स्वर्णप्राशन से जुड़ी आयुर्वेदिक जानकारी (Ayurvedic information about Swarnprashan) स्वर्णप्राशन एक प्राचीन आयुर्वेदिक उपचार है जिसमें स्वर्ण के कारण बच्चे की सेहत और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। स्वर्णप्राशन न केवल बच्चों के शारीरिक स्वास्थ्य को सुरक्षित रखता है, बल्कि उनके मानसिक विकास में भी मदद करता है।
स्वर्णप्राशन बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, जो उन्हें सभी प्रकार के संक्रमण से बचाती है। इसके अलावा, यह बच्चों के शारीर में ताकत भी देता है और उनका दिमाग भी तेज होता है।
स्वर्णप्राशन को बच्चों को जन्म के बाद 28 दिन बाद से शुरू किया जाता है। इसमें स्वर्ण के चुर्ण को गाय के घी या शहद के साथ मिलाकर बच्चे को दिया जाता है। इसके बाद, स्वर्णप्राशन को महीने के अंत में एक बार दिया जाता है।
स्वर्णप्राशन बच्चों की सेहत के लिए बहुत लाभकारी होता है। आप भी अपने बच्चे की सेहत को सुरक्षित रखने के लिए स्वर्णप्राशन का इस्तेमाल कर सकते हैं।