होने वाला उन्माद में लाभदायक है ।
  • शरीर में आने वाले आक्षेप दूर करता है ।
  • मस्तिष्क की कार्यप्रणाली को सुधार ता है ।
  • केंद्रीय तंत्रिका तंत्र की कार्यप्रणाली में सुधार करता है ।

सावधानी-

  • चिकित्सक की देखरेख में औषधि सेवन करें ।
  • निर्देशित मात्रा से अधिक मात्रा में सेवन ना करें ।
  • कमरे के तापमान पर स्टोर करें ।
  • बच्चों की पहुंच से दूर रखें ।

कहां से खरीदें?

हर मेडिकल स्टोर पर आसानी से उपलब्ध ऑनलाइन भी नीचे दिए गए फोटो से खरीद सकते हैं ।

चेतावनी- इस लेख में दी गई समस्त जानकारी चिकित्सा परामर्श नहीं है । किसी भी आयुर्वेदिक औषधि के सेवन से पूर्व आयुर्वेद चिकित्सक की सलाह आवश्यक है ।

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